फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री ने लंबे अरसे से प्रतीक्षारत द दिल्ली फाइल्स की रिलीज पर खुलासा किया है। विवेक अग्निहोत्री ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए इस फिल्म की रिलीज तारीख का ऐलान किया है। कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर बनी विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स काफी चर्चा में रही थी। विवेक अग्निहोत्री अपनी फिल्मों के जरिए दर्शकों के बीच छाप छोड़ने के लिए जाने जाते हैं। वह अनछुए पहलुओं को अपनी कहानी में लेने से हिचकते नहीं हैं। ऐसे में उनके पोस्ट के बाद सिनेमा क्रिटिक्स भी फिल्म की कहानी को लेकर उत्सुक हैं।
फिल्म का पहला पार्ट: द बंगाल चैप्टर
विवेक अग्निहोत्री ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘अपने कैलेंडर पर मार्क कर लीजिए: 15 अगस्त 2025। सालों की रिसर्च के बाद #TheDelhiFiles की कहानी एक पार्ट के लिए काफी पावरफुल है। हम आपके लिए इसके दो पार्ट में से पहला पार्ट द बंगाल चैप्टर लाने के लिए काफी उत्साहित हैं। यह हमारे इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय से पर्दा उठाने जा रहा है।‘
MARK YOUR CALENDAR: August 15, 2025.
After years of research, the story of #TheDelhiFiles is too powerful for one part. We’re excited to bring you The Bengal Chapter – the first of two parts, unveiling a significant chapter in our history.#RightToLife pic.twitter.com/JvrdiTx7xO
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) October 3, 2024
किस ऐतिहासिक घटना से पर्दा उठाएगी द दिल्ली फाइल्स?
विवेक अग्निहोत्री द कश्मीर फाइल्स के अलावा द ताशकंद फाइल्स और द वैक्सीन वॉर जैसी कामयाब फिल्में बना चुके हैं। उनको द कश्मीर फाइल्स के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। खास बात यह है कि विवेक की द दिल्ली फाइल्स के प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल हैं। उन्होंने द कश्मीर फाइल्स की मेकिंग भी अहम योगदान दिया था। द दिल्ली फाइल्स की घोषणा के बाद से ही फिल्म जगत में काफी चर्चा है। विवेक अग्निहोत्री ने एक्स पर इसका पोस्टर शेयर किया है। पोस्टर के डिजाइन और रिलीज डेट से आभास हो रहा है कि इसमें स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े किसी ऐतिहासिक घटनाक्रम पर प्रकाश डाला जा सकता है। यही वजह है कि रिलीज डेट को 15 अगस्त 2025 रखा गया है। पोस्टर में सबसे नीचे द बंगाल चैप्टर- राइट टू लाइफ यानी जीने का अधिकार का जिक्र है। इतना तय है कि विवेक अग्निहोत्री इस फिल्म से भी धमाल मचाने की तैयारी कर रहे हैं।
द कश्मीर फाइल्स में क्या था?
विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स ने देश में एक नई बहस छेड़ दी थी। फिल्म की कहानी विवेक अग्निहोत्री ने ही लिखी थी। कई राज्यों में इसे टैक्स फ्री घोषित किया गया था। इस फिल्म में 19 जनवरी 1990 की उस दरम्यानी रात की कहानी है, जब कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी छोड़कर देश के अलग इलाकों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इस फिल्म में कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए जिम्मेदार हालातों के बारे में बारीकी से बात की गई है। 1989 में तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद का अपहरण और उसके बाद गोलीबारी और बमबारी की घटनाएं हुई थीं। 4 जनवरी 1990 को उर्दू के स्थानीय अखबार आफताब में आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन ने सभी कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने का फरमान जारी किया था। कश्मीरी पंडितों को धमकाने के लिए दुष्प्रचार वाले हजारों ऑडियो कैसेट बांटे गए थे। 15 जनवरी 1990 को एमएल भान नाम के सरकारी कर्मचारी की हत्या होती है और इसके बाद उसी दिन एक और सरकारी कर्मचारी बलदेव राज दत्त का अपहरण हो जाता है। उनका शव चार दिन बाद 19 जनवरी को मिलता है। फारूक अब्दुल्ला की सरकार के इस्तीफे के बाद उसी दिन जगमोहन जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बनकर कार्यभार संभालते हैं। 19 जनवरी 1990 की रात जब डीडी मेट्रो पर हमराज फिल्म प्रसारित की जा रही थी, उसी समय रात में 9 बजे के आसपास कट्टरपंथी तत्व सड़क पर आ गए। आजादी के नारों के बीच डर की वजह से लोग रातभर सो नहीं पाए। 19 जनवरी की उस घटना के बाद से कश्मीरी पंडितों के पलायन का दर्दनाक दौर शुरू हुआ था। आतंकवाद के इस दौर के शुरू होने के बाद साढ़े तीन लाख कश्मीरी पंडितों में से ज्यादातर ने घाटी से पलायन कर दिया। वे जम्मू या देश के दूसरे क्षेत्रों में चले गए। कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टिक्कू का मानना है अकेले 1990 में 302 कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी गई। वहीं 1990 के बाद के 20 सालों के दौरान 650 कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी गई। विवेक अग्निहोत्री की कश्मीर फाइल्स में इन सारे घटनाक्रम के बारे में सिलसिलेवार ढंग से बताया गया है।