पाकिस्तान ने पूरी दुनिया में आतंकवाद का जो जहर बोया है, उसे दुनिया ने देखा है। 2011 में अमेरिका की तत्कालीन विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा था, “आप अपने आंगन में सांप नहीं पाल सकते और यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वह सिर्फ पड़ोसियों को ही डसेगा।” पर जो सबक सीख ले, वो क्या पाकिस्तान? पाकिस्तान ने आतंकियों को पालना-पोसना जारी रखा, और अब वह खुद इसके परिणाम भुगत रहा है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के दुक्की इलाके में शुक्रवार तड़के अज्ञात हमलावरों ने खदान में काम करने वाले 20 मजदूरों की हत्या कर दी। इस हमले में कई मजदूर घायल भी हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी भी आतंकी या चरमपंथी संगठन ने नहीं ली है।
पुलिस ने क्या बताया?
मजदूरों पर यह हमला दुक्की थाना क्षेत्र में, दुक्की शहर से लगभग आठ किलोमीटर दूर खैर मुहम्मद नासिर इलाके में हुआ। दुक्की के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) हुमायूं खान के अनुसार, हथियारबंद हमलावरों के एक समूह ने भारी हथियारों का इस्तेमाल करते हुए जुनैद कोल कंपनी की खदानों पर हमला किया। हुमायूं के मुताबिक, हमलावरों ने खदानों पर रॉकेट और ग्रेनेड भी दागे।
दुक्की के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) कलीमुल्लाह काकर और असिस्टेंट कमिश्नर (एसी) ने घटनास्थल का दौरा किया। डीसी काकर ने बताया कि मारे गए लोगों में पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों और अफगानिस्तान के लोग भी शामिल हैं।
पाकिस्तान की सरकार क्या कह रही है?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है और अधिकारियों से घटना पर रिपोर्ट तलब की है। शहबाज शरीफ ने मृतकों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और पाकिस्तान को आतंकवाद से मुक्त करने के अपने संकल्प को दोहराया।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीएम बुगती ने कहा कि आतंकवादियों ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी हैं और उनका मकसद पाकिस्तान को अस्थिर करना है।
बढ़ते आतंकवाद से टूट जाएगा पाकिस्तान
पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ के मुताबिक, पाकिस्तान में 2023 में 789 आतंकी हमले हुए, जिनमें 1524 लोगों की मौत हुई, जबकि 1463 लोग घायल हुए। ‘डॉन’ के मुताबिक, यह आंकड़ा पिछले 6 वर्षों में सबसे अधिक है। पाकिस्तान में आतंकवाद और चरमपंथ की बढ़ती घटनाओं के बीच हाल ही में कराची एयरपोर्ट के पास हुए हमले में 2 चीनी नागरिकों की भी मौत हुई थी।
चीन पाकिस्तान में ‘चीन-पाक आर्थिक गलियारा’ जैसी परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है। चीन के नागरिकों पर लगातार हमले हो रहे हैं, और इन हमलों के पीछे खासतौर पर बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) का हाथ माना जाता है। स्थानीय लोग आरोप लगाते हैं कि चीन की निवेश परियोजनाओं से उन्हें कोई लाभ नहीं मिल रहा, बल्कि इसके लिए उनके संसाधनों का शोषण किया जा रहा है। बलूचिस्तान के लोग पूर्वी पाकिस्तान की तरह अपने लिए अलग राष्ट्र की मांग कर रहे हैं।
पाकिस्तान द्वारा कब्जा किए गए कश्मीर के हिस्से में भी वहां के लोग पाकिस्तान के शोषण के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और पाकिस्तान से अलग होने की मांग उठा रहे हैं। पाकिस्तान के अन्य प्रांतों में भी हालात ऐसे ही हैं। सिंध प्रांत के लोग अलग ‘सिंधुदेश’ की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे हैं, जबकि खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी सेना के शोषण के खिलाफ बड़ी रैलियां और प्रदर्शन हो रहे हैं। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के हालात भी कमोबेश ऐसे ही हैं। आतंकवाद और चरमपंथ को बढ़ावा देने वाला पाकिस्तान आज खुद एक बारूद के ढेर पर बैठा है। आने वाले समय में अगर पाकिस्तान कई हिस्सों में बिखरता हुआ दिखे, तो यह कोई हैरानी की बात नहीं होगी।