वक्फ जमीन विवाद: खरगे पर आरोपों के चलते JPC में विपक्ष का हंगामा और वॉकआउट

कर्नाटक अल्पसंख्यक अयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर ने लगाए आरोप

विपक्षी सांसदों का वॉकआउट

विपक्षी सांसदों का वॉकआउट

ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर वक्फ की जमीन हड़पने के गंभीर आरोप लगाए गए। कर्नाटक अल्पसंख्यक अयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिपेडी ने समिति के सामने आरोप पेश किए। जिसके बाद विपक्षी सांसदों ने JPC से वॉकआउट कर दिया।

JPC की बैठक में मणिपेडी ने उन नेताओं का जिक्र किया गया था जिन पर वक्फ की संपत्ति हड़पने का आरोप है और इस लिस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का नाम भी शामिल था। ये आरोप उस समय उठे जब वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और उनका दुरुपयोग रोकने के मुद्दे पर चर्चा की जा रही थी। कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिपेडी ने समिति के सामने 11 पन्नो का प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने दावा किया कि खरगे और उनकी पार्टी के कुछ अन्य नेताओं ने वक्फ बोर्ड से जुड़ी जमीनों को गलत तरीके से अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया।

वॉकआउट की वजह

आरोपों के सामने आते ही विपक्षी दलों ने इन आरोपों को “बेहद गंभीर और बेबुनियाद” बताते हुए विरोध किया। विपक्ष का कहना था कि यह खरगे की छवि को खराब करने और विपक्ष को कमजोर करने का एक प्रयास है। इस हंगामे के बीच विपक्षी सांसदों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह JPC के मंच का दुरुपयोग करके विपक्ष को बदनाम कर रही है।

विपक्षी सांसदों का कहना था कि ये आरोप बिना किसी ठोस सबूत के लगाए गए हैं और उनका उद्देश्य केवल राजनीति से प्रेरित है। इस विरोध के चलते विपक्षी सांसदों ने बैठक का बहिष्कार किया और वॉकआउट कर दिया।

कांग्रेस के इमरान मसूद और गौरव गोगोई, शिव सेना के अरविंद सावंत, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और डीएमके के ए राजा वो नेता थे जिन्होंने बैठक का बहिष्कार किया।

विपक्षी सांसदों के विरोध के बावजूद बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में चल रही समिति की कार्रवाई जारी रही।

JPC की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे पर वक्फ की जमीन हड़पने के आरोपों ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। एक तरफ सत्ता पक्ष ने इन आरोपों की जांच की मांग की है, तो दूसरी तरफ विपक्ष ने इसे एक साजिश करार दिया है। यह देखना होगा कि इस विवाद का आने वाले दिनों में क्या असर होगा और क्या खरगे पर लगे आरोपों की कोई जांच होगी या नहीं।

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