भगोड़े आतंकियों की लिस्ट में कनाडाई अफसर, ISI लिंक भी बेनकाब, भारत ने ट्रूडो सरकार को भेजी डिटेल

आतंकी संदीप सिंह सिद्धू कनाडियन बॉर्डर सर्विस एजेंसी (CBSA) में अधिकारी है।

संदीप सिद्धू कनाडा की CBSA में अधिकारी है

नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच तनाव चरम पर है। हरदीप सिंह निज्जर मामले के बाद दोनों देशों के बीच पिछले डेढ़ साल से संबंध बुरे दौर में हैं। इस बीच भारत सरकार ने कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार से एक आतंकी की जानकारी शेयर की है। संदीप सिंह सिद्धू नाम का यह शख्स कनाडियन बॉर्डर सर्विस एजेंसी (CBSA) में अधिकारी है। पंजाब में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में सिद्धू का नाम आया है। इसके साथ ही वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में भी रहा है। भारत ने लिस्ट में शामिल आतंकियों को कनाडा से निर्वासित करने और प्रत्यर्पण की मांग की है। भारत सरकार की ओर से यह सूची ट्रूडो सरकार को सौंप दी गई है।

कनाडा की CBSA में अधिकारी है आतंकी सिद्धू

कनाडा की सीबीएसए में सुपरिंटेंडेंट के पद पर संदीप सिंह सिद्धू को प्रमोट किया गया था। उस पर भारत के पंजाब में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के सिलसिले में भगोड़े आतंकियों की सूची में शामिल किया गया है। सिद्धू इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) का सदस्य है। भारतीय की नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने कनाडा से जो जानकारी शेयर की है, उसके मुताबिक सिद्धू ने अक्टूबर 2020 में पंजाब में कॉमरेड बलविंदर सिंह संधू की टारगेटेड किलिंग कराई। इस काम में कुख्यात गैंगस्टर सुखमीत पाल सिंह की मदद ली गई। एनआईए ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट को भी बताया था कि शौर्य चक्र विजेता कॉमरेड बलविंदर संधू की हत्या की साजिश कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों ने रची थी। संधू की पंजाब के भिखीविंड में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 90 के दशक में पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में योगदान के लिए संधू को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।

संदीप सिंह सिद्धू ने पंजाब में आतंकी गतिविधियों को दिया अंजाम

पंजाब में खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों में शामिल           

पंजाब में कई आतंकी घटनाओं में उसकी संलिप्तता सामने आई है। जिन बलविंदर सिंह संधू की हत्या  में संदीप सिद्धू का नाम आया है, उनको खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ मुहिम के लिए जाना जाता था। वह अलगाववादियों के नापाक मंसूबों का विरोध करते थे। इसी वजह से खालिस्तानी आतंकियों ने उनको रास्ते से हटा दिया। संधू की हत्या के लिए कनाडाई अधिकारी सिद्धू ने पाकिस्तान में छिपे खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह रोडे से संपर्क किया था। एनआईए की जांच में पता चला है कि संधू की हत्या  सुनियोजित साजिश के तहत हुई थी। इसका उद्देश्य भारत को अस्थिर करके अलगाववादी भावनाओं को भड़काना था। एनआई ने जांच के दौरान साजिश में शामिल जिन लोगों की पहचान की है, उनमें कनाडा में केएलएफ का सदस्य सनी टोरंटो, सुखमीत पाल सिंह उर्फ सुख भिकारीवाल और ISYF का लखबीर सिंह रोडे शामिल है। एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा है कि हत्या का उद्देश्य पंजाब में अशांति फैलाना और आतंकवाद को बढ़ावा देना था। एनआईए जांच में खुलासा हुआ है कि खाालिस्तानी आतंकी पंजाब के समाज में कट्टरपंथी भावनाओं को भड़काकर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं। संधू की हत्या इसी व्यापक साजिश का हिस्सा थी।

पाक की आईएसआई का सहयोगी संदीप सिद्धू

खालिस्तानी आतंकी संदीप सिद्धू का पाकिस्तान की आईएसआई के साथ कनेक्शन निकलकर आया है। एनआईए के मुताबिक पंजाब में संधू की हत्या के पीछे पाकिस्तान में मौजूद आतंकी लखबीर सिंह उर्फ रोडे और कनाडा में खालिस्तानी गुर्गे सनी टोरंटो मास्टरमाइंड हैं। अभी इस एंगल की जांच चल रही है कि कहीं सनी टोरंटो ही संदीप सिंह सिद्धू का छद्म नाम तो नहीं है। एनआईए ने कहा है कि कनाडा की बॉर्डर सर्विस एजेंसी में काम करने वाले संदीप सिंह सिद्धू को हाल ही में सुपरिंटेंडेंट के रैंक पर प्रमोट किया गया है। संदीप का खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह उर्फ रोडे, अमेरिका में मौजूद गुरजोत कौर (कट्टरपंथी खालिस्तानी और हरमीत सिंह हैप्पी की विधवा होने का दावा) और पाकिस्तान में आईएसआई अफसरों के साथ सक्रिय रूप से गठजोड़ है।

विदेश में इन खालिस्तानी आतंकियों की मौत

गुरजोत कौर पाकिस्तान में शरण लेने वाले आतंकी और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के चीफ हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचडी (अब मृत) की पत्नी होने का दावा करती है। 23 जनवरी 2023 को आतंकी हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचडी की लाहौर में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं 6 मई 2023 को आतंकी संगठन केएलएफ के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवड़ की लाहौर में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या की थी। 15 जून 2023 को केएलएफ के अवतार सिंह खांडा की ब्रिटेन के बर्मिंघम में एक अस्पताल में मौत हो गई थी। 18 जून 2023 को कनाडा के सरे शहर में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या की गई थी। हरदीप निज्जर भी भारत के वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल था।

26 प्रत्यर्पण की मांग और कनाडा की चुप्पी

भारत ने प्रत्यर्पण की मांगों पर कार्रवाई न करने के लिए हाल ही में कनाडा पर सवाल खड़े किए थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, ‘पिछले एक दशक या उससे ज्यादा समय के दौरान भारत ने कम से कम 26 प्रत्यर्पण अनुरोध कनाडा को भेजे हैं। ये सभी अभी कनाडाई अफसरों के पास लंबित हैं। लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों के बारे में कनाडा सरकार के साथ हमने सुरक्षा संबंधी जानकारी शेयर की थी और गिरफ्तारी का अनुरोध किया था। अब तक कनाडा ने इस अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं की है।’

निज्जर पर भारत-कनाडा के संबंध बिगड़े

संदीप सिद्धू का मामला सामने आने के बाद अब देखना है कि कनाडा क्या कार्रवाई करता है। ये सब घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत और कनाडा के संबंध काफी तनावपूर्ण हैं। हरदीप निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा ने भारत पर उंगली उठाई थी। हालांकि आरोपों के समर्थन में उसने अब तक कोई सबूत नहीं उपलब्ध कराया है। कनाडा ने भारत से साझा किए डिप्लोमैटिक कम्युनिकेशन में कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य राजनयिकों पर निज्जर की हत्या के मामले में जुड़े होने का आरोप लगाया है। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘जस्टिन ट्रूडो सरकार के रवैए की वजह से भारतीय डिप्लोमैट्स की सुरक्षा खतरे में है। वर्तमान सरकार पर हमें कोई भरोसा नहीं है। हमने कनाडा से कहा है कि ट्रूडो सरकार जिस तरह भारत के खिलाफ अलगाववाद का समर्थन कर रही है, उसके खिलाफ भारत के पास जवाब देने का अधिकार है।‘

भारत ने कनाडा के 6 डिप्लोमैट्स को निकाला

भारत ने बढ़ते तनाव के बीच अपने राजनयिकों को कनाडा से वापस बुला लिया था, इनमें कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा शामिल हैं। इसके साथ ही कनाडा के छह डिप्लोमैट्स को देश से निष्कासित कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने 19 अक्टूबर को रात 11 बजकर 59 मिनट से पहले इन्हें भारत छोड़ने के आदेश दिए हैं। निज्जर की हत्या के बाद भारत-कनाडा के संबंध बहुत बुरे दौर से गुजर रहे हैं। नवंबर 2023 तक भारत ने कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवा बंद रखी थी। भारत ने आरोप लगाया है कि कनाडा की सरकार राजनीतिक फायदे के लिए भारत पर गलत आरोप लगा रही है।

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