भारतीय विमानों को धमकी देने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एयर इंडिया के विमान में हमले की धमकी दी है। साथ ही पन्नू ने कहा है कि यह हमला 1 नवंबर से 19 नवंबर के बीच हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा है कि सिख दंगों के 40 साल पूरे होने पर एयर इंडिया में हमला हो सकता है। पन्नू ने धमकी देते हुए कहा है कि दीपावली के बाद एयर इंडिया के विमान में ब्लास्ट हो सकता है। अगर लोगों को अपनी जान प्यारी है तो 1 नवंबर से 19 नवंबर के बीच एयर इंडिया में सफर न करें। पन्नू की इस धमकी के बाद से जांच एजेंसियां अलर्ट पर हैं। बता दें कि पन्नू आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का संस्थापक है।
गौरतलब है कि पन्नू पहले भी इस तरह की धमकियां देता रहा है। नवंबर 2023 में भी उसने ऐसी ही एक धमकी दी थी। इसके अलावा हाल के दिनों में विमान कंपनियों को करीब 100 धमकियां मिली हैं। हालांकि ये सभी धमकियां अफवाह ही साबित हुई हैं।
उल्लेखनीय है कि गुरपतवंत सिंह पन्नू खालिस्तानी आतंकियों के पनाहगाह कनाडा और अमेरिका में बैठकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता रहा है। उसने हालिया धमकी ऐसे समय में दी है जबकि कनाडा और भारत के संबंधों में खटाई पड़ चुकी है। वहीं अमेरिका के साथ संबंध भी खराब होने की स्थिति में नजर आ रहे हैं।
दरअसल, दोनों ही देश ने भारत पर झूठे आरोप मढ़ रहे हैं। कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत में भारत का हाथ होने की बात कही है। वहीं, अमेरिका ने विकास यादव नामक व्यक्ति को रॉ एजेंट बताते हुए उस पर पन्नू को मारने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।
बता दें कि खालिस्तानी आतंकी पहले भी एयर इंडिया के विमान में हमला कर चुके हैं। 23 जून 1985 को एयर इंडिया के कनिष्क’ नाम के बोईंग 747 विमान को बम से उड़ा दिया था। यह विमान कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर से लंदन होते हुए भारत आ रहा था।
इस विमान में आतंकी संगठन बब्बर खालसा के तत्कालीन चीफ तलविंदर सिंह परमार ने इंद्रजीत सिंह रैयत तथा अन्य कुछ आतंकियों के साथ मिलकर बम रख दिया था। इसके बाद 9400 मीटर की ऊंचाई पर विस्फोट कर विमान को उड़ा दिया गया था। इससे विमान अटलांटिक महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस आतंकी हमले में 22 भारतीय व 270 कनाडाई समेत 329 लोग मारे गए थे।
आतंकी तलविंदर सिंह परमार ने 23 जून 1985 को ही एयर इंडिया के एक अन्य विमान को बम से उड़ाने की प्लानिंग की थी। इसके लिए उसने एक अन्य विमान से बैग जापान की राजधानी टोक्यो भिजवाया था। टोक्यो पहुंचने के बाद बैग को एयर इंडिया के विमान में रखा जाना था। लेकिन जब बैग को दूसरे विमान से एयर इंडिया के विमान में रखने के लिए लाया जा रहा था तभी उसमें विस्फोट हो गया था। इस दुर्घटना में टोक्यो एयरपोर्ट पर काम करने वाले 2 श्रमिक मारे गए थे।
इस मामले में कनाडाई सरकार ने सिर्फ इंद्रजीत सिंह रैयत को ही दोषी ठहराया था। बाद में साल 2017 में जस्टिन ट्रूडो सरकार ने इंद्रजीत सिंह रैयत को भी रिहा कर दिया था। वहीं, तलविंदर सिंह परमार साल 1992 में पंजाब पुलिस के साथ हुए एनकाउंटर में मारा गया था।