घोटाले में फँसीं अभिनेत्री तमन्ना भाटिया से ED की पूछताछ: जानिए क्या है ₹15000+ करोड़ का घोटाला, जिससे कांग्रेस के भी जुड़े तार

तमन्ना भाटिया पूछताछ में शामिल होने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन पर 17 अक्टूबर को गुवाहाटी स्थित ऑफिस पहुंची थीं।

तमन्ना भाटिया

तमन्ना भाटिया (फ़ोटो साभार: HT)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया से मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ की है। यह पूछताछ एचपीजेड टोकन ऐप (HPZ Token App) से जुड़ी हुई है। तमन्ना पर आरोप है कि HPZ ऐप से जुड़े कार्यक्रम में जाने और ऐप को प्रमोट करने के लिए (सेलिब्रिटी अपीयरेंस) के लिए उन्हें पैसे मिले थे। इस मामले में ईडी अब तक 497 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर चुकी है।

तमन्ना भाटिया पूछताछ में शामिल होने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन पर गुरुवार (17 अक्टूबर, 2024) को गुवाहाटी स्थित ऑफिस पहुंची थीं। इस दौरान उनकी मां भी साथ थीं। हालांकि ईडी अधिकारियों द्वारा तमन्ना की मां को ऑफिस के बाहर ही इंतजार करने के लिए कहा।

क्या है पूरा मामला?

यह पूरा मामला करोडों रुपए की ठगी से जुड़ा हुआ है। एचपीजेड टोकन ऐप के जरिए लोगों को 57000 रुपए निवेश करने पर रोजाना 4000 रुपए देने का वादा किया गया था। यही नहीं, कई निवेशकों को उनके पैसे दोगुने करने शुरुआत में तो निवेशकों को पैसे दिए गए लेकिन इसके बाद उन्हें पैसे मिलने बंद हो गए। यहां तक कि सर्वर से ऐप भी हटा दिया गया था। आरोप है कि HPZ टोकन ऐप के जरिए पैसे ठगने के लिए शेल कंपनियों के नाम पर कई बैंक अकाउंट खोले गए थे। इनमें पैसे ट्रांसफर कर मनी लांड्रिंग की जा रही थी।

रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ऐप को चलाने वाले लोगों ने निवेशकों के पैसे को बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी में लगाते थे। यही नहीं इसका पैसा महादेव बेटिंग ऐप में भी लगाने की बात सामने आई है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो HPZ टोकन ऐप के तार महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े हुए हैं।

इस मामले में नागालैंड के कोहिमा स्थित साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज हुई थी। यह एफआईआर आईपीसी, 1860 और आईटी एक्ट, 2000 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई थी। इस एफआईआर में HPZ टोकन ऐप के मालिकों के खिलाफ भोले-भाले निवेशकों को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में निवेश के बदले भारी मुनाफे का वादा करके ठगने का आरोप लगाया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इसी एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। इस मामले में, ईडी ने 299 लोगों व संस्थाओं को आरोपित बनाया है।

इसके अलावा, तमन्ना भाटिया पर फेयरप्ले (FairPlay) ऐप से जुड़े होने के भी आरोप हैं। फेयरप्ले ऐप का मामला IPL की अवैध स्ट्रीमिंग से जुड़ा हुआ है। दरअसल, वायकॉम ने ‘फेयरप्ले’ ऐप पर Intellectual Property Rights (IPR) के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। वॉयकॉम का आरोप है कि IPL की अवैध स्ट्रीमिंग से उसे 100 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था।

वायकॉम नेटवर्क ने ऊंची बोली लगाकर आईपीएल के ब्रॉडकास्टिंग राइट्स खरीदे हैं, लेकिन ‘फेयरप्ले’ ऐप पर अवैध रूप से इसका प्रसारण चल रहा था, जिससे वायकॉम नेटवर्क को कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ था। वॉयकॉम की शिकायत के बाद एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया के अलावा जैकलीन फर्नांडीज, सिंगर बादशाह समेत अन्य सेलिब्रिटीज से पूछताछ की जा चुकी है।

महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े हैं तार

आरोप है कि HPZ ऐप का पैसा महादेव बेटिंग ऐप में लगाया गया था। इसके अलावा, फेयरप्ले ऐप की पैरेंटल कंपनी महादेव ऐप है। सीधे शब्दों में समझें तो फेयरप्ले और महादेव बेटिंग ऐप दोनों के एक ही मालिक हैं। गौरतलब है कि महादेव बेटिंग ऐप के जरिए करीब 15000 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं।

महादेव ऐप जरिए ऑनलाइन सट्टेबाजी कराई जा रही थी। आरोप है कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल इसके प्रमुख प्रमोटर हैं। ये दोनों दुबई बेस्ड कंपनी के जरिए यह ऐप चला रहे थे। महादेव ऐप में क्रिकेट, टेनिस, बैडमिंटन, पोकर, कार्ड गेम्स समेत कई तरह लाइव गेम्स खिलाकर उसमें सट्टेबाजी कराई जा रही थी। आरोप यह भी हैं कि इस ऐप में पैसे लगाने वालों यानी सट्टा खेलने वालों को कमाई की जगह लगातार नुकसान ही होता था। बता दें कि महादेव ऐप मामले में पुलिस ने 30 से अधिक लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। साथ ही 1296.05 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है।

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