मेलोनी ने बांध दिया मौलाना का बोरिया बिस्तर, इटली में फैला रहा था कट्टरपंथ

1995 से वहां रह रहा था जुल्फिकार

जॉर्जिया मेलोनी, जुल्फिकार खान

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कट्टरपंथी मौलाना ज़ुल्फ़िकार खान को देश से निकाला

जॉर्जिया मेलोनी के नेतृत्व वाली इटली की सरकार ने पाकिस्तान के इमाम जुल्फिकार खान को देश से निष्कासित कर दिया है। बोलोग्ना की एक मस्जिद में इमाम के रूप में काम कर रहे जुल्फिकार पर कट्टरपंथी जिहादी विचारधाराओं और हमास जैसे आंतकी समूहों का समर्थन करने का आरोप है। 54 वर्षीय जुल्फिकार को इटली से निकालने के आदेश पर 8 अक्टूबर को हस्ताक्षर किए गए थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1995 में जुल्फिकार ने पाकिस्तान में रहना शुरू किया था और वह 2023 के बाद से उसने बढ़ती कट्टरपंथी गतिविधियों के चलते हमास की खुलकर तारीफ की और पश्चिमी देशों के खिलाफ नफरत भरे वीडियो पोस्ट किए थे।

जुल्फिकार ने किया मुस्लिमों के टैक्स देने का विरोध

जुल्फिकार खान ने सार्वजनिक रूप से इटली के विरोध समेत कई तरह के नफरती बयान दिए थे। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि जुल्फिकार मुस्लिमों द्वारा सरकारी टैक्स दिए जाने का भी विरोधी था। एक बयान में उसने मुस्लिमों को सरकार की ओर से लिए जा रहे टैक्स का विरोध करने को कहा था। जुल्फिकार अक्सर दावा करता था कि इटली के सारे संसाधन मुस्लिम समुदाय के भीतर ही रहने चाहिए।

हमास के समर्थन में दिया बयान

इजरायल और आंतकी गुट हमास में जारी युद्ध के बीच जुल्फिकार ने हमास की तारीफ की थी। मई 2024 में जुल्फिकार ने एक मस्जिद में उपदेश देते हुए कथित तौर पर हमास की प्रशंसा की थी। जुल्फिकार ने तर्क दिया था कि हमास अपनी जमीन की रक्षा कर रहा था और अमेरिकियों और इजरायलियों को आतंकवादी और हत्यारा करार दिया था।

इस युद्ध को लेकर जुल्फिकार के कई वीडियोज में अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और इटली जैसे देशों के लोगों को नापाक ज़ायोनी एजेंडा के समर्थक के रूप में लेबल किया था। दरअसल, ज़ायोनीवाद का उद्देश्य यहूदी लोगों के लिए फिलिस्तीन में एक सार्वजनिक और कानूनी रूप से सुनिश्चित घर स्थापित करना है। नवंबर 2023 में एक टीवी शो के दौरान फिलिस्तीन ने यहूदियों के खिलाफ जहर उगला और बाइबिल का हवाला देते हुए उसने इजरायलियों को आतंकी और धोखेबाज बताया था।

जुल्फिकार को लेकर क्या बोली इटली सरकार

इतालवी सरकार ने जुल्फिकार को देश से निकाले जाने के फैसले पर खुशी जताई है। इटली के उप-प्रधानमंत्री माटेओ साल्विनी ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि इटली की सरकार ने अंततः जुल्फिकार को घर भेज दिया है। वहीं, इटली के आंतरिक मामलों के मंत्री माटेओ पियांटेडोसी ने इस फैसले पर कहा कि जुल्फिकार अपनी बढ़ती वैचारिक कट्टरता दिखा रहे थे।

पियांटेडोसी ने जुल्फिकार का जिक्र करते हुए उसकी यहूदी विरोधी बयानबाजी के साथ-साथ समलैंगिकता विरोधी और नारी विरोधी बयानों का जिक्र करते हुए उसके रूख को कट्टरपंथी बताया है।

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