हां मैं कबाड़ीवाला… कौन हैं नवाब मलिक, जिनको टिकट देने के खिलाफ बीजेपी, डी कंपनी से क्या लिंक?

मनी लॉन्ड्रिंग केस में नवाब मलिक एक साल पांच महीने तक जेल में बंद थे। अगस्त 2023 में उन्हें जमानत मिली थी।

नवाब मलिक पर दाऊद इब्राहिम से संबंधों का आरोप

मुंबई: हम किसी भी ऐसे शख्स को टिकट देना स्वीकार नहीं करेंगे, जिसका अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन हो। बीजेपी ने नवाब मलिक की उम्मीदवारी का विरोध करते हुए महाराष्ट्र विधानससभा चुनाव के लिए यह लकीर खींच दी है। चुनाव में एक महीने से भी कम बचा है और ऐसे में महायुति और महाविकास अघाड़ी सीटों और उम्मीदवारों पर मंथन में जुटे हैं। लेकिन बीजेपी के इस बयान का सीधा मतलब है कि नवाब मलिक को अजित पवार की एनसीपी से टिकट मिलना टेढ़ी खीर होगी। कौन हैं नवाब मलिक और दाऊद इब्राहिम से उनके संबंधों को लेकर बीच-बीच में क्यों बवाल मचता है, आइए जानते हैं।

जेल से छूटने के बाद अजित के साथ हुए नवाब

नवाब मलिक एक समय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी का टीवी डिबेट में चेहरा हुआ करते थे। समय का पहिया घूमा और जुलाई 2023 में भतीजे अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत की, तो एनसीपी के दो धड़े हो गए। अजित पवार महायुति के साथ गए और डिप्टी सीएम बन गए। वहीं उनके साथ जिन चेहरों ने शरद पवार का साथ छोड़ा, उसमें सबसे चर्चित नाम नवाब मलिक का था। मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल से छूटने के बाद नवाब मलिक ने अजित से हाथ मिलाया। इस बीच अजित पवार ने नवाब मलिक की अणुशक्तिनगर सीट पर उनकी बेटी और पेशे से वकील सना मलिक शेख को टिकट दिया है। सना को हाल ही में अजित पवार ने पार्टी का प्रवक्ता भी बनाया था। माना जा रहा है कि नवाब मलिक की यहां पकड़ होने की वजह से अजित ने उनके परिवार में ही सीट रहने दी है। 1996 से लेकर 2019 तक छह विधानसभा चुनावों में नवाब मलिक पांच बार यहां से जीते हैं। सिर्फ 2014 के विधानसभा चुनाव में उनकी हार हुई थी।

नवाब मलिक का विरोध करेगी बीजेपी: शेलार

अब सवाल इस बात का है कि नवाब मलिक के टिकट को लेकर क्या पेच फंस रहा है? दरअसल मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष शेलार ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि हम नवाब मलिक का समर्थन नहीं करेंगे और हमारा इस पर मत अलग है। शेलार ने कहा कि दाऊद इब्राहिम से जुड़े किसी भी व्यक्ति को टिकट दिए जाने का बीजेपी विरोध करेगी। ऐसी चर्चा हो रही है कि अजित पवार अब नवाब मलिक को मानखुर्द-शिवाजीनगर विधानसभा सीट से उतार सकते हैं।

क्या शरद पवार के साथ फिर जाएंगे नवाब?

नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर महायुति में गतिरोध भी दिख रहा है। एक ओर नवाब मलिक की बेटी सना मलिक शेख को पिता की सीट  अणुशक्तिनगर मिल गई है। ऐसे में चर्चा इस बात की भी है कि कहीं नवाब मलिक एक बार फिर शरद पवार के साथ न चले जाएं? दो दिन पहले ही पांच बार के विधायक राजेंद्र शिंगणे ने शरद पवार की पार्टी ज्वाइन की है। बुलढाणा के सिंधखेड़ राजा से विधायक शिंगणे को अजित पवार का करीबी माना जाता था। ऐसे में इस कयास को बल मिल रहा है कि कहीं नवाब मलिक भी अजित पवार को झटका तो नहीं देने वाले हैं।

फडणवीस भी कर चुके हैं नवाब का विरोध

नवाब मलिक का विरोध देवेंद्र फडणवीस भी खुलकर करते रहे हैं। मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत मिलने के बाद जब नवाब मलिक नागपुर में विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे तो फडणवीस ने अजित पवार को चिट्ठी लिखी। फडणवीस ने लिखा, ‘सत्ता आती-जाती रहती है, पर देश सबसे ऊपर है। नवाब मलिक को अभी सिर्फ मेडिकल आधार पर जमानत मिली है। वो दोषमुक्त नहीं हुए हैं। इस स्थिति में उनका महायुति (बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी अलायंस) में रहना उचित नहीं होगा। उनसे हमारी कोई व्यक्तिगत शत्रुता नहीं है। उम्मीद है कि हमारी भावनाओं का आदर किया जाएगा।‘

नवाब मलिक कौन हैं?     

नवाब मलिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में उतरौला के रहने वाले हैं। 1970 में जब नवाब का परिवार उतरौला के गांव से मुंबई आया तो उनकी उम्र 11 साल थी। राजनीति में आने से पहले वह कारोबारी थे। मलिक परिवार के मुंबई में छोटे-बड़े व्यवसाय के साथ एक होटल था। इसके अलावा कबाड़ के कारोबार से भी उनका परिवार जुड़ा था। एक बार उन्होंने कहा भी था कि हां मैं कबाड़ीवाला हूं और मुझे गर्व है कि मेरा परिवार कबाड़ी का काम करता था। मुंबई की सियासत में नवाब मलिक ने समाजवादी पार्टी से शुरुआत की थी और दो बार विधायक रहे। वहीं तीन बार वह एनसीपी के टिकट पर मुंबई साउथ सेंट्रल लोकसभा में आने वाली अणुशक्तिनगर सीट से जीते। 2020 में नवाब मलिक को मुंबई एनसीपी का अध्यक्ष बनाया गया। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार में नवाब मलिक कैबिनेट मंत्री थे। उनके पास अल्पसंख्यक, कौशल विकास और उद्यमिता विभाग था। आर्यन खान ड्रग केस में नवाब मलिक लगातार मुखर थे। उन्होंने एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े को निशाने पर लिया था। इसी दौरान उनके दामाद समीर खान की भी गिरफ्तारी हुई थी। समीर वानखेड़े से विवाद के बीच 23 फरवरी 2022 को उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने उनकी आठ संपत्तियों को जब्त किया था। इनमें कुर्ला के गोवाल कंपाउंड में संपत्ति, धाराशिव में 147 एकड़ जमीन, मुंबई में तीन फ्लैट और रेजिडेंसियल हाउस शामिल थे।

नवाब का डी कंपनी से क्या कनेक्शन?   

नवंबर 2021 में देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक पर दाऊद इब्राहिम से संबंध रखने का आरोप लगाया था। फडणवीस ने आरोपों के पक्ष में कहा था, ‘नवाब मलिक ने मुंबई धमाकों के आरोपी सरदार शाहवाली और सलीम पटेल से जमीन खरीदी। नवाब मलिक ने सिर्फ 30 लाख रुपये में करोड़ों रुपये की जमीन खरीदी। एलबीएस रोड पर एक लाख 23 हजार वर्गफुट जमीन सॉलिडस नाम की कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड है।‘ फडणवीस ने कहा था कि गोवा की एक प्लंबर मरियम बाई की ओर से पावर ऑफ अटॉर्नी सलीम पटेल को दी गई थी। उन्हें यह जमीन वली खां से मिली थी। फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ‘सलीम पटेल दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के ड्राइवर थे। उसी ने जमीन सॉलिडस नाम की कंपनी को बेच दी थी। इस कंपनी का स्वामित्व नवाब मलिक परिवार के पास है। नवाब मलिक जब मंत्री बने तो उन्होंने सॉलिडस कंपनी छोड़ दी और यह फरहान मलिक के पास आ गई।‘ वहीं नवाब मलिक ने अपनी सफाई में कहा था कि उन्होंने बम धमाके के किसी आरोपी से जमीन नहीं खरीदी और कानून के मुताबिक खरीद-फरोख्त हुई। मनी लॉन्ड्रिंग केस में 11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य आधार पर नवाब मलिक को जमानत दी थी। एक साल पांच महीने तक जेल में रहने के बाद नवाब बाहर आए और उन्होंने अजित पवार की एनसीपी का दामन थामा।

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