रामगोपाल मिश्रा ने नहीं, उनसे पहले मस्जिद से निकले उपद्रवियों ने फाड़ा था भगवा ध्वज: वीडियो देख लीजिए

बहराइच हिंसा का जिम्मेदारी सिर्फ एक व्यक्ति को ठहराने वाले अब क्या कहेंगे?

रामगोपाल मिश्रा, बहराइच हिंसा

हिंसा के लिए सिर्फ एक रामगोपाल मिश्रा को दोषी ठहराने वाले नए वीडियो पर क्या कहेंगे?

बहराइच में दुर्गा पूजा विसर्जन यात्रा पर हमला और पत्थरबाजी हुई। रामगोपाल मिश्रा नामक 22 वर्ष के युवक को घसीट कर ले जाया गया और उनकी हत्या कर दी गई। रामगोपाल मिश्रा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके साथ हुई क्रूरता का खुलासा हुआ है। गोली मारने से पहले उनके नाखून उखाड़ लिए गए थे। उन्हें बिजली का करंट भी लगाया गया था। उन पर चाकू और तलवार से वार भी किए गए थे। हालाँकि, एक गिरोह विशेष इस हत्याकांड को जायज ठहराने में लग गया है। एक वीडियो है, जिसे इस हत्याकांड को जायज ठहराने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

उस वीडियो में रामगोपाल मिश्रा एक घर की छत पर हरा झंडा हटा कर भगवा ध्वज लगाते हुए दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि रामगोपाल मिश्रा ने ये ‘नफरती कृत्य’ किया, इसीलिए उनकी हत्या कर दी गई। इस दौरान ये सवाल भी उठता है कि अगर महज एक झंडा लगा देना हत्या का आधार बन जाता है तो फिर गौहत्या करने वालों से लेकर ‘सर तन से जुदा’ का नारा लगाने वालों और भारत के टुकड़े-टुकड़े करने की बात करने वालों के साथ क्या किया जाना चाहिए? हालाँकि, ये सवाल तो उठते रहेंगे, लेकिन इसी बीच एक नया वीडियो सामने आया है।

इस वीडियो में साफ़ दिखता है कि रामगोपाल मिश्रा ने जो किया वो सिर्फ प्रत्युत्तर या प्रतिक्रिया थी, वो उकसाने या भड़काने की कार्रवाई नहीं थी। अब तक कहा जा रहा था कि इसके सबूत दिखाओ। अब सबूत आ गया है। वीडियो आ गया है। वीडियो में साफ़-साफ़ देखा जा सकता है कि यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से सड़क से गुजर रही थी और भजन बज रहा था। इसी बीच मस्जिद के भीतर से कुछ लोग निकले और उन्होंने DJ बंद करवाना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने भगवा झंडा भी फाड़ कर फेंक दिया। इस पर बात होगी?

यानी, पहले DJ का विरोध किया गया और भगवा झंडा फाड़ कर फेंका गया, जो भी हुआ उसके बाद हुआ। गोलीबारी भी उसी तरफ से हुई। रामगोपाल मिश्रा के शरीर में गोलियों के 35 छर्रे मिले हैं। पत्थर भी उधर से ही चले। हत्या भी उन्हीं लोगों ने की। लेकिन, सिर्फ एक वीडियो को लेकर गुनहगार ठहरा दिया गया उन रामगोपाल मिश्रा को, जिन्हें मार डाला गया। रामगोपाल मिश्रा के 2 भाई पहले ही मर चुके हैं, अब उनके साथ परिवार ने अपने इकलौते बचे बेटे को भी खो दिया। इसकी भरपाई कौन करेगा?

और अगर ये वीडियो वाला सबूत न भी आता, तो भी हम छत्तीसगढ़ के कवर्धा हिंसा को याद कर लें। अक्टूबर 2021 में कवर्धा में हिंसा ही हिन्दू ध्वज हटाने को लेकर हुई थी, वो भी माता मंदिर से। 350 की भीड़ सड़कों पर तलवार लहराती हुई निकली थी। हिन्दुओं ने कितनों की हत्याएँ की झंडा हटाने को लेकर? उलटा हिन्दू ही पिटे, वो ही पीड़ित रहे। जो गिरोह अब तक रामगोपाल मिश्रा को गाली दे रहा था वो क्या अब उनलोगों को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार मानेगा जिन्होंने बहराइच की दुर्गा पूजा विसर्जन यात्रा में भगवा झंडा फाड़ कर फेंका?

अब जिनका काम केवल हिन्दू धर्म को गाली देना है, वो तो इस वीडियो में भी भगवा ध्वज फाड़ने वालों और DJ का विरोध करने वालों का बचाव कर सकते हैं। इसके लिए वो ‘जय श्रीराम’ भजन को आपत्तिजनक और भड़काऊ बता देंगे। जबकि ‘जय श्री राम’ का सीधा अर्थ होता है राम और सीता की विजय हो। यहाँ ‘श्री’ लक्ष्मी का प्रतीक है, सनातन परंपरा में नारी को सम्मान दिया जाता है और इसीलिए राम से पहले ‘श्री’ आता है।

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