कोई Exit Polls पर फोड़ रहा ठीकरा, कोई मुँह छिपा रहा… हरियाणा के रिजल्ट्स देख बिफरा लिबरल गिरोह

एक कांग्रेसी इतिहासकार तो अपनी ही पार्टी का बना रहा मजाक

अशोक पांडेय, रोहिणी आचार्य, सबा नक़वी, आदेश रावल, राना अय्यूब, अनिल यादव

अशोक पांडेय, रोहिणी आचार्य, सबा नक़वी, आदेश रावल, राना अय्यूब, अनिल यादव (बाएँ से दाएँ)

हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा बहुमत के पार चली गई है। इसके साथ ही पार्टी राज्य में लगातार तीसरी बार सत्ता में आ गई है। भूपिंदर हुड्डा और उनके बेटे दीपेंदर हुड्डा के क्षेत्रीय नेतृत्व में कॉन्ग्रेस पार्टी ने चुनाव लड़ा था, राहुल गाँधी एन्ड टीम ने एक बार फिर से आरक्षण पर भाजपा के खिलाफ झूठ फैलाया – लेकिन, सब बेकार रहा। सोशल मीडिया के कई ‘योद्धा’ लगातार भाजपा की हार की भविष्यवाणी कर रहे थे, जमीन पर सरकार के खिलाफ गुस्सा होने की बातें कर रहे थे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था। हरियाणा में भाजपा को पिछली बार से अधिक सीटें आई हैं।

सोशल मीडिया के कुछ ‘Usual Suspects’ ऐसे हैं, जो अब परिणाम उनके पक्ष में न आने के कारण रो रहे हैं। चंदा चोरी का आरोप झेल चुकीं इस्लामी कट्टरपंथी पत्रकार राना अय्यूब ने Exit Polls को दोषी ठहराते हुए कहा कि जिन्होंने जून (लोकसभा चुनाव 2024) के बाद भी इस पर विश्वास किया, ये परिणाम उनके लिए हैं। बता दें कि सारे Exit Polls हरियाणा में कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी कर रहे थे। इसी तरह कांग्रेस पार्टी के पक्ष में पत्रकारिता के लिए कुख्यात सबा नकवी ने भी Exit Polls को फालतू बताते हुए उसी पर ठीकरा फोड़ा।

सबा नकवी ने दावा किया कि उन्होंने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि हरियाणा अनुमान के अधिक नज़दीक है और जम्मू कश्मीर में कांग्रेस-NC को बढ़त में रहेगी। इसी तरह हरियाणा में कांग्रेस को 50 से अधिक सीटें मिलने की भविष्यवाणी करने वाले कांग्रेसी पत्रकार आदेश रावल ने एक बार फिर से ‘फूट डालो और राज करो’ की पार्टी की नीति पर चलते हुए इसे जाट बनाम गैर-जाट का चुनाव बताया। जबकि विश्लेषक कह रहे हैं कि जाटलैंड में भी कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। यानी, ये जातियों का चुनाव नहीं था। जबकि सुबह-सुबह उन्होंने रुझानों के हिसाब से कांग्रेस सरकार बनने की भविष्यवाणी की थी।

इसी तरह लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने लिखा कि शुरूआती रुझानों से ही साफ़ है कि ‘जहरीले कमलगट्टों’ को नकार चुकी है। यहाँ तक कि अनिल यादव जैसे सोशल मीडिया के नफरती भी नाराज़ नज़र आए। अहिरवार बेल्ट में कांग्रेस की हार पर खीझते हुए उसने यादवों को ही भला-बुरा कह दिया। उसने लिखा कि भाजपा जाटों के खिलाफ यादवों को भड़काने में कामयाब रही।

वहीं कांग्रेसी इतिहासकार कहे जाने वाले अशोक कुमार पांडेय तो अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए नज़र आए। उन्होंने आज के दिन को ‘जलेबी दिवस’ घोषित कर दिया।

जल्द ही EVM को लेकर भी रोना शुरू हो सकता है। कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत तो रुझानों को देख कर ‘अब तस्वीर बदलेगी’ का रट्टा लगाती रहीं लेकिन तस्वीर उल्टा कांग्रेस के खिलाफ ही चली गई। हाँ, जुलाना से विनेश फोगाट की जीत ज़रूर कांग्रेस समर्थकों के लिए थोड़ी राहत की बात रही।

उधर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। चुनाव आयोग पर आँकड़े देर से अपलोड करने का आरोप लगा कर पार्टी ने चिट्ठी भी लिखी। सुबह से मिठाई बँट रही थी, लेकिन दोपहर होते-होते कांग्रेस कार्यालय सूने हो गए।

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