23 साल पहले क्या थी चुनौती, किस लक्ष्य तक नहीं करूंगा विश्राम? मोदी ने अपनी यात्रा पर कही ‘मन की बात’

पीएम मोदी ने लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली है। मोदी 13 साल तक गुजरात के सीएम और आरएसएस के पूर्णकालिक प्रचारक भी रहे हैं।

7 अक्टूबर 2001 को नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम की शपथ ली थी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसी संवैधानिक कुर्सी को संभालने की यात्रा 23 साल पहले आज के दिन ही शुरू हुई थी। वोकल फॉर लोकल, एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की सोच। जाहिर है कि पीएम मोदी के इस सफर में बहुत सारे मील के पत्थर हैं। उनके करिश्माई नेतृत्व में भारत लगातार नए लक्ष्यों की ओर बढ़ रहा है। वहीं, दुनिया में भारत की बढ़ती साख भी उनकी इस यात्रा से प्रतिबिंबित होती है। पीएम मोदी ने बताया है कि कैसे जब पार्टी ने उन्हें पहली बार जिम्मेदारी सौंपी थी, तो उनके सामने क्या चुनौतियां थीं? पीएम मोदी ने कहा है कि पहले से भी ज्यादा उत्साह के साथ जनता की सेवा के लिए वह अथक परिश्रम करेंगे। वहीं पीएम ने विकसित भारत का लक्ष्य हासिल नहीं होने तक आराम नहीं करने की भी बात कही है।

‘कांग्रेस कुशासन में सांप्रदायिकता, जातिवाद की चुनौती’

7 अक्टूबर 2001 को नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी। पीएम मोदी अपनी कई चुनावी रैलियों में उस घटना का जिक्र कर चुके हैं। उस समय उनके पास संगठन मंत्री की जिम्मेदारी थी। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में पहली संवैधानिक जिम्मेदारी लेते वक्त चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘किसी सरकार के मुखिया के तौर पर 23 साल पूरे करने पर मुझे आशीर्वाद और शुभकामनाएं देने वाले सभी लोगों का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। 7 अक्टूबर, 2001 को मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने की जिम्मेदारी ली। यह मेरी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की महानता थी कि मुझ जैसे मामूली कार्यकर्ता को राज्य प्रशासन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। जब मैंने मुख्यमंत्री का पद संभाला, उस समय गुजरात कई चुनौतियों का सामना कर रहा था- 2001 का कच्छ भूकंप, उससे पहले एक सुपर चक्रवात, एक बड़ा सूखा और दशकों के कांग्रेस कुशासन से उत्पन्न लूट, सांप्रदायिकता और जातिवाद। जनता की शक्ति से प्रेरित होकर हमने गुजरात का पुनर्निर्माण किया और यहां तक कि कृषि जैसे क्षेत्र में, जहां गुजरात को पारंपरिक रूप से नहीं जाना जाता था, वहां भी प्रगति की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।‘

’30 साल में पहली बार किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत’

गुजरात में बतौर सीएम और 2014 से देश के प्रधानमंत्री के तौर पर अपने सफर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘मुख्यमंत्री के रूप में मेरे 13 वर्षों के कार्यकाल के दौरान गुजरात सबका साथ, सबका विकास के एक चमकदार उदाहरण के रूप में उभरा। इससे समाज के सभी वर्गों की समृद्धि सुनिश्चित हुई। 2014 में देश के लोगों ने मेरी पार्टी को रिकॉर्ड जनादेश दिया। इस तरह मैं प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करने में सक्षम हुआ। यह एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि 30 वर्षों में ऐसा पहली बार था कि किसी पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया।‘

‘दुनिया को आज हमसे उम्मीद, हमारे साथ जुड़ने को उत्सुक’

पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों में भारत के पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने की बात कही। पीएम ने कहा, ‘पिछले दशक के दौरान देश के सामने आने वाली कई चुनौतियों का समाधान करने में सफल हुए हैं। आज 25 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी के चंगुल से मुक्त हो चुके हैं। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। विशेष रूप से हमारे एमएसएमई, स्टार्ट-अप सेक्टर और अन्य को इससे मदद मिली है। हमारे मेहनती किसानों, नारी शक्ति, युवा शक्ति और गरीब के साथ ही समाज के वंचित तबके के लिए खुशहाली के नए रास्ते खुले हैं। भारत की विकासात्मक प्रगति ने यह सुनिश्चित किया है कि आज पूरी दुनिया हमारे देश को अत्यंत उम्मीद के साथ देख रही है। दुनिया हमारे साथ जुड़ने, हमारे लोगों में निवेश करने और हमारी सफलता का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक है। इसके साथ-साथ भारत वैश्विक चुनौतियों को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रहा है। चाहे वह जलवायु परिवर्तन हो य. फिर स्वास्थ्य सेवा में सुधार की बात हो।‘

‘विकसित भारत के लक्ष्य तक चैन से नहीं बैठूंगा’

पीएम मोदी ने एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट करते हुए अगले लक्ष्य के बारे में भी बताया। पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में बहुत कुछ हासिल किया गया है लेकिन अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। इन 23 वर्षों के दौरान मिली सीख ने हमें अग्रणी पहल के साथ आगे आने में सक्षम बनाया। इसने राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाला है। मैं अपने साथी भारतवासियों को भरोसा दिलाता हूं कि मैं लोगों की सेवा में पहले से भी ज्यादा उत्साह के साथ अथक रूप से काम करता रहूंगा। मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगा, जब तक विकसित भारत का हमारा सामूहिक लक्ष्य एक हकीकत नहीं बन जाता है।‘

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