महंत रामगिरी महाराज के खिलाफ 67 FIR, सरकार से पूछ रहा हाईकोर्ट – बताओ अब तक क्या कदम उठाया

मुख्यमंत्री पर ही केस करने की माँग

महंत रामगिरी महाराज, बॉम्बे हाईकोर्ट

महंत रामगिरि महाराज के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूछा

पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप लगा कर एक बार फिर से बड़ा बखेड़ा खड़ा किया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि धार्मिक नेता महंत रामगिरी महाराज के खिलाफ राज्यभर में 67 FIR दर्ज किए गए हैं। यह विवाद तब और गंभीर हो गया जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की मांग उठी। सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि साइबर क्राइम पुलिस द्वारा ऑनलाइन शेयर की गई आपत्तिजनक सामग्री को हटाया जा रहा है।

महंत रामगिरी महाराज के खिलाफ ‘सर तन से जुदा’ के नारे

महंत रामगिरी द्वारा नासिक में आयोजित एक कार्यक्रम में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के बाद यह विवाद तेजी से बढ़ा। बयान ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया और इसका परिणाम कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शनों के रूप में देखने को मिला। कई धार्मिक और राजनीतिक संगठनों ने रामगिरी के बयान की कड़ी निंदा की और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

मुंबई, पुणे, और औरंगाबाद सहित महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में पुलिस थानों में महंत रामगिरी के खिलाफ 67 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इन शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि महंत ने जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को भड़काने और सांप्रदायिक सद्भाव को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया है। उनके खिलाफ मुस्लिम भीड़ सड़कों पर भी उतरी और ‘सर तन से जुदा’ के नारे भी लगाए गए।

सीएम शिंदे के खिलाफ एफआईआर की मांग

इस पूरे मामले में एक नया मोड़ तब आया जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की। याचिकाकर्ता का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने महंत रामगिरी के साथ मंच साझा किया था। याचिका अधिवक्ता मोहम्मद वसी सैयद और अन्य द्वारा दायर की गई थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि इस्लामोफोबिक प्रथाओं को राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संरक्षण मिल रहा है, जिससे हत्या, दंगे और मुस्लिम का बहिष्कार जैसी घटनाएं बढ़ी है।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि महंत रामगिरी के खिलाफ अब तक क्या कदम उठाए गए हैं और अगर नहीं उठाए गए, तो इसके पीछे क्या कारण हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए ।

महंत रामगिरी के बयान के बाद कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए। मुस्लिम समुदाय ने इस बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध रैलियां निकालीं। इन रैलियों में महंत रामगिरी की गिरफ्तारी की मांग की गई और साथ ही मुख्यमंत्री शिंदे पर भी FIR दर्ज करने की मांग की गई।

पैगंबर टिप्पणी विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति और समाज में हलचल पैदा कर दी है। महंत रामगिरी के खिलाफ दर्ज मामलों और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ एफआईआर की मांग ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट की फटकार से सरकार पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है।

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