चुनाव आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। झारखंड में 2 चरणों में जबकि महाराष्ट्र में एक चरण में वोट डाले जाएंगे। इन चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।
झारखंड में 2 चरणों में होगी वोटिंग
झारखंड में 13 नवंबर और 20 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग होगी। झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होना है जिनमें से 9 SC और 28 ST के लिए आरक्षित हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में कुल 2.6 करोड़ मतदाता हैं जिनमें से 18-19 वर्ष के मतदाताओं की संख्या 11.84 लाख है। चुनाव आयोग के मुताबिक, झारखंड में इन विधानसभा चुनावों के लिए 29,562 पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।
महाराष्ट्र में एक चरण में 20 नवंबर को होगा मतदान
झारखंड में एक चरण में 20 नवंबर को मतदान किया जाएगा। महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होना है जिनमें से 29 SC और 25 ST के लिए आरक्षित हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र में कुल 9.6 करोड़ मतदाता हैं जिनमें से 18-19 वर्ष के मतदाताओं की संख्या 20.9 लाख है। चुनाव आयोग के मुताबिक, इन विधानसभा चुनावों के लिए महाराष्ट्र में 1,00,186 पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।
48 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों पर उप-चुनाव
इसके अलावा 15 राज्यों में 48 विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा सीटों पर उप-चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया है। इन उप-चुनावों के नतीजे भी 23 नवंबर को ही घोषित किए जाएंगे। यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव प्रस्तावित थे लेकिन चुनाव आयोग ने 9 सीटों पर उप-चुनावों की घोषणा की है। यूपी की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर मामला कोर्ट में लंबित होने के चलते उप-चुनाव को टाल दिया गया है।
पेजर की तरह EVM की हैंकिग पर चुनाव आयुक्त ने दिया जवाब
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने उन दावों का खंडन किया था जिनमें लेबनान में पेजर ब्लास्ट को EVM से जोड़कर दावा किया जा रहा था कि जब पेजर में ब्लास्ट हो सकता है तो EVM को हैक क्यों नहीं किया जा सकता है। राजीव कुमार ने कहा कि लोगों को समझना चाहिए की पेजर कनेक्टेड होते हैं जबकि EVM कनेक्टेड नहीं होती है। राजीव कुमार ने बताया कि EVM की 6 महीने पहले एफएलसी होती है जिसमें उसकी पहली चेकिंग होती है और ईवीएम को स्टोरेज में रखने, उसकी कमिशनिंग, बूथ में ले जाने से लेकर वोटिंग के बाद स्ट्रॉन्ग रूम तक ले जाने तक की पूरी प्रक्रिया में हर बार राजनीतिक दल के एजेंट मौजूद रहते हैं।
राजीव कुमार ने बताया कि कहीं पर भी चुनाव होने से 5-6 दिन पहले EVM की कमिशनिंग होती है और उस समय उसमें बैटरी और सिंबल डाले जाते हैं। बकौल कुमार, ईवीएम की बैटरी तक पर उम्मीदवार के दस्तखत होते हैं।