एक देश, एक चुनाव: कौन साथ, कौन खिलाफ? जानिए किसने क्या कहा

पहले चरण में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं और दूसरे चरण में नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव कराने की कोविंद कमिटी ने सिफारिश की है। पहले चरण के चुनाव के 100 दिनों के भीतर ही नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव संपन्न कराने की सिफारिश की गई है।

मार्च 2024 में रामनाथ कोविंद कमिटी ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी थी

नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट ने एक देश, एक चुनाव पर बनी कोविंद कमिटी की सिफारिशों को मंजूर कर लिया है। अब संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर बिल पेश किया जाएगा। इस साल मार्च में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमिटी ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को सौंप दी थी। एक देश एक चुनाव पर बनी इस कमिटी में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, गुलाम नबी आजाद, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, सीवीसी (मुख्य सतर्कता आयुक्त) संजय कोठारी, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप के अलावा कानून राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल थे।

कमिटी ने क्या सिफारिशें की हैं?

कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में लोकसभा, विधानसभा, नगरपालिका और पंचायत चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की है। कमिटी ने सुझाया है कि चुनाव दो चरणों में कराए जाएं। पहले चरण में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं और दूसरे चरण में नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव हों। पहले चरण के चुनाव के 100 दिनों के भीतर ही नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव संपन्न कराने की सिफारिश की गई है। इसके साथ ही सभी चुनावों के लिए एक कॉमन मतदाता सूची तैयार किए जाने की सिफारिश की गई है। मोदी कैबिनेट के इस कदम पर सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। आइए जानते हैं कि किसने क्या कहा?

नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

मंत्रिमंडल ने एक साथ चुनाव के बारे में उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। मैं इस प्रयास का नेतृत्व करने और सभी हितधारकों से विस्तृत रूप से परामर्श करने के लिए हमारे पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी को बधाई देता हूं। यह हमारे लोकतंत्र को और अधिक जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री

पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत परिवर्तनकारी सुधारों का गवाह बन रहा है। आज, इस दिशा में, केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एक राष्ट्र, एक चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के साथ, भारत ऐतिहासिक चुनाव सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। यह स्वच्छ और वित्तीय रूप से कुशल चुनावों के माध्यम से हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने और संसाधनों के अधिक उत्पादक आवंटन के माध्यम से आर्थिक विकास में तेजी लाने की मोदी जी की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है।

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

एक समृद्ध लोकतंत्र के लिए राजनीतिक स्थिरता अत्यंत महत्वपूर्ण है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के यशस्वी नेतृत्व में आज केंद्रीय कैबिनेट द्वारा One Nation, One Election प्रस्ताव को दी गई मंजूरी अभिनंदनीय है। देश में राजनीतिक स्थिरता, सतत विकास और समृद्ध लोकतंत्र की सुनिश्चितता में यह निर्णय ‘मील का पत्थर’ सिद्ध होगा। इस युगांतरकारी निर्णय के लिए उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार!

अखिलेश यादव, अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी

लगे हाथ महाराष्ट्र, झारखंड व यूपी के उपचुनाव भी घोषित करवा देते।

– अगर ‘वन नेशन, वन नेशन’ सिद्धांत के रूप में है तो कृपया स्पष्ट किया जाए कि प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक के सभी ग्राम, टाउन, नगर निकायों के चुनाव भी साथ ही होंगे या फिर त्योहारों और मौसम के बहाने सरकार की हार-जीत की व्यवस्था बनाने के लिए अपनी सुविधानुसार?

– ⁠भाजपा जब बीच में किसी राज्य की चयनित सरकार गिरवाएगी तो क्या पूरे देश के चुनाव फिर से होंगे?

– ⁠किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर क्या जनता की चुनी सरकार को वापस आने के लिए अगले आम चुनावों तक का इंतज़ार करना पड़ेगा या फिर पूरे देश में फिर से चुनाव होगा?

मायावती, अध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी

’एक देश, एक चुनाव’ की व्यवस्था के तहत देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा आज दी गयी मंजूरी पर हमारी पार्टी का स्टैण्ड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना ज़रूरी।

एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र

केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक राष्ट्र एक चुनाव को मंजूरी दिए जाने पर हम इसका स्वागत करते हैं क्योंकि इससे समय की बचत होगी, पैसे बचेंगे और आचार संहिता लागू होने से विकास रुक जाता है इसलिए हम इस फैसले का स्वागत करते हैं।

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

आज पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। यह एक स्वागत योग्य कदम है। देश में यह बहुप्रतीक्षित मांग रही है।

असदुद्दीन ओवैसी, अध्यक्ष, एआईएमआईएम

हमने कानून आयोग को लिखित रूप में दिया और मैं (वन नेशन वन इलेक्शन के लिए) गठित समिति के समक्ष भी गया, जिसमें हमने वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध किया है। मुझे लगता है कि यह समस्या की तलाश में एक समाधान है। पीएम मोदी का पूरा गेम प्लान यही है कि राष्ट्रीय पार्टी रहे और बाकी क्षेत्रीय पार्टी खत्म हो जाए।

भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री ने लालकिले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि वन नेशन वन इलेक्शन होने चाहिए। 24 घंटे नहीं बीते और चुनाव आयोग ने दो राज्यों के चुनाव की घोषणा की। अरुण साव कहते हैं छत्तीसगढ़ में वन नेशन वन इलेक्शन की तर्ज पर चुनाव होंगे। अब सरकार के सूत्रों से खबर आ रही है कि नगर निकाय और पंचायती चुनाव एक साथ कराना संभव नहीं है। वे खुद बोलते हैं और कर नहीं पाते हैं। किसी राज्य में अगर सरकार गिर गई तो चुनाव ढाई साल के लिए होंगे या पांच साल के लिए होंगे?

अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री

चुनाव की वजह से जो बहुत खर्चा होता है, वो न हो। बहुत सारा जो लॉ एंड ऑर्डर बाधित होता है, वो न हो। एक तरीके से जो आज का युवा है, आज का भारत है, जिसकी इच्छा है कि विकास जल्दी से हो, उसमें चुनावी प्रक्रिया से कोई बाधा न आए।

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