असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को बेबाक बोलने के लिए जाना जाता है। मंगलवार को विधानसभा में उन्होंने एक बेबाक बयान दिया। उन्होंने कहा वे ‘मियां ’ मुसलमानों को असम पर कब्जा नहीं करने देंगे। चाहे कुछ भी हो जाय। यह बयान उन्होंने उस समय दिया जब विपक्ष राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने के लिए चार स्थगन प्रस्ताव लेकर सदन में आया था। चर्चा 22 अगस्त को नगोना में एक 14 वर्षीय लड़की के साथ समूहिक दुष्कर्म को लेकर हो रही थी।
जनसंख्या वृद्धि का नहीं रखा गया ध्यान
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा अगर पहले से जनसंख्या बढ़ोतरी को ध्यान में रखा जाता तो अपराध में बढ़ोतरी नहीं हो सकती थी। जब विपक्ष ने उन्हें पक्षपाती होने का आरोप लगाया तो उन्होंने छुटते ही कहा “ मैं पक्ष लूंगा। आप क्या कर सकते हैं? ” “क्या कारण है कि निचले असम के लोग ऊपरी असम में जाएं? ताकि मियां मुसलमान असम पर कब्जा कर सकें? हम ऐसा नहीं होने देंगे।’’
आपको बता दें कि 14 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में मुख्य आरोपी जो 23 अगस्त को काबू किया गया था, पुलिस हिरासत से भागकर एक तालाब में कूद गया था और 24 अगस्त को उसकी मौत हो गई थी।
असम की संस्कृति को लेकर मुख्यमंत्री विशेष संजीदा
हिमंत बिस्व सरमा असम की मूल संस्कृति को लेकर खुलकर सामने आते हैं। घुसपैठियों पर वो हमला करते हैं। विगत वर्ष उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी को अगले दस वर्षों के लिए ‘मियां’ वोटों की जरूरत नहीं है। सरमा ने अक्टूबर 2023 में एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा था कि, भाजपा जनकल्याण का कार्य करेगी और वे हमारा समर्थन करेंगे, लेकिन उन्हें हमारे लिए वोट करने की आवश्यकता नहीं है। हमारा समर्थन करने में कोई हर्ज नहीं है। वे हिमंत बिस्व सरमा, नरेंद्र मोदी और भाजपा के लिए जिंदाबाद के नारे लगा सकते हैं।
विश्व नाथ झा।