सीएम योगी की नई सोशल मीडिया पॉलिसी- सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स पर मेहरबान, देश विरोधी पोस्ट पर सख्त

सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को हर महीने 8 लाख तक की सहायता देगी यूपी सरकार, जबकि देश विरोधी पोस्ट पर उम्रकैद की सजा

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को प्रोत्साहित करने के लिए “यूपी डिजिटल मीडिया नीति 2024” का ऐलान किया है।  इस योजना के तहत, राज्य के सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सक्रिय और प्रभावशाली व्यक्तियों को हर महीने 2 लाख से 8 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी। इस कदम का उद्देश्य राज्य में डिजिटल मार्केटिंग को बढ़ावा देना और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक नया अवसर प्रदान करना है।

यूपी सरकार की योजना का उद्देश्य

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम राज्य में युवाओं को डिजिटल प्लेटफार्मों पर सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस योजना के जरिए, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सोशल मीडिया का उपयोग केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं, बल्कि रोजगार और उद्यमिता के साधन के रूप में भी किया जाए। योगी सरकार का मानना है कि सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के रूप में काम करने वाले लोग राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और इस योजना के तहत उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे अपने कार्यों को और भी प्रभावी ढंग से कर सकें।

कौन बन सकता है लाभार्थी?

इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण मानदंड निर्धारित किए गए हैं। सबसे पहले, लाभार्थी को उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर एक निश्चित संख्या में फॉलोअर्स होने चाहिए, जो उनकी प्रभावशीलता और पहुंच का प्रमाण हो। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल वे ही लोग इस योजना के पात्र होंगे, जो नियमित रूप से सकारात्मक और उत्पादक सामग्री पोस्ट करते हैं। उन सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को प्राथमिकता दी जाएगी, जो राज्य के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और समाज सेवा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहे हैं।

लाभार्थियों का चयन एक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है, जो सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स की प्रोफाइल, उनके फॉलोअर्स की संख्या, और उनकी सामग्री की गुणवत्ता का मूल्यांकन करेगी। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी अधिकारियों के अलावा डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया के विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा। चयनित लाभार्थियों को मासिक आधार पर 8 लाख रुपये तक की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी।

योजना के लाभ

इस योजना से न केवल सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि इससे राज्य में डिजिटल उद्यमिता को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, यह योजना युवाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रोत्साहित करेगी, जिससे बेरोजगारी की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी। सरकार का मानना है कि इस पहल से राज्य में डिजिटल प्लेटफार्मों पर सक्रियता बढ़ेगी और इससे व्यापार और ब्रांड प्रमोशन को भी बढ़ावा मिलेगा।

इस योजना को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जहां एक ओर, कई लोग इसे युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, कुछ लोगों का मानना है कि सरकार का ध्यान केवल सोशल मीडिया पर केंद्रित करना गलत है। आलोचकों का कहना है कि इस तरह की योजनाओं से समाज में असमानता बढ़ सकती है, क्योंकि केवल वही लोग इसका लाभ उठा पाएंगे, जो पहले से ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और जिनके पास पहले से ही संसाधन मौजूद हैं।

देशविरोधी पोस्ट पर खैर नहीं, उम्रकैद तक की सजा

एक तरफ जहां यूपी सरकार ने सकारात्मक कंटेंट सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले यूजर्स को प्रोत्साहित करने का ऐलान किया है, तो वहीं सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक या फिर राष्ट्र विरोधी पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी ऐलान किया गया है। नई नीति के तहत अगर कोई यूजर देशविरोधी कंटेंट पोस्ट करता है, तो उसे उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है।

गौरतलब है कि अभी तक सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट के लिए आईटी एक्ट की धारा 66 (ई) और 66 (एफ) के तहत कार्रवाई होती थी। लेकिन अब नई नीति के तहत अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो तीन साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है

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