ताज-ए-रात-ए हिंद… दिल्ली में चोरी की 163 साल पुरानी पहली FIR का किस्सा

दिल्ली में पहली प्रथम सूचना रिपोर्ट यानी एफआईआर 18 अक्टूबर 1861 को दर्ज हुई थी।

18 अक्टूबर 1861 को दिल्ली में दर्ज हुई थी पहली FIR

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में पहली प्राथमिकी या प्रथम सूचना रिपोर्ट (फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट) कब दर्ज हुई थी? किस घटना के सिलसिले में यह एफआईआर कराई गई थी? क्या आपको पता है कि किस थाने में यह शिकायत दर्ज हुई थी और शिकायतकर्ता कौन लोग थे? ऐसे सवाल अगर आपके जेहन में उठते हैं, तो चलिए हम इनके जवाब आपको देते हैं। दिल्ली पुलिस के इतिहास में 18 अक्टूबर की तारीख एक मील का पत्थर है। दिल्ली शहर की पहली एफआईआर इसी दिन 163 साल पहले यानी वर्ष 1861 में दर्ज हुई थी।

सब्जी मंडी थाने में पहली FIR

दिल्ली के इतिहास में चोरी का पहला पंजीकृत मामला यही था। खास बात यह है कि प्राथमिकी का कुछ हिस्सा उर्दू और कुछ फारसी लिखा गया था। दरअसल उस समय दिल्ली पंजाब प्रांत का हिस्सा थी और उर्दू-फारसी भाषाएं प्रचलन में थीं। अदालतों के साथ ही पुलिस के कामकाज में इनका इस्तेमाल किया जाता था। चोरी की यह पहली एफआईआर सब्जी मंडी थाने में दर्ज हुई थी। कटरा शीशमहल के निवासी मोहम्मद यार खान के बेटे मयुद्दीन ने यह प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सब्जी मंडी थाने का इतिहास भारतीय पुलिस अधिनियम 1861 से जुड़ा हुआ है। सब्जी मंडी दिल्ली का पहला पुलिस स्टेशन था। इस थाने को 18 अक्टूबर 1861 को स्थापित किया गया था।

क्या-क्या चोरी, किसने कराई एफआईआर?

अब आपको बताते हैं कि शिकायतकर्ता ने किन वस्तुओं की चोरी के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी? यह मामला सब्जी मंडी थाना क्षेत्र के तहत ’45 आने’ यानी लगभग 2.80 रुपये मूल्य के घरेलू सामान की चोरी से जुड़ा था। जिन वस्तुओं की चोरी हुई थी, उनमें महिलाओं के कपड़े, बर्तन, हुक्का, और दूसरे सामान शामिल थे। इस प्राथमिकी के मुताबिक 17 अक्टूबर की रात मयुद्दीन के घर से तीन देगची, एक कुल्फी बनाने का फ्रेम, एक कटोरा, एक हुक्का और औरतों के 45 आने (लगभग 270 पैसे) मूल्य के कपड़े चोरी हुए थे।

अंग्रेजों ने दिल्ली में 5 थाने बनाए थे

सब्जी मंडी का इलाका दिल्ली-6 यानी पुरानी दिल्ली का हिस्सा है। परिसीमन के बाद अब यह क्षेत्र दिल्ली-7 के तहत आता है। हिंदी फिल्मों में अक्सर आपने देखा होगा कि जज फैसला सुनाते हुए एक शब्द का इस्तेमाल जरूर करते हैं- ताज-ए-रात-ए हिंद। 1861 ईसवी में वह कानून अस्तित्व में आया था, जिसे ताज-ए-रात-ए हिंद यानी भारतीय दंड संहिता या इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) नाम से जाना जाता है। अंग्रेजों ने आईपीसी के साथ ही दिल्ली में पांच थाने बनाए थे- सब्जी मंडी, सदर बाजार, कोतवाली, महरौली और मुंडका (नांगलोई)। इस समय जो बाड़ा हिंदूराव अस्पताल की पहाड़ी से आजाद मार्केट चौक की ओर चौराहे पर दाहिना हिस्सा है, सब्जी मंडी वहां हुआ करती थी। बाद में चौराहे से कमलानगर घंटाघर के समानांतर सब्जी मंडी फैलती चली गई।

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