CJI चंद्रचूड़ पर टिप्पणी? अखिलेश यादव के ‘राम’ बने रावण, ‘प्रोफेसर साहब’ कैमरा झूठ नहीं बोलता है!

प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने विवाद बढ़ने पर कहा कि उन्होंने सीजेआई के बारे में कोई बयान नहीं दिया है।

रामगोपाल यादव के बयान पर मचा घमासान

समाजवादी पार्टी के नेता और अखिलेश यादव के चाचा प्रोफेसर रामगोपाल यादव को आखिर हो क्या गया है? क्या उन्हें देश की न्यायिक व्यवस्था में सबसे ऊंची कुर्सी पर बैठे व्यक्ति से कोई खुन्नस है? अगर नहीं है, तो उन्होंने देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बयान क्यों दिया? जी हां, अखिलेश यादव के ‘राम’ या यूं कहिए सपा के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने ऐसी भद्दी भाषा का इस्तेमाल किया कि उस शब्द को लिखा भी नहीं जा सकता। एक ऐसा व्यक्ति जो लंबे समय से संसदीय लोकतंत्र का हिस्सा हो, वह इस हद तक कैसे नीचे गिर गया?  सीजेआई चंद्रचूड़ ने अयोध्या मामले के फैसले को लेकर जो बात कही, वह रामगोपाल यादव को इतनी चुभ क्यों गई?

अरे छोड़ो तमाम #$% इस तरह की…   

पहले रामगोपाल यादव ने कहा क्या है, ये बताते हैं। मीडिया ने सीजेआई की अयोध्या मामले पर रविवार को की गई  टिप्पणी के बारे में रामगोपाल यादव से सवाल पूछा। इस पर सपा सांसद ने कहा, ‘हमें कोई टिप्‍पणी नहीं करनी है। जब भूतों को जिंदा करते हो तो वह भूत बन जाते हैं और जस्टिस के पीछे पड़ जाते हैं। अब कहां हैं…आपको अभी भी बाबरी मस्जिद और मंदिर दिख रहा है। अरे छोड़ो तमाम *#$% इस तरह की बातें करते रहते हैं, तो क्‍या मुझे उन्‍हें संज्ञान में लेना चाहिए।’

 

पहले अपशब्द कहे फिर पलट गए रामगोपाल

जब चारों तरफ से रामगोपाल यादव के बयान पर सवाल उठने लगे, तो 24 घंटे बीतने से पहले ही अपने पुराने बयान से उन्होंने कन्नी काट ली। अब क्या कह रहे हैं, जरा यह भी सुनिए। रामगोपाल यादव ने अपनी ही कही बात को नकारते हुए कहा कि मुझसे बहराइच हिंसा को लेकर सवाल हुआ था।

रामगोपाल यादव ने कहा, ‘सीजेआई के बारे में मुझसे किसी ने सवाल ही नहीं पूछा था। प्रधान न्यायाधीश बहुत सम्मानित और प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। मैंने उनके ऊपर कभी कोई टिप्पणी नहीं की है। सीजेआई का तो कोई सवाल ही नहीं उठता है।‘ यही नहीं जब अखिलेश यादव से पूछा गया तो उन्होंने रामगोपाल यादव के बयान के बारे में जानकारी होने से इनकार किया। अखिलेश ने कहा कि हम सभी लोग सीजेआई का सम्मान करते हैं।

 

नाम में राम और भाषा रावण वाली?

सवाल है कि रामगोपाल यादव अपनी ही बात को नकार क्यों रहे हैं। जब रामगोपाल यादव ने बयान दिया, तो मीडिया के तमाम माइक लगे हुए थे, जिन पर उनकी ‘रावण शैली’ वाली भाषा रिकॉर्ड हो रही थी। कहते हैं कि ऊंचे स्थान पर बैठने मात्र से कोई भी व्यक्ति बड़ा नहीं बन जाता है। ठीक उसी तरह जैसे मंदिर के शिखर पर बैठने से कौआ गरुड़ नहीं बन सकता। यह बात रामगोपाल यादव पर भी लागू होती है। उनके नाम के आगे भले ही राम लगा है और वह राज्यसभा सांसद हैं लेकिन उनकी भाषा एक सड़कछाप आदमी जैसी लगती है।

क्या राम मंदिर का नाम लेने से दिक्कत?

सवाल इस बात का है कि क्या रामगोपाल यादव को राम मंदिर का जिक्र होने से दिक्कत है? ऐसा इस वजह से, क्योंकि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुए 9 महीने हो रहे हैं लेकिन न तो समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव न ही उनकी पार्टी के किसी बड़े नेता ने वहां जाकर दर्शन किए हैं। और छोड़िए रामगोपाल यादव ने भी अब तक रामलला के दरबार में जाने की जहमत नहीं उठाई। उठाएंगे भी कैसे, उन्हें अपना मुस्लिम वोट बैंक भी बचाना है। रामगोपाल यादव दरअसल उसी जमात से आते हैं, जिसने अयोध्या में रामभक्तों पर गोलियां चलवाई थीं। ऐसे में वह अयोध्या और राम मंदिर की बात आने पर क्यों नहीं भड़केंगे?

नाम में प्रोफेसर हरकतें शैतान वाली

भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, ‘रामगोपाल यादव के नाम में प्रोफेसर है लेकिन हरकतें शैतान बच्चों जैसी हैं। समाजवादी पार्टी का संविधान और स्वतंत्र न्यायपालिका पर भरोसा नहीं है। रामगोपाल यादव की टिप्पणी न्यायपालिका की अवमानना भी है।’

सीजेआई ने अयोध्या मामले पर क्या कहा?

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने रविवार को पुणे के खेड़ तालुका में अपने पैतृक गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। सीजेआई चंद्रचूड़ ने पैतृक गांव कन्हेरसर के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का हल निकालने के लिए मैंने ईश्वर से प्रार्थना की थी और कहा कि अगर आस्था हो तो भगवान कोई भी रास्ता निकाल देते हैं।‘ सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस दौरान कहा, ‘अक्सर हमारे पास मामले (निर्णय के लिए) आते हैं, लेकिन हम किसी समाधान पर नहीं पहुंच पाते। अयोध्या (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) मामले के दौरान भी ऐसा ही कुछ आ था, जो तीन महीने तक मेरे सामने था। मैं भगवान के सामने बैठा और उनसे कहा कि उन्हें इसका हल ढूंढना होगा। मेरा भरोसा कीजिए, यदि ईश्वर में आपको भरोसा है, तो ईश्वर हमेशा आपके लिए कोई न कोई रास्ता निकाल देंगे।’

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