तुर्किये के बदले रुख से पाकिस्तान को तो परेशानी हो ही रही है, क्योंकि हर साल वो रेचेप तैय्यप अर्दोआन के बयान के बाद इसका स्वागत करते हुए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करता था। इसका एक कारण ये भी बताया जा रहा है कि इस्लामी मुल्क BRICS में शामिल होना चाहता है, इसीलिए वो भारत से संबंध सुधार रहा है।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

UNGA में यूँ ही नहीं कश्मीर राग भूले एर्दोआन, भारत ने ऐसे उतारा ‘खलीफा’ वाला खुमार

बदले-बदले से सरकार नज़र आते हैं... जानिए कैसे भारत तुर्किये को हर तरफ से घेर कर लाइन पर लाया

Anupam K Singh द्वारा Anupam K Singh
26 September 2024
in भू-राजनीति, यूरोप, विश्व
रेचेप तैय्यप अर्दोआन, तुर्किये के राष्ट्रपति

UN में कश्मीर राग भूल गए तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन, समझिए कारण

Share on FacebookShare on X

तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने मंगलवार (24 सितंबर, 2024) को ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ (UNGA) में अपना संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) में मात्र 5 देश होने से लेकर सवाल उठाए, गाजा को महिलाओं-बच्चों का सबसे बड़ा कब्रगाह बता कर फिलिस्तीन के प्रति समर्थन दिखाया। साथ ही उन्होंने चीन में उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार के मुद्दे को भी उठाया। लेकिन, सबसे आश्चर्य की बात ये रही कि तुर्किये के राष्ट्रपति ने 2019 के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र के अपने भाषण में जम्मू कश्मीर का जिक्र नहीं किया। चर्चा तो होगी – आखिर क्यों ‘बदले-बदले से सरकार नज़र आते हैं’?

जब से भारत ने जम्मू कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया और अनुच्छेद-370 को निरस्त किया, तब से लगातार तुर्किये संयुक्त राष्ट्र में लगातार भारत के खिलाफ बोल रहा था। 2019 में रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा था कि जम्मू कश्मीर पर भारत सरकार के फैसले के बाद वहाँ के लाखों लोग नाकेबंदी में जी रहे हैं। 2020 में उन्होंने जम्मू कश्मीर को एक ज्वलंत मुद्दा बताते हुए UN के नियम-कायदों के हिसाब से समाधान की बात कही थी। 2021 में पाकिस्तान के एजेंडे का समर्थन करते हुए उन्होंने जम्मू कश्मीर को ‘संघर्ष क्षेत्र’ बताया था। 2022 में तुर्किये के राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर में भारत की नीतियों को गलत बताया था। वहीं पिछले साल 2023 में रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने भारत के आंतरिक मुद्दे को हस्तक्षेप करते हुए पाकिस्तान से बातचीत करने की सलाह दी थी।

संबंधितपोस्ट

तुर्की को पाकिस्तान का साथ देना पड़ा भारी- भारत के पर्यटन बहिष्कार से तुर्की में टूरिज्म सीज़न चौपट, 37% कम आए टूरिस्ट

मस्क की कंपनी के AI चैटबॉट Grok ने ऐसा क्या कहा कि तुर्की ने कंटेंट कर दिया बैन?

प्रधानमंत्री मोदी को साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला, बोले – इसे मैं विनम्रता और आभार के साथ स्वीकार करता हूं

और लोड करें

अब पिछले 6 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है जब तुर्किये ने UNGA में जम्मू कश्मीर का मुद्दा नहीं उठाया है। इसे तुर्किये की विदेशी नीति में एक बदलाव की तरह देखा जा सकता है। भले ही उसने जम्मू कश्मीर को लेकर अपना रुख न बदला हो, लेकिन एक ऐसे वैश्विक मंच पर जहाँ वो लगातार इस मुद्दे को उठा रहा था वहाँ इसे न उठाया जाना पॉलिसी शिफ्ट के रूप में ही देखा जाएगा। इसका कारण क्या है? तुर्किये के पड़ोसियों आर्मेनिया और साइप्रस के साथ भारत के प्रगाढ़ होते रिश्ते से वो परेशान है या फिर मोदी सरकार में भारत के बढ़ते वैश्विक कद के कारण वो संबंध सुधारने के लिए ये पहल कर रहा है?

BRICS में आना चाहता है तुर्किये

आइए, देखते हैं। तुर्किये के बदले रुख से पाकिस्तान को तो परेशानी हो ही रही है, क्योंकि हर साल वो रेचेप तैय्यप अर्दोआन के बयान के बाद इसका स्वागत करते हुए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करता था। इसका एक कारण ये भी बताया जा रहा है कि इस्लामी मुल्क BRICS में शामिल होना चाहता है, इसीलिए वो भारत से संबंध सुधार रहा है। बता दें कि ये भारत, रूस, ब्राजील, चीन और दक्षिण अफ्रीका का समूह है, जिसमें बाद में ईरान, मिस्र, इथियोपिया और UAE को भी जोड़ा गया। विश्व की 30% भूमि और 45% जनसंख्या का प्रतिनिधित्व ये देश करते हैं।

तुर्किये इसीलिए इसमें शामिल होना चाहता है क्योंकि इस समूह को भविष्य की वैश्विक अर्थव्यवस्था की धुरी के रूप में देखा जा रहा है। इसे G7 के विकल्प के रूप में देखा जाता है। EU (यूरोपियन यूनियन) ने तुर्किये को अपने समूह में शामिल करने से इनकार कर दिया है, ऐसे में तुर्किये अब दूसरे विकल्प के रूप में ब्रिक्स को देख रहा है। तुर्किये की आर्थिक स्थिति भी खराब है, ऐसे में वो गैर-पश्चिमी देशों के समूह के साथ जुड़ना चाहता है। तुर्किये काफी पहले से पश्चिमी देशों का साथी रहा है, 1952 से ही NATO का सदस्य रहा है। इस्लामी मुल्क चाहता है कि उसका कारोबार सिर्फ यूरोपियन यूनियन के भरोसे न रहे। तुर्किये ने अपना वैश्विक प्रभाव बढ़ाने के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच मध्यस्तथा की कोशिशें शुरू कर दीं, साथ ही सऊदी अरब, UAE और फिर इजिप्ट से अपने रिश्ते सुधारे।

मलेशिया ने भी जम्मू कश्मीर पर बदला रुख

शायद मलेशिया के बदले रुख को देख कर तुर्किये ने अपनी नीति बदली हो, ये भी हो सकता है। हाल ही में मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने भी कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा है। ये वही मलेशिया है, जिसके तत्कालीन प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने सितंबर 2019 में UNGA में ही कहा था कि भारत ने जम्मू कश्मीर पर आक्रमण कर के उस पर कब्ज़ा कर रखा है। भारत ने G20 की अध्यक्षता और इसके बैठकों की मेजबानी के दौरान जिस तरह से दुनिया भर में अपना कद भी बढ़ाया, उसके बाद से भारत को न चाहने वाले देश भी रिश्ते ठीक करने में लग गए हैं।

यही काम मलेशिया ने भी किया। चीन, ईरान और UAE के ब्रिक्स में होने के कारण इसे एक गुट द्वारा पश्चिमी जगत विरोधी समूह भी कहा जाता रहा है। हालाँकि, भारत और दक्षिण अफ्रीका के रिश्ते अमेरिका से अच्छे हैं। तुर्किये का मन यूरोपियन यूनियन से इसीलिए भी ऊबता जा रहा है क्योंकि फ्रांस में इमैनुअल मैक्रों हों या फिर इटली में जॉर्जिया मेलोनी, या फिर नीदरलैंड्स में ग्रीट विल्डर्स, यूरोप में लगातार दक्षिणपंथी नेताओं का उभार हो रहा है जो न केवल सत्ता में पहुँच रहे हैं बल्कि इस्लामी घुसपैठियों को लेकर भी कड़ा रुख रखते हैं। यही कारण है तुर्किये ने अब ‘खलीफा’ बनने का इरादा छोड़ दिया गया, उसे पता है कि खिलाफत वाला युग अब नहीं आ पाएगा।

यूँ तो भारत को रेचेप तैय्यप अर्दोआन या ऐसे किसी नेता के बयान से फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि भारत हमेशा से जम्मू कश्मीर को अपना आंतरिक मामला बताता रहा है। लेकिन, तुर्किये के राष्ट्रपति अब देख रहे हैं कि अगर उन्हें UAE, सऊदी अरब और मिस्र जैसे देशों से संबंध सुधारना है और मित्रता प्रगाढ़ करनी है तो उन्हें कट्टर इस्लामी रुख छोड़ना पड़ेगा। वैश्विक राजनीति में UAE या इजिप्ट मुस्लिमों की बहुलता होने के बावजूद इस तरह का रुख नहीं रखते। ऐसे में अर्दोआन अब इस्लामी नेता बनने की जगह अन्य देशों से संबंध सुधार कर अपने मुल्क की आर्थिक स्थिति को ठीक करने पर ध्यान दे रहे हैं।

साइप्रस-आर्मेनिया में भारत ने तुर्किये को घेरा

तुर्किये के रुख में बदलाव का एक अन्य कारण साइप्रस से भारत के सुधरते रिश्ते में छिपा है। तुर्किये और साइप्रस के रिश्ते अच्छे नहीं हैं। साइप्रस के उत्तरी हिस्से में तुर्किये ने अपनी फ़ौज तैनात कर रखी है। वहाँ तुर्किश कम्युनिटी के लोगों की जनसंख्या ज़्यादा है। ग्रीक कम्युनिटी देश पर शासन करती है। 1974 में साइप्रस की ग्रीक मिलिट्री ने बगावत कर सत्ता कब्जा ली, उसके बाद तुर्किये ने भी साइप्रस पर हमला बोल दिया था। द्वीपीय देश साइप्रस में सरकार की स्थापना के बावजूद तुर्किये की फ़ौज वापस नहीं गई। संयुक्त राष्ट्र ने एक ग्रीन लाइन के जरिए ग्रीक उत्तर में रह रहे साइप्रियोट्स और दक्षिण में रह रहे तुर्किश साइप्रियोट्स के बीच आगे संघर्ष को रोकने का प्रयास किया।

दिसंबर 2023 में भारत के विदेश मंत्री S जयशंकर साइप्रस गए थे। वहाँ दोनों देशों के बीच रक्षा और सैन्य के क्षेत्र में कई समझौते हुए। 15 वर्षों में ये पहला मौक़ा था जब भारत का कोई विदेश मंत्री साइप्रस पहुँचा था। साइप्रस भारत के नेतृत्व वाले ‘इंटरनेशनल सोलर अलायंस’ का भी हिस्सा बना। तुर्किये के साथ साइप्रस के विवाद में भारत ने इस छोटे से देश का साथ दिया। जो तुर्किश साइप्रियोट्स में अधिकतर सुन्नी इस्लाम को मानते हैं, ऐसे में आप इसे डेमोग्राफी विवाद से उपजा संघर्ष भी कह सकते हैं। जब तुर्की ने साइप्रस पर हमला किया था तब उसने वरोशा शहर पर भी कब्ज़ा कर लिया था, वहाँ से ग्रीक साइप्रियोट्स को भागना पड़ा था। तुर्किये द्वारा इस शहर को फिर से खोले जाने के विरोध में साइप्रस के प्रस्ताव का UN में 2021 में भारत ने समर्थन किया था।

जून 2024 में साइप्रस में हुए ‘रिफ्लेक्ट फेस्टिवल’ में भारत के स्टार्टअप्स ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। लगातार दूसरी बार भारत के आधिकारिक पार्टनरशिप में इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्घाटन भी साइप्रस में भारत के राजदूत ने किया। साइप्रस EU का भी हिस्सा है, ऐसे में उसे 2 देशों में बाँटने का सपना लिए बैठे तुर्किये को निराशा ही हाथ लगती है।

इसी तरह आर्मेनिया और तुर्किये भी 300 किलोमीटर से अधिक की सीमा साझा करते हैं, लेकिन ये सीमा पिछले 23 वर्षों से बंद पड़ी हुई है। आर्मेनिया और अजरबैजान के युद्ध में पाकिस्तान ने खुल कर अजरबैजान का साथ दिया था। अरजरबैजान जहाँ इस्लामी मुल्क है, आर्मेनिया ने ईसाई मजहब को अपना आधिकारिक रिलिजन घोषित कर रखा है। आर्मेनिया के नागोर्नो-काराबाख़ पर अजरबैजान के हमले के कारण ये युद्ध शुरू हुआ। युद्ध में तुर्किये ने अजरबैजान को हथियार दिए। 2020 के बाद भारत ने भी इसमें एंट्री ली और वो आर्मेनिया के लिए सबसे बड़ा हथियार सप्लायर बन गया। DRDO द्वारा विकसित किए गए ‘आकाश’ नामक ‘सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम’ को ऑर्डर करने वाला पहला देश बना, इसके लिए 6000 करोड़ रुपए की डील हुई।

कुल मिला कर आर्मेनिया और भारत के बीच लगभग 16000 करोड़ रुपए की डिफेंस डील हुई। इससे तुर्किये के कान खड़े हो गए। एक तरफ से आर्मेनिया और एक तरफ से साइप्रस में तुर्किये को भारत ने ऐसा घेरा है कि ‘खलीफा’ बनने की चाहत लिया मुल्क कश्मीर राग भूल गया है और अब भारत के साथ करीबी रिश्ते बनाने की तरफ देख रहा है।

स्रोत: Recep Tayyip Erdoğan, रेचेप तैय्यप अर्दोआन, Turkey, तुर्किये, UNGA, संयुक्त राष्ट्र महासभा, United Nations General Assembly, Jammu Kashmir, जम्मू कश्मीर, Cyprus, साइप्रस, Armenia, आर्मेनिया
Tags: ArmeniaCyprusRecep Tayyip ErdoğanTurkeyआर्मेनियातुर्कीरेचेप तैय्यप अर्दोआनसाइप्रस
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘हिन्दुओं वापस जाओ’ – अमेरिका में मंदिर पर हमला, हनुमान जी के लिए भी अपशब्द

अगली पोस्ट

हिन्दू हित की बात करना पड़ा भारी, अपने ही मंत्री को कांग्रेस ने फटकारा: समन भेज तलब किया

संबंधित पोस्ट

हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया
अर्थव्यवस्था

हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

12 September 2025

नक्शे पर देखिए—दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया। समंदरों और पहाड़ों से घिरा यह इलाका इस समय दुनिया की राजनीति का सबसे बड़ा अखाड़ा है। यहां केवल...

गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान
आयुध

गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

12 September 2025

गुरुग्राम की भीड़-भाड़ वाली सुबह, जैसे हर दिन-कारों की कतारें, कॉर्पोरेट टावरों की रौनक और निर्माणाधीन इमारतों से उठती धूल। लेकिन 12 सितंबर 2025 की...

मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़
चर्चित

मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़

11 September 2025

11 सितम्बर 1950। महाराष्ट्र के चंद्रपुर की गलियों में जन्मा एक बालक आने वाले समय में भारतीय समाज और राजनीति की सबसे महत्वपूर्ण आवाज़ बनेगा,...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03

Suhana Khan in Trouble? Alleged Fake Farmer Claim and the ₹22 Crore Land Deal

00:05:55
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited