बँटेंगे तो बाँटने वाले महफ़िल सजाएँगे… वापस हिंदुत्व वाले फॉर्म में BJP, पीएम मोदी ने साफ़ कर दिया रुख

महाराष्ट्र, आंध्र और बिहार के सहयोगी भी भगवा रंग में रंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बंजारा समाज, संत

बंजारा समाज के संतों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

क्या भाजपा एक बार फिर से हिंदुत्व के मुद्दे पर लौट रही है? इस सवाल पर चर्चा इसीलिए भी बनती है, क्योंकि महाराष्ट्र पहुँचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कुछ ऐसा कहा है जो पार्टी की आगे की राजनीति की दिशा तय करने वाला लग रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “अगर हम बँटेंगे, तो बाँटने वाले महफ़िल सजाएँगे।” उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस जानती है कि उसका वोट बैंक तो एक रहेगा, लेकिन बाकी लोग आसानी से बँट जाएँगे, टुकड़े हो जाएँगे, इसीलिए, कॉन्ग्रेस और उसके साथियों का एक ही मिशन है – समाज को बाँटो, लोगों को बाँटो, और सत्ता पर कब्ज़ा करो।

पीएम मोदी ने कहा कि हमें अतीत से सबक लेना होगा और हमारी एकता को ही देश की ढाल बनाना होगा। बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी एक बयान बड़ा लोकप्रिय हुआ था – ‘बँटेंगे तो कटेंगे।’ उन्होंने बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हुई हिंसा का जिक्र करते हुए ये बात कही थी। वो कई मंचों से अपने इस बयान को दोहरा चुके हैं। इन सब बयानों से साफ़ है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद गठबंधन सहयोगियों के साथ बहुमत पाकर सरकार चला रही भाजपा वापस हिंदुत्व के ट्रैक पर लौट रही है।

सिर्फ भाजपा ही नहीं, बल्कि उसके सहयोगी दल भी अब भगवा रंग में रंगते हुए दिखाई दे रहे हैं। पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के वाशिम में कृषि एवं पशुपालन संबंधित 23,000 करोड़ रुपए से भी अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करते हुए ये बातें कही। महाराष्ट्र में ही कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार ने गाय को ‘राज्य माता’ घोषित किया। एकनाथ शिंदे भाजपा की सहयोगी पार्टी ‘बाळासाहेबांची शिवसेना’ के संस्थापक हैं। उन्होंने जोशीमठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और वृन्दावन के अनिरुद्धाचार्य महाराज जैसे संतों की मौजूदगी में ये फैसला लिया।

आंध्र प्रदेश में भाजपा की सहयोगी पकार्टियों TDP और जनसेना को भी देख लीजिए। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जहाँ विपक्षी नेता जगन मोहन रेड्डी के राज में तिरुपति मंदिर में लड्डू प्रसाद में जानवर की चर्बी और मछली का तेल होने का खुलासा किया, वहीं डिप्टी CM पवन कल्याण इसका प्रायश्चित करने के लिए मंदिर पहुँच गए। वो भाजपा से भी एक कदम आगे बढ़ कर सनातन बोर्ड बनाने की माँग कर रहे हैं। वो गर्व से खुद को हिन्दू बता रहे हैं। चंद्रबाबू नायडू भी पहली बार हिंदुत्व की राजनीति कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें भी झटका लगा है जो मोदी सरकार के सहयोगियों के टूटने और सरकार गिरने की बातें कर रहे थे।

वहीं बिहार में भी जदयू नेता व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने सीतामढ़ी स्थित पुनौरा धाम के पुनर्विकास का ऐलान किया है। इस तरह महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और बिहार में भाजपा की 4 सहयोगी पार्टियाँ भगवा रंग में रंग गई हैं और हिंदुत्व की राजनीति में भाजपा से भी एक कदम आगे बढ़ कर चल रही हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ताज़ा रुख भी बताता है कि 303 से 240 पर पहुँचने के बाद भाजपा एक बार फिर से अपने कोर मुद्दे पर लौट रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिन्दू समाज की एकता पर भी बल दे रहे हैं, उन्होंने महाराष्ट्र में बंजारा समाज के संतों से भी मुलाकात की और उनसे संवाद किया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर बंजारा समाज के अपमान का आरोप लगाया। संत सेवालाल महाराज और संत रामराव महाराज की समाधि पर भी उन्होंने श्रद्धांजलि दी। घुमंतू बंजारा समाज की जाति महाराष्ट्र में 6% है, वो 1.30 करोड़ हैं और अनुसूचित जनजाति यानी ST में आते हैं। बसंतराव नाइक और सुधाकरराव नाइक CM बने, जो इसी समाज से हैं। पूरे देश में इनकी जनसंख्या 10 करोड़ से भी मानी जाती है।

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