चीन ने नहीं दिया पैसा तो भारत की शरण में मालदीव, PM मोदी के सामने नरम पड़े मुइज्जु के तेवर

आर्थिक संकट से घिरा है द्वीपीय देश

मुहम्मद मुइज्जु, नरेंद्र मोदी

मुहम्मद मुइज्जु के ढीले पड़े तेवर, PM नरेंद्र मोदी से मिले

कुछ महीनों पहले भारत और मालदीव के रिश्ते शायद इतिहास के सबसे खराब दौर में पहुंच गए थे। मालदीव का कथित ‘इंडिया आउट कैंपेन’, वहां के मंत्रियों की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गईं आपत्तिजनक टिप्पणियां और चीन-मालदीव के बीच बढ़ती नजदीकियों के चलते दोनों देशों के रिश्तों में बहुत कड़वाहट आ गई थी। भारत में ‘बॉयकाट मालदीव’ का ट्रेंड शुरू हुआ और इसके चलते द्वीपीय देश जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या घटने लगी।

मालदीव की अर्थव्यवस्था पर जब इसका असर दिखा तो उसका रूख नरम पड़ने लगा। अब जब मालदीव भारी कर्ज में घिरा हुआ है और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है तो ऐसे समय में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अपनी पत्नी और फर्स्ट लेडी साजिदा अहमद के साथ 5 दिन के भारत दौरे पर आए हैं। यह मुइज्जू को पहला द्विपक्षीय दौरा है और उन्होंने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की है।

हाथ मिले, क्या दिल भी मिलेंगे!

रविवार को भारत पहुंचे मुइज्जू का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पर विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह पहुंचे थ और सोमवार को राष्ट्रपति भवन में उन्हें गार्ड ऑफ आनर दिया गया। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी अगुआई की। आमतौर पर देखा जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के साथ गर्मजोशी से पेश आते हैं और गले मिलते हैं लेकिन मुइज्जू के मामले में ऐसा नहीं हुआ।

पीएम मोदी ने सिर्फ 2 सेकेंड तक हाथ मिलाकर मुइज्जू का स्वागत किया इससे ऐसा लग रहा है कि भारत ने मालदीव के लिए बेशक अपनी झोली खोल दी है लेकिन भारत अभी मालदीव को पूरा तरह से ‘माफ’ नहीं कर पाया है। राष्ट्रपति भवन में एक और दिलचस्प वाकया हुआ, अमूमन यहां स्वागत के बाद विदेशी प्रमुख मीडिया से कुछ बातचीत करते हैं जो मुइज्जू की तरफ से नहीं की गई है।

चीन को लेकर नरम पड़ता मालदीव का रुख

मालदीव के नेता आमतौर पर चुनाव जीतने के बाद पहली विदेश यात्रा के तौर पर भारत आते रहे हैं लेकिन मुइज्जू ने पिछले साल नवंबर में सत्ता संभालने के बाद भारत आने से पहले मुइज्जू ने तुर्की और चीन की यात्रा करने का विकल्प चुना था। मुइज्जू के प्रशासन ने चीनी शोध जहाज़ ज़ियांग यांग होंग 3 को भी अपने बंदरगाह पर आने की अनुमति दे दी, जिससे भारत में नाराजगी देखी गई थी।

आर्थिक संकट से जूझ रहे मालदीव को उम्मीद थी इसके ज़रिए चीन से उसे वित्तीय मदद मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मालदीव के एक वरिष्ठ संपादक ने BBC को बताया कि मुइज्जू ने कई बार कहा कि चीन ने उसे 5 साल तक ऋण भुगतान न करने को हरी झंडी दे दी है लेकिन मालदीव को चीन से वित्तीय मदद नहीं मिली है।

राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत यात्रा के बीच चीन को लेकर ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ से बातचीत में कहा कि उन्हें विश्वास है कि अन्य देशों के साथ मालदीव के संबंध भारत के सुरक्षा हितों को कमजोर नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “मालदीव और भारत अब एक-दूसरे की चिंताओं को बेहतर ढंग से समझते हैं और हमारे बीच रक्षा सहयोग हमेशा प्राथमिकता रहेगा।”

द्विपक्षीय वार्ता के बाद क्या बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने सोमवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव में हनीमाधू अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे का वर्चुअली उद्घाटन किया और मालदीव में RuPay कार्ड से भुगतान की शुरुआत भी कई गई।

पीएम मोदी ने कहा, “दोनों देशों के रिश्ते सदियों पुराने है और भारत, मालदीव का सबसे क़रीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र देश है।” उन्होंने कहा, “भारत ने सदैव मालदीव के लिए फर्स्ट रिस्पॉन्डर की भूमिका निभाई है. चाहे उसमें मालदीव के लोगों के लिए जरूरत की चीजों को पूरा करना हो, प्राकृतिक आपदा के समय पीने का पानी उपलब्ध कराना हो, कोविड के समय वैक्सीन देने की बात हो, भारत ने हमेशा पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया है।” पीएम बोले, “मालदीव की आवश्यकता अनुसार 400 मिलियन डॉलर और 3000 करोड़ रुपये का करेंसी स्वैप समझौता भी संपन्न हुआ है।”

मुइज्जू ने भारत को दिया धन्यवाद

मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने मदद के लिए भारत सरकार का धन्यवाद दिया है। मुइज्जू ने कहा कि करेंसी स्वैप समझौता उन मुद्दों को हल करने में मददगार होगा जिनका अभी मालदीव सामना कर रहा है। उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता पूरा होने की आशा करते हैं जो हमारे देशों के बीच पूर्ण आर्थिक क्षमताओं का इस्तेमाल हो सकेगा।”

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