‘दुर्व्यवहार से दुःखी हूँ’: कांग्रेस के OBC विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ही छोड़ दी पार्टी, अहीरवाल में फिर झटका

लालू यादव के समधी हैं कैप्टन अजय सिंह

कैप्टन अजय सिंह यादव, हरियाणा

कैप्टन अजय सिंह यादव के छोड़ी कांग्रेस, 70 साल से पार्टी से जुड़ा था परिवार

हरियाणा कांग्रेस में हार के बाद भगदड़ की स्थिति है। अब कैप्टन अजय सिंह यादव ने कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया है। एक तो अहीरवाल बेल्ट में कांग्रेस पहले से ही कमजोर थी, ऊपर से वहाँ स्थित गुरगाँव, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में 11 में से 10 विधानसभा सीटें भाजपा के पास चली गईं। राव इंद्रजीत सिंह केंद्र में 2014 से ही राज्यमंत्री हैं और अब उनकी बेटी आरती राव को भी हरियाणा सरकार में मंत्री बनाया गया है। राव इंद्रजीत सिंह भी लंबे समय तक कांग्रेस में ही हुआ करते थे। उनके पिता राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

ऐसे समय में अजय सिंह यादव का कांग्रेस छोड़कर जाना अहीरवाल बेल्ट में कांग्रेस की राजनीति को लगभग समाप्त कर सकता है। कैप्टन अजय सिंह यादव के बारे में बता दें कि वे रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से लगातार 5 बार विधायक रहे हैं। वे लगातार 23 वर्षों तक यहाँ से MLA के पद पर रहे। इतना ही नहीं, उनके पिता अभय सिंह यादव भी विधायक रहे हैं। अजय के बेटे चिरंजीव राव भी 2019 में MLA बन चुके हैं। हालाँकि, इस बार भाजपा के लक्ष्मण सिंह यादव के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

चिरंजीव राव, बिहार के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद हैं। लालू यादव की बेटी अनुष्का यादव की शादी कैप्टन अजय सिंह यादव के बेटे चिरंजीव राव से अप्रैल 2012 में हुई थी। अनुष्का यादव, लालू यादव और राबड़ी देवी की छठी बेटी हैं। बिहार में राजद और कांग्रेस गठबंधन में हैं। ऐसे में लालू यादव के रिश्तेदार का दक्षिणी हरियाणा में कमजोर कांग्रेस को छोड़कर जाना पार्टी को और कमजोर करेगा, इसमें कोई शक नहीं है। कैप्टन अजय सिंह यादव का परिवार पिछले 70 वर्षों से कांग्रेस के साथ जुड़ा हुआ था। उन्होंने ऐसे समय में पार्टी छोड़ी है, जब राज्य में भाजपा सरकार का शपथ ग्रहण हुआ है, नायब सिंह सैनी लगातार दूसरी बार CM बने हैं।

‘X’ पर किए गए एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मैंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी के OBC विभाग के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा भेज दिया है। साथ ही मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देता हूँ। यह एक कठिन निर्णय था, क्योंकि कांग्रेस के साथ हमारा रिश्ता 70 वर्ष पुराना है। सन् 1952 में मेरे पिता अभय सिंह यादव कांग्रेस पार्टी से विधायक चुने गए थे। लेकिन, सोनिया गांधी के पार्टी अध्यक्ष पद से हटने के बाद मेरे साथ आलाकमान द्वारा किए गए बुरे व्यवहार के कारण मैं दुखी हूँ।”

कांग्रेस के लिए यह इसीलिए भी बड़ा झटका है, क्योंकि राहुल गांधी OBC-OBC का रट्टा लगाते रहते हैं और जाति की बातें करते रहते हैं। अब पार्टी के OBC विभाग के मुखिया ही पार्टी छोड़कर चले गए। उधर हरियाणा के मंत्रिमंडल में CM सहित 5 OBC चेहरे हैं। आरती के अलावा राव नरवीर सिंह को भी मंत्री बनाया गया है। उन्होंने गुड़गाँव के बादशाहपुर से जीत दर्ज की है। इस तरह 2 यादव चेहरे सैनी कैबिनेट का हिस्सा हैं। अब देखना है कि हरियाणा के अहीरवाल बेल्ट और देश भर में OBC समाज को कांग्रेस क्या संदेश देती है।

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