कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो लगातार खालिस्तानी तत्वों के समर्थन एवं पोषण में लगे रहते हैं, जब भारत का मीडिया इस संबंध में रिपोर्ट करता है तो कनाडा की सरकार द्वारा रिपोर्ट जारी कर के धमकी दी जाती है। कनाडा सरकार की ‘रैपिड रेस्पॉन्स मैकेनिज्म’ (RRM) विभाग ने एक ‘ओपन डेटा एनालिसिस रिपोर्ट’ जारी किया है, जिसमें भारत के मीडिया संस्थानों के नाम लेकर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कनाडा के विरुद्ध दुष्प्रचार चलाया। जस्टिन ट्रुडो इस दौरान खुद के भीतर नहीं झाँक रहे। वोट बैंक के लिए वो कनाडा को भारत विरोधियों का पनाहगाह बनाते जा रहे हैं।
कनाडा सरकार का TFI Media पर निशाना
दरअसल, कनाडा सरकार ने जो रिपोर्ट जारी की है उसमें लिखा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े कई मीडिया संस्थान कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो को निशाना बना रहे हैं। इसमें लिखा गया है कि ये मीडिया संस्थान अपने प्रकाशनों के माध्यम से जस्टिन ट्रुडो को ‘आतंकियों का समर्थक’ और ‘खालिस्तानियों की गोद में बैठने वाला’ बता रहे हैं। इस रिपोर्ट में खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर को ‘कनाडाई नागरिक’ बता कर उसका महिमामंडन किया गया है। इसमें बताया गया है कि जस्टिन ट्रुडो का कहना है कि इस हत्याकांड में भारत का हाथ होने के पुष्ट सबूत कनाडा के पास है।
हालाँकि, ये झूठ है क्योंकि भारत सरकार कई बार कह चुकी है कि कनाडा ने अब तक इस प्रकरण को लेकर कोई सबूत नहीं दिए हैं। इस रिपोर्ट में ये भी लिखा गया है कि भारत के सभी बड़े मीडिया घरानों से भाजपा ने संबंध बनाए हैं, जैसे CNN-News18 के मालिक मुकेश अंबानी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी हैं। हरदीप सिंह निज्जर को ‘समाजिक नेता’ बताते हुए इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि NDP के नेता जगमीत सिंह को भी निशाना बनाया जा रहा है। जगमीत सिंह भी भारत विरोधी बयानों के लिए कुख्यात हैं। उनकी पार्टी कनाडा सरकार में साझीदार है।
इसमें कुछ ऐसे मीडिया संस्थानों का जिक्र है जिनके यूट्यूब पर 10 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं और भारत के अलावा विदेश में रह रहे भारतीयों में भी इनकी लोकप्रियता है। ये भी कहा गया है कि ‘The Frustrated Indian’ और ‘TFI Global’ की रीच 19 लाख से भी अधिक लोगों तक है और वो भी कनाडा को लेकर नकारात्मकता फैला रहे हैं। साथ ही ‘द फ़्रस्ट्रेटेड इंडियन’, TFI ग्लोबल, TFI कनाडा, अजीत दत्ता और अतुल मिश्रा का नाम दिया गया है। साथ ही ये भी बताया गया है कि फेसबुक, YouTube और ‘X’ पर कितने फॉलोवर्स हैं।
TFI Media का कनाडा सरकार और जस्टिन ट्रूडो को जवाब
साथ ही मीडिया संस्थानों द्वारा कनाडा को लेकर छापी गई खबरों के शीर्षक भी सूचीबद्ध किए गए हैं। हमने, यानी TFI Media Pvt Ltd ने भी कनाडा सरकार की इस हरकत पर अपना बयान जारी कर के स्पष्ट कर दिया है कि भारत की अखण्डता पर होने वाले प्रहारों को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे और अपनी तथ्यात्मक रिपोर्टिंग जारी रखेंगे। आप हमारे आधिकारिक बयान को यहाँ हूबहू पढ़ सकते हैं:
“TFI मीडिया सत्य एवं ईमानदारी के सिद्धांतों के साथ कार्य करने में विश्वास रखता है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी दुष्प्रचार में बुरी तरह विफल हुए हैं। अतः, अपनी खीझ निकालने के लिए वो भारत पर मनगढंत आरोप मढ़ रहे हैं।
हमने बार-बार देखा है कि कैसे जस्टिन ट्रुडो की सरकार उन खालिस्तानियों का समर्थन एवं पोषण करती है, जो भारत के टुकड़े-टुकड़े करने की मंशा रखते हैं। भारत की संप्रभुता एवं अखंडता को खतरे में डालने वाली इन ताक़तों के विरोध में जो आवाज़ें उठती हैं, उन्हें भी कनाडा सरकार दबाने की कोशिश करती है। हम कनाडा की संप्रभुता का सम्मान करते हैं और बदले में ये अपेक्षा रखते हैं कि जस्टिन ट्रुडो भी भारत की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें।
हम एक बार फिर ये दोहराते हैं कि कनाडा के प्रधानमंत्री ने वोट बैंक की गंदी राजनीति के लिए ये खतरनाक खेल शुरू किया है। अगर उन्हें लगता है कि उनके खोखले आरोपों के कारण हम डर जाएँगे, तो वो गलत हैं। हमें कलंकित करने का हर प्रयास भारत-विरोधी षड्यंत्र से टकराने की हमारी दृढ़-शक्ति को और अधिक प्रबल करेगा।
घरेलू मोर्चे पर जस्टिन ट्रुडो एक विफल राजनेता साबित हुए हैं। अतः, अपनी अक्षमता को छिपाने के लिए उन्होंने भारत विरोधी एजेंडे को अपना हथियार बनाया है। तमाम आरोपों के बावजूद हम अपनी तथ्यात्मक रिपोर्टिंग जारी रखेंगे। भारत से प्रेम करने वाला हर एक नागरिक देश की संप्रभुता एवं अखंडता की सुरक्षा हेतु कृतसंकल्पित है।
ये रही कनाडा की जस्टिन ट्रुडो सरकार की ‘रैपिड रेस्पॉन्स मैकेनिज्म’ विभाग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट।
इसमें TFI Media का नाम लेकर आरोप लगाया गया है, क्योंकि हमने कनाडा को भारत विरोधी गतिविधियों का गढ़ बनाए जाने के खिलाफ लगातार रिपोर्टिंग की।
क्या देशहित की बात करना अपराध है? pic.twitter.com/aSDIuQv1Eg
— The Frustrated Indian (@FrustIndian) October 18, 2024
दुनिया जस्टिन ट्रुडो की हरकतों को भलीभाँति देख रही है, ऐसे में बेहतर यही होगा कि वो भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों के लिए कनाडा की धरती का इस्तेमाल करने वाले खालिस्तानियों का समर्थन, संरक्षण और पोषण बंद करें।”
खालिस्तानी निज्जर हत्याकांड को कनाडा ने बनाया भारत विरोधी प्रपंच का हथियार
अब ये छिपा नहीं रह गया है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या वाली घटना को जस्टिन ट्रुडो ने खालिस्तानी तत्वों को अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए इस्तेमाल किया। कनाडा में लगातार सिख कट्टरपंथियों ने रैलियाँ निकालीं, साथ ही रेफरेंडम के नाम पर भारत को खंडित करने का अभियान चलाया गया। साथ ही उलटे भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों पर ही आरोप लगाए गए। कनाडा ने ‘5 Eyes’ (कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, यूके और अमेरिका) के अपने सहयोगियों के साथ भी सूचनाओं का आदान-प्रदान किया है।
जस्टिन ट्रुडो G20 की बैठक के दौरान भारत आए थे तो उनका विमान खराब हो गया था, जिसके बाद उन्हें भारत सरकार ने अपने विमान से वापस भेजने का ऑफर भेजा था पर उन्होंने इनकार कर दिया। वो 36 घंटे तक भारत में ही अटके रहे थे। आखिरकार कनाडा से उन्हें लेने के लिए विमान आया है फिर उन्हें गया।