मोदी सरकार ने देश के गरीब और कमजोर वर्गों के लिए एक कदम उठाते हुए मुफ्त अनाज योजना को 2028 तक बढ़ाने का फैसला किया है। इस निर्णय का उद्देश्य देश के जरूरतमंद नागरिकों को आर्थिक रूप से राहत पहुंचाना है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब वैश्विक स्तर पर खाद्य संकट और महंगाई के कारण गरीब वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है।
मोदी सरकार ने इस योजना को 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू किया था। इसका मुख्य उद्देश्य देश के गरीब और वंचित वर्गों को महामारी के दौरान आवश्यक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना था। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत गरीब परिवारों को प्रतिमाह मुफ्त अनाज दिया जा रहा था।
सरकार ने अब इस योजना को 2028 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत गरीबों को हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम मुफ्त अनाज दिया जाएगा।
पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को मुफ्त अनाज वितरण को 4 साल तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार अब 2028 तक गरीबों को मुफ्त अनाज देगी। यह योजना मुख्य रूप से उन परिवारों के लिए है जो गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहे हैं। इसका लाभ गरीब, मजदूर, किसान, और समाज के अन्य कमजोर वर्गों को मिलेगा। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह सरकार की अन्य योजनाओं के साथ मिलकर काम करती है, जैसे कि मनरेगा और उज्ज्वला योजना ।
इसके अलावा, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के गरीब लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इससे उन परिवारों को राहत मिलेगी जो महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं।
मुफ्त अनाज योजना को 2028 तक बढ़ाने का मोदी सरकार का फैसला निश्चित रूप से एक बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य देश के गरीबों को राहत देना और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना है।