पहले गायत्री मंत्र की गूंज और फिर उसके बाद रामायण का मंचन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान समिति में हिस्सा लेने के लिए लाओस पहुंचे, तो नजारा अद्भुत था। भारत-लाओस की साझा विरासत और सदियों पुरानी सभ्यता की झलक एक बार फिर देखने को मिली है। लाओस के नागरिकों ने पीएम मोदी के सामने ऊँ भूर्भुवः स्वः का उच्चारण करते हुए अनूठे अंदाज में स्वागत किया। पीएम मोदी ने भी उनके सुर के साथ गायत्री मंत्र का उच्चारण किया। इसके साथ ही पीएम मोदी के सामने लाओ रामायण की प्रस्तुति भी की गई।
लाओस की राजधानी विएंतियान पहुंचने पर पीएम मोदी का जोरदार स्वागत हुआ। पीएम यहां पर 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्व एशियाई शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं। पीए मोदी के स्वागत में पहले उनके सामने गायत्री मंत्र पढ़ा गया। भारतीय समुदाय के लोगों ने भी पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। लाओस के गृहमंत्री विलायवोंग बौडाखम ने एयरपोर्ट पर पीएम मोदी को रिसीव किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
लाओस के नागरिको ने गायत्री मंत्र का उच्चारण कर प्रधानमंत्री मोदी जी का स्वागत किया
ऐसा स्वागत देखकर वामपंथी,मशीनरी,और चाइना वालो को पेट में दर्द होना स्वाभाविक है🔥https://t.co/4Xetg4oIop pic.twitter.com/TnrGfgoezU
— Shalender Sharma (@Shalendervoice) October 10, 2024
पीएम मोदी के इस दौरे में भारत-लाओस के सांस्कृतिक संबंधों की बेहतरीन प्रस्तुति देखने को मिली। पीएम मोदी ने लाओ रामायण ‘फलक फालम’ या ‘फ्रलक फ्रराम’ का मंचन देखा। प्रतिष्ठित रॉयल थिएटर ऑफ लुआंग प्रबांग के कलाकारों ने इसकी प्रस्तुति दी। लाओ रामायण मूल भारतीय संस्करण से थोड़ा अलग है। लाओस में यह बौद्ध समूहों के जरिए 16वीं सदी के दौरान पहुंचा था।
Vijaya Dashami is a few days away and today in Lao PDR, I saw a part of the Lao Ramayana, highlighting the victory of Prabhu Shri Ram over Ravan. It is heartening to see the people here remain in touch with the Ramayan. May the blessings of Prabhu Shri Ram always remain upon us! pic.twitter.com/BskmfMYBdm
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘साझा विरासत और परंपरा दोनों देशों को नजदीक ला रही है। यह प्रस्तुति भारत-लाओस के समृद्ध और साझा जुड़ाव का एक बेहतरीन नमूना थी।‘ विदेश मंत्रालय ने कहा कि लाओस में आज भी रामायण का मंचन होता है। यह महाकाव्य दोनों देशों के बीच साझा विरासत और सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों को प्रकट करता है।
PM @narendramodi witnessed a captivating performance of the Lao Ramayana, known as Phalak Phalam or Phra Lak Phra Ram. This unique rendition of the Ramayan reflects the deep cultural ties and shared heritage between India and Lao PDR. pic.twitter.com/kYZ5wvuys7
— PMO India (@PMOIndia) October 10, 2024
भारत इस साल एक्ट ईस्ट नीति का दशक पूरा कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं आसियान नेताओं के साथ हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा करूंगा और हमारे सहयोग की भविष्य की दिशा तय करूंगा। यह एक विशेष वर्ष है क्योंकि हम अपनी एक्ट ईस्ट नीति का एक दशक पूरा कर रहे हैं, जिससे हमारे राष्ट्र को काफी लाभ हुआ है।‘
Leaving for Lao PDR to take part in the 21st ASEAN-India and 19th East Asia Summit. This is a special year as we mark a decade of our Act East Policy, which has led to substantial benefits for our nation. There will also be various bilateral meetings and interactions with various…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
एक्ट ईस्ट’ नीति का उद्देश्य द्विपक्षीय और क्षेत्रीय स्तर पर आर्थिक सहयोग और राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना है। इसका एक और उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को विकसित करना है। वहीं दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) की स्थापना 1967 में हुई थी। इसके सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, भारत, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया और ब्रुनेई दारस्सलाम शामिल हैं। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में आसियान के 10 सदस्य देश और आठ साझेदार देश – ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, रूस और अमेरिका शामिल हो रहे हैं।