पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘अगर बंगाल जला तो …’ धमकी देना भारी पड़ रहा है। संवेदनशील मुद्दे पर इस तरह का गैर जिम्मेदाराना बयान कोई मुख्यमंत्री कैसे दे सकता है। उनके इस बयान से देशभर में गुस्से का माहौल है। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु डाक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में ममता बनर्जी अब बुरी तरह घिरती नजर आ रही है। पीड़िता के लिए न्याय के लिए हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर वह अपना धैर्य खोती जा रही है पर अपनी गलती उन्हें नहीं दिखाई दे रही है। विगत बुधवार को राज्य में बढ़ते तनाव के बीच उन्होंने धमकी दी की ‘याद रखिए, अगर बंगाल जलता है तो असम, पूर्वोत्तर, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिश और दिल्ली भी जलेगी।’
ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग तेज
मुख्यमंत्री ममता की इस चेतावनी से देशभर में इस्तीफे की मांग तेज हो गई। मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति से इस तरह की उम्मीद लोगों को नहीं थी। बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी संवैधानिक पद पर बैठे किसी नेता की नहीं हो सकती बल्कि राष्ट्र-विरोधी मानसिकता वाले किसी व्यक्ति की लगती है।
ममता की टिप्पणी से अशांति फैलने की आशंका
ममता बनर्जी की आग लगा देने वाली चेतावनी पर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृहमंत्री को एक पत्र लिखकर ममता बनर्जी के इस गैर जिम्मेदारान बयान के लिए संज्ञान लेने का आग्रह किया है। उन्होंने बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि ममता बनर्जी की देशविरोधी टिप्पणीयां काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पूरे प्रदेश में अशांति पैदा होने की आशंका है।
टीएमसी की सफाई देने के बावजूद कोई असर नहीं
इस बीच कानून- व्यवस्था के बाद चेतावनी मामले पर अपनी मुख्यमंत्री को घिरता देख उनकी पार्टी टीएमसी डैमेज कंट्रोल मे लग गई है। पार्टी नेता मामले में सफाई देने के लिए सामने आ गए हैं। पार्टी नेता का कहना है कि ममता के मन में हर राज्य के लिए प्यार है, पर बीजेपी बंगाल को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।
टीएमसी की ओर से सफाई दिए जाने के बावजूद कोई असर नहीं पड़ रहा है। ममता के बयान पर भड़कते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि ‘दीदी की हिम्मत कैसे हुई पूर्वोत्तर को धमकाने की? मैं इस तरह की गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। ममता दीदी को पूर्वोत्तर और देश के बाकी हिस्सों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।’ ‘ बीरेन सिंह ने कहा कि किसी भी राजनेता के लिए सार्वजनिक मंच पर हिंसा की धमकियां देना बहुत ही अनुचित है।’
विभाजनकारी राजनीति ना करें
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा ‘दीदी आपकी हिम्मत कैसे हुई असम को धमकाने की? हमें लाल आंखें मत दिखाइए। आपकी असफलता की राजनीति से भारत को जलाने की कोशिश भी मत कीजिए। आपको विभाजनकारी भाषा बोलना शोभा नहीं देता।’
आपत्तिजनक बयान देने से बचें
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी ‘ममता के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि ममता जी आपको किसने अधिकार दिया ओडिशा के बारे में ऐसे आपत्तिजनक बयान देने का? ओडिशा एक शांतिपूर्ण राज्य है, और यहां के लोग जिम्मेदार और जागरूक हैं। ओडिशा के लोग आपके नफरत भरे रवैये, नकारात्मक टिप्पणियों और हमारे राज्य के प्रति असंवेदनशील रवैये को कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे। जघन्य अपराध की पीड़िता को न्याय दिए बिना आप जो प्रतिशोधात्मक टिप्पणियां कर रहीं हैं वह देश के लिए खतरनाक है। कृपया इस तरह की बयान से दूर रहिए और शांत रहें ।’
अधिनायकवादी आचरण लोकतंत्र के लिए घातक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि ‘टीएमसी सरकार का अधिनायकवादी, नारी विरोधी आचरण नि:संदेह लोकतंत्र को लज्जित, मानवता को अपमानित और सभ्य समाज को शर्मसार करने वाला है।’
इधर दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ‘पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जो कहा वो बहुत ही चिंताजनक और खतरनाक है, संविधान कैसे खतरा में होता है वो बंगाल में अच्छी तरह दिखाई पड़ रहा है।’
विश्व नाथ झा।