क्या है ‘रोश हशाना’, जिसकी PM मोदी ने दी शुभकामनाएं: यहूदियों का नया साल, खाते हैं सेब और शहद

भारत ने दिया मित्रता का संदेश

रोश हशाना, इजरायल, यहूदी नया साल

यहूदी नववर्ष 'रोश हशाना' के बारे में जानिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (1 अक्टूबर, 2024) को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायल की जनता को ‘रोश हशाना’ के पवित्र अवसर पर शुभकामनाएं भेजीं। यहूदी नववर्ष, जिसे ‘रोश हसाना’ के नाम से जाना जाता है, इजरायल और दुनियाभर के यहूदियों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने इजरायल और उसके लोगों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

पीएम मोदी का संदेश: मित्रता और प्रार्थना का संदेश

पीएम मोदी ने ट्विटर पर बेंजामिन नेतन्याहू के प्रति अपनी मित्रता और समर्थन का इजहार करते हुए लिखा, “मेरे मित्र नेतन्याहू, मैं प्रार्थना करता हूं कि आपका और इजरायल का भविष्य उज्ज्वल हो।” पीएम मोदी ने यह संदेश ऐसे समय में भेजा है जब दुनिया में कई चुनौतियों का सामना हो रहा है, लेकिन भारत और इजरायल के बीच मित्रता के बंधन मजबूत बने हुए हैं। दोनों देशों के बीच पिछले कुछ वर्षों में संबंधों में गहराई आई है, और यह संदेश इसी संबंध का प्रतीक है।

रोश हशाना यहूदी कैलेंडर के नए साल का प्रारंभ होता है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने इजरायल की जनता को शुभकामनाएं दीं, और कहा कि आने वाला साल उनके जीवन में शांति, समृद्धि और खुशी लाए।

भारत और इजरायल के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना 1992 में हुई थी, और तब से लेकर आज तक इन संबंधों में लगातार मजबूती आई है। रक्षा, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ा है। पीएम मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू की व्यक्तिगत दोस्ती ने इन संबंधों को और मजबूत किया है।

2017 में पीएम मोदी ने इजरायल का दौरा किया था, और यह भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इजरायल यात्रा थी। इस यात्रा ने भारत-इजरायल संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ा। उस दौरे के दौरान नेतन्याहू और मोदी ने साथ में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और उनकी दोस्ती भी काफी मजबूत हो गई।

इजरायल की ओर से भी नेतन्याहू ने कई मौकों पर भारत और पीएम मोदी के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की है। दोनों नेताओं ने समय-समय पर एक-दूसरे को शुभकामनाएं भेजी हैं और वैश्विक मुद्दों पर एक-दूसरे का समर्थन किया है।

‘रोश हशाना’ का महत्व

‘रोश हशाना’, जो यहूदी नववर्ष के रूप में मनाया जाता है, एक नई शुरुआत का समय होता है। यह त्योहार यहूदियों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे यहूदी कैलेंडर के सातवें महीने में मनाया जाता है और दो दिनों तक चलता है।

इस समय पर यहूदी समुदाय के लोग अपने परिवारों के साथ समय बिताते हैं, प्रार्थनाएं करते हैं, और पवित्र पुस्तकों का अध्ययन करते हैं। यह समय लोगों को अपने पिछले वर्ष के कार्यों पर विचार करने और आने वाले वर्ष के लिए नई शुरुआत करने का मौका देता है। रोश हसाना को यहूदी मान्यताओं के अनुसार सृष्टि की रचना रचना का दिन भी माना जाता है।

इस त्योहार के अवसर पर सेब और शहद खाया जाता है, जो एक मीठे और समृद्ध नए साल की कामना का प्रतीक होते हैं। इसके साथ ही शोफर (भेड़ के सींग से बना वाद्ययंत्र) बजाया जाता है, जो इस त्योहार का एक धार्मिक अनुष्ठान है।

पिछले कुछ वर्षों में भारत और इजरायल ने एक-दूसरे का बहुत मुद्दों पर समर्थन किया है। चाहे वह सुरक्षा के मामले हों, कृषि या फिर साइबर सुरक्षा में सहयोग, दोनों देशों के बीच अच्छा तालमेल है। पीएम मोदी का यह संदेश केवल व्यक्तिगत दोस्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच के गहरे संबंधों का प्रतीक है।

बेंजामिन नेतन्याहू और पीएम मोदी की व्यक्तिगत दोस्ती ने भारत-इजरायल संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, और यह शुभकामना संदेश इसी दोस्ती का एक और उदाहरण है।

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