अगर कोई अपने घर में जम कर लड़ाई-झगड़ा करे और फिर घरेलू हिंसा को लेकर गाँव के बाकी परिवारों की रेटिंग जारी करे, तो उस व्यक्ति को आप क्या कहेंगे? अमेरिका में कुछ ऐसा ही हो रहा है। वहाँ हनुमान जी को ‘शैतान’ बताया जाता है, स्वामीनारायण मंदिरों पर हमले होते हैं और फिर भारत में ‘धार्मिक स्वतंत्रता’ को लेकर चिंता ज़ाहिर की जाती है।
अमेरिका में हिन्दू मंदिरों पर हमले
‘हिन्दुओं वापस जाओ’ – अमेरिका में एक हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़ मचाने के बाद यही सन्देश छोड़ा गया है। यानी, जिस देश में माइक्रोसॉफ्ट से लेकर गूगल तक जैसी बड़ी कंपनियों के CEO हिन्दू ही हैं, वहाँ से कुछ तत्व हिन्दुओं को भगाना चाहते हैं। जिस ताज़ा घटना की हम बात कर रहे हैं, वो वो बुधवार (25 सितंबर, 2024) की रात कैलिफोर्निया के सैक्रामेण्टो स्थित BAPS मंदिर की है। इस घटना से कुछ ही दिनों पहले न्यूयॉर्क के मेलविले में ऐसी ही एक घटना सामने आई थी। इन घटनाओं से स्थानीय हिन्दू समुदाय में चिंता का माहौल है।
असहिष्णुता वाली इन करतूतों के बीच हिन्दू समाज के प्रबुद्ध लोगों ने एक होकर घृणा के खिलाफ आवाज़ उठाई है, साथ ही शांति और एकता को बढ़ावा देने की बात कही है। दीवारों पर घृणा भरे चित्र बना दिए गए, साथ ही मंदिर की पानी की सप्लाई भी काट दी गई। स्थानीय अधिकारियों ने इसे ‘हेट क्राइम’ की घटना बताया है, साथ ही कहा है कि जाँच जारी है। महंत स्वामी महाराज के नेतृत्व में एक प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया, जिसमें शांति एवं भाईचारे का आह्वान किया गया। स्थानीय नेता भी इसमें शामिल हुए। इसी तरह जुलाई 2022 में कनाडा के एडमॉन्टन में स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी।
Community leaders gathered for a heartfelt prayer ceremony at the @BAPS Mandir in Sacramento, CA, following the desecration of the mandir. Inspired by Mahant Swami Maharaj, we remain dedicated to promoting harmony and standing against intolerance. Together we will defeat hate. pic.twitter.com/LVBUAkCBnh
— BAPS Public Affairs (@BAPS_PubAffairs) September 26, 2024
आखिर हिन्दू मंदिर ही घृणा का शिकार क्यों बन रहे हैं अमेरिका में? यही अमेरिका बाकी देशों के लिए ‘रिलीजियस फ्रीडम’ वाले इंडेक्स जारी करता है और बताता है कि किस देश को धार्मिक स्वतंत्रता की दिशा में क्या करना चाहिए। अब समय आ गया है जब उसे अपना घर देखना चाहिए। हाल ही में अमेरिकी महाद्वीप की सबसे ऊँची हनुमान जी की प्रतिमा के निर्माण के खिलाफ वहाँ कट्टर ईसाइयों के एक गुट ने विरोध करना शुरू कर दिया। इसमें अमेरिकी मीडिया ने भी साथ दिया। Newsweek ने हनुमान जी को ‘आधा मानव, आधा बंदर’ कह कर संबोधित किया।
हनुमान जी की मूर्ति को ‘शैतान’ बता कर विरोध
टेक्सास के सुगरलैंड स्थित श्री अष्टलक्ष्मी आश्रम में बन रही 151 फुट ऊँची ‘Statue Of Union’ नामक इस प्रतिमा को ‘वन गॉड’ नाम से कपड़ों की ब्रांड चलाने वाली मॉर्गन एरियल ने ‘गंदगी’ तक बता दिया। ‘एन्ड टाइम हेडलाइंस’ नामक मीडिया संस्थान ने भी इसे ‘शैतानी’ लिख दिया। AF Post ने ‘हिन्दू शैतान’ बता दिया। ये इतने भड़क गए कि लिखने लगे कि ‘शैतानों’ की मूर्तियाँ लगाए जाने के कारण ‘असली गॉड’ भड़क जाएँगे और फिर क्षेत्र को आपदाओं का सामना करना पड़ेगा। एक चर्च से जुड़े समूह ने विरोध प्रदर्शन भी किया। ये है अमेरिका की ‘धार्मिक सहिष्णुता’।
बताइए, ये लोग ये भी नहीं समझ सकते कि भारत एक ऐसा देश है जहाँ हमने प्रकृति के हर तत्व में ईश्वर को देखा। सूर्य, चंद्र, और जल से लेकर वृक्ष, पशु और बच्चों तक में। चाहे हाथी के सिर वाले गणेश जी हों या वानर रूपी हनुमान, ऋक्षपति जामवंत हों या फिर घोड़े के रूप में हयग्रीव बने भगवान विष्णु – हमने पशु में भी ईश्वर को देखा। गायों की हम पूजा ही करते हैं, माँ मानते हैं। एक तरफ इतनी सहिष्णुता रखने वाला हिन्दू धर्म है, दूसरी तरफ इसका विरोध करने वाले असहिष्णु लोग जो दूसरों की सहिष्णुता अपना थर्मामीटर लेकर मापते हैं।
अमेरिका में हिन्दुओं के खिलाफ घृणा की करतूतें हमने देखी। भारत में अगस्त 2024 तक के आँकड़ों की बात करें तो भारत में 34,403 चर्च हैं, पिछले एक वर्ष में इनकी संख्या में 6.6% की बढ़ोतरी हुई है। Rentech के आँकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक आंध्र प्रदेश में 7073 चर्च हैं वहीं 5517 चर्चों के साथ तमिलनाडु दूसरे और 3054 चर्चों के साथ तेलंगाना तीसरे स्थान पर है। ईसाई धर्मांतरण की लगातार खबरें आती रहती हैं, ‘चंगाई सभा’ के नाम पर गरीबों को फँसाए जाने की कई घटनाएँ सामने आई हैं और मिशनरियों द्वारा गरीब बस्तियों में घूम-घूम कर लालच दिए जाने की खबरें भी सामने आती ही रहती हैं।
भारत भी जारी करे दूसरे देशों की रेटिंग
इन सबके बावजूद आपने कभी किसी चर्च पर हमले की खबर सुनी है? अमेरिका ने रिलीजियस फ्रीडम का एक इंटरनेशनल डिपार्टमेंट बना रखा है। इसमें भारत को उसने ‘कंट्रीज ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न’ में रखा है, यानी यहाँ धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिका चिंतित है। भले ही उसके खुद के देश में हनुमान जी को ‘शैतान’ बताया जाए, या फिर हिन्दू मंदिरों पर एक-एक कर हमले हों। या फिर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू वहाँ बैठ कर भारत को धमकी पर धमकी दे।
अब समय आ गया है जब भारत की हिन्दू संस्थाएँ भी इन देशों की रेटिंग जारी करें, रिपोर्ट बनाएँ कि वहाँ हिन्दुओं के साथ क्या हो रहा है। भारत सरकार को भी मंदिरों पर हमलों को लेकर चिंता जाहिर करनी चाहिए। भारत में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईसाइयों से मिलते हैं। हाल ही में मणिपुर में हिंसा को लेकर भी पादरियों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।