मुंबई: क्या नवाब मलिक के मुद्दे पर महायुति में दरार आ गई है? अगर नवाब मलिक पर्चा भरते हैं, तो क्या अजित पवार उनका साथ देंगे? क्या नवाब मलिक की वजह से बीजेपी और अजित पवार के बीच तनाव वाली स्थिति है? और सबसे बड़ा सवाल नवाब मलिक एनसीपी के सिंबल घड़ी से मैदान में उतरेंगे या कोई और चुनाव निशान अपनाएंगे? ये सारे सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि एनसीपी नेता नवाब मलिक ने एलान कर दिया है कि वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। अब सवाल उठता है कि क्या नवाब मलिक के मुद्दे पर बीजेपी-एनसीपी का गठबंधन टूट सकता है?
‘29 को पर्चा दाखिल करूंगा और चुनाव लड़ूंगा’
ऐसे बहुत सारे कयासों को बल मिल रहा है एनसीपी नेता नवाब मलिक के बयान से। नवाब मलिक ने शनिवार को अजित पवार से मुलाकात की। इस दौरान छगन भुजबल भी मौजूद थे। इस मुलाकात के बाद नवाब मलिक ने कहा ‘मैं शिवाजीनगर-मानखुर्द विधानसभा क्षेत्र से 29 तारीख को पर्चा दाखिल करूंगा और मैं चुनाव लड़ूंगा। मुझे जनता ने यहां पर चुनाव लड़ने के लिए आग्रह किया है। जिस तरह की गुंडागर्दी शिवाजीनगर-मानखुर्द में है, जिस तरह से नशे का कारोबार है, पूरी तरह से जनता परेशान है, बदलाव चाहती है और हम शिवाजीनगर-मानखुर्द से चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे।‘
#WATCH | Maharashtra: NCP leader Nawab Malik says, "I will be filing my nomination on 29th October from the Mankhurd Shivaji Nagar Assembly constituency. The public has urged me to contest elections from here. The public is very upset with the hooliganism and drug business which… pic.twitter.com/4NlfkfJmJ8
— ANI (@ANI) October 26, 2024
किसका क्या विरोध, उससे लेना-देना नहीं: नवाब
जब नवाब मलिक से पूछा गया कि बीजेपी उनकी उम्मीदवारी का विरोध कर रही है, तो उन्होंने कहा, ‘देखिए 29 तारीख के दिन सारी चीजें स्पष्ट हो जाएंगी। हम चुनाव लड़ेंगे, किसका क्या विरोध है, उससे हमारा लेना-देना नहीं। जनता हमारे साथ है और जनता की ताकत पर हम चुनाव लड़ेंगे और हम जीतेंगे। चुनाव का मुद्दा एक ही है गुंडागर्दी मुक्त नशामुक्त शिवाजीनगर और इसी को लेकर हम चुनाव में जाएंगे।‘
अभी इस सीट से अबू आजमी विधायक
शिवाजीनगर-मानखुर्द सीट से अभी समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी विधायक हैं। ऐसे में नवाब मलिक के इसी सीट से लड़ने के ऐलान से दिलचस्प मुकाबला हो सकता है। अबू आजमी महाराष्ट्र की सियासत में विवादित शख्सियत हैं। अगर नवाब मलिक शरद पवार की एनसीपी में जाते हैं, तो भी उनके लिए समस्या होगी। दरअसल सपा भी अपने लिए महाविकास अघाड़ी में ज्यादा सीटें चाहती है। अबू आजमी ने एक दिन पहले ही शरद पवार से मुलाकात के बाद कहा, ‘अगर सपा को महाराष्ट्र में पांच सीटें नहीं मिलीं तो हम अपने 25 उम्मीदवारों को उतारेंगे। हम पांच की मांग कर रहे हैं। हम इतना इंतजार नहीं कर सकते। शरद पवार सीनियर नेता है, इसलिए उनके पास आया हूं।‘
नवाब के एनसीपी से लड़ने पर पेच क्यों फंसा?
नवाब मलिक के टिकट को लेकर पेच क्यों फंस रहा है? दरअसल मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष शेलार ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा था कि हम नवाब मलिक का समर्थन नहीं करेंगे और हमारा इस पर मत अलग है। शेलार ने कहा कि दाऊद इब्राहिम से जुड़े किसी भी व्यक्ति को टिकट दिए जाने का बीजेपी विरोध करेगी। अब सवाल इस बात का है कि जिस एनसीपी में मलिक हैं, क्या वह उनके साथ है?
फडणवीस भी कर चुके हैं नवाब का विरोध
नवाब मलिक का विरोध देवेंद्र फडणवीस भी खुलकर करते रहे हैं। मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत मिलने के बाद जब नवाब मलिक नागपुर में विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे तो फडणवीस ने अजित पवार को चिट्ठी लिखी। फडणवीस ने लिखा, ‘सत्ता आती-जाती रहती है, पर देश सबसे ऊपर है। नवाब मलिक को अभी सिर्फ मेडिकल आधार पर जमानत मिली है। वो दोषमुक्त नहीं हुए हैं। इस स्थिति में उनका महायुति (बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी अलायंस) में रहना उचित नहीं होगा। उनसे हमारी कोई व्यक्तिगत शत्रुता नहीं है। उम्मीद है कि हमारी भावनाओं का आदर किया जाएगा।‘
नवाब मलिक कौन हैं?
नवाब मलिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में उतरौला के रहने वाले हैं। 1970 में जब नवाब का परिवार उतरौला के गांव से मुंबई आया तो उनकी उम्र 11 साल थी। राजनीति में आने से पहले वह कारोबारी थे। मलिक परिवार के मुंबई में छोटे-बड़े व्यवसाय के साथ एक होटल था। इसके अलावा कबाड़ के कारोबार से भी उनका परिवार जुड़ा था। एक बार उन्होंने कहा भी था कि हां मैं कबाड़ीवाला हूं और मुझे गर्व है कि मेरा परिवार कबाड़ी का काम करता था। मुंबई की सियासत में नवाब मलिक ने समाजवादी पार्टी से शुरुआत की थी और दो बार विधायक रहे। वहीं तीन बार वह एनसीपी के टिकट पर मुंबई साउथ सेंट्रल लोकसभा में आने वाली अणुशक्तिनगर सीट से जीते। 2020 में नवाब मलिक को मुंबई एनसीपी का अध्यक्ष बनाया गया। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार में नवाब मलिक कैबिनेट मंत्री थे। उनके पास अल्पसंख्यक, कौशल विकास और उद्यमिता विभाग था। आर्यन खान ड्रग केस में नवाब मलिक लगातार मुखर थे। उन्होंने एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े को निशाने पर लिया था। इसी दौरान उनके दामाद समीर खान की भी गिरफ्तारी हुई थी। समीर वानखेड़े से विवाद के बीच 23 फरवरी 2022 को उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने उनकी आठ संपत्तियों को जब्त किया था। इनमें कुर्ला के गोवाल कंपाउंड में संपत्ति, धाराशिव में 147 एकड़ जमीन, मुंबई में तीन फ्लैट और रेजिडेंसियल हाउस शामिल थे।
नवाब का डी कंपनी से क्या कनेक्शन?
नवंबर 2021 में देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक पर दाऊद इब्राहिम से संबंध रखने का आरोप लगाया था। फडणवीस ने आरोपों के पक्ष में कहा था, ‘नवाब मलिक ने मुंबई धमाकों के आरोपी सरदार शाहवाली और सलीम पटेल से जमीन खरीदी। नवाब मलिक ने सिर्फ 30 लाख रुपये में करोड़ों रुपये की जमीन खरीदी। एलबीएस रोड पर एक लाख 23 हजार वर्गफुट जमीन सॉलिडस नाम की कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड है।‘ फडणवीस ने कहा था कि गोवा की एक प्लंबर मरियम बाई की ओर से पावर ऑफ अटॉर्नी सलीम पटेल को दी गई थी। उन्हें यह जमीन वली खां से मिली थी। फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ‘सलीम पटेल दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के ड्राइवर थे। उसी ने जमीन सॉलिडस नाम की कंपनी को बेच दी थी। इस कंपनी का स्वामित्व नवाब मलिक परिवार के पास है। नवाब मलिक जब मंत्री बने तो उन्होंने सॉलिडस कंपनी छोड़ दी और यह फरहान मलिक के पास आ गई।‘ वहीं नवाब मलिक ने अपनी सफाई में कहा था कि उन्होंने बम धमाके के किसी आरोपी से जमीन नहीं खरीदी और कानून के मुताबिक खरीद-फरोख्त हुई। मनी लॉन्ड्रिंग केस में 11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य आधार पर नवाब मलिक को जमानत दी थी। एक साल पांच महीने तक जेल में रहने के बाद नवाब बाहर आए और उन्होंने अजित पवार की एनसीपी का दामन थामा।