हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले एक और चीज साफ़ हो गई है – Exit Polls भरोसेमंद नहीं रहे। चुनाव परिणामों की बात करें तो भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा में जहाँ 48 सीटें अपने नाम की हैं, कांग्रेस को 37 सीटों से संतोष करना पड़ा। BJP को बहुमत से 3 सीटें अधिक मिलने की बात तो छोड़ दीजिए, किसी एग्जिट पोल ने ये तक अनुमान नहीं लगाया था कि पार्टी 35 सीटें भी पार करेगी। सब कांग्रेस की सरकार बनती हुई दिखा रहे थे। Pollster प्रदीप गुप्ता ने तो कांग्रेस को 70 से भी अधिक सीटें मिलने की भविष्यवाणी कर डाली थी।
आइए, एक नज़र डालते हैं बड़े मीडिया संस्थानों के Exit Polls पर। रिपब्लिक टीवी-Matrize ने कांग्रेस को 55-62 और भाजपा को 18-24 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। पीपल पल्स पोल ने कांग्रेस को 44-54 और भाजपा को 15-29 सीटें दी थीं। दैनिक भास्कर का भी यही आँकड़ा था। ‘ध्रुव रिसर्च पोल’ ने कांग्रेस को 50-64 और भाजपा को 22-32 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी। रेड माइक-Datansh ने कांग्रेस को 50-55 और भाजपा को 20-25 सीटें दी थीं। इनमें से किसी का भी अनुमान सही नहीं निकला, वास्तविक परिणाम इसके आसपास भी नहीं रहे।
और तो और, सुनिए सर्वे एजेंसी ‘Axis My India’ के चेयरमैन और MD प्रदीप गुप्ता ने क्या कहा। प्रदीप गुप्ता ने ‘इंडिया टीवी’ न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा था कि मतदान के दूसरे दिन Validation भी किया जाता है और इसमें पता चला है कि कांग्रेस को 58-70 सीटें आ सकती है, यानी 65 के इर्दगिर्द आ सकती है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस का वोट शेयर 45% और भाजपा का 35% बताया। इसके बाद एंकर सौरभ शर्मा कहते हैं, “BJP के लिए तो गई भैंस पानी में।” असली मत प्रतिशत की बात करें तो दोनों बड़े दल 39-40% के बीच में ही हैं।
कहाँ कांग्रेस की एकतरफा जीत का अनुमान लगाया जा रहा था, कहाँ भाजपा ने सरकार बना ली। C Voter-इंडिया टुडे ने भी कांग्रेस को 50-58 तो भाजपा को 20-28 सीटें दी थीं। ये पहली बार नहीं है जब ये सारे के सारे एग्जिट पोल गलत साबित हो रहे हैं, 12 बड़े एग्जिट पोल्स ने 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को पूर्ण बहुमत दिया था, कुछ ने तो 400 पार भी करा दिया था। जबकि भाजपा की 63 सीटें घट गईं और वो 303 से 240 पर आ गई। इसी तरह किसी ने भी 2023 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत का अनुमान नहीं लगाया था, सब CM भूपेश बघेल के सत्ता में लौटने की भविष्यवाणी कर रहे थे। हुआ इसका उलटा।
भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 90 में से 54 सीटें अपने नाम की थीं। 2017 में Exit Polls जब उत्तर प्रदेश में खंडित जनादेश का अनुमान लगा रहे थे, भाजपा ने 325 सीटें अपने नाम की। बहुमत से सवा सौ अधिक सीटें। सवाल उठता है कि आखिर ये एग्जिट पोल्स गलत क्यों हो जाते हैं? इसका कारण है कि लोग अक्सर सही-सही नहीं बताते कि उन्होंने किसे वोट दिया है। साथ ही 1-2% के अंतर से भी राज्य में हार-जीत का गुना-भाग बदल जाता है, ऐसे में किसी भी पोल्स्टर को सही अनुमान लगाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अब हरियाणा को ही ले लीजिए। ताज़ा आँकड़ों को देखें तो मात्र 0.83% वोट की बढ़त के साथ भाजपा ने कांग्रेस से 7 अधिक सीटें झटक लीं। साथ ही भारतीय राजनीति के परिदृश्य में आप 100 लोगों से बात कर के ये अनुमान नहीं लगा सकते कि 2 लाख मतदाता वाले विधानसभा क्षेत्र का परिणाम क्या होगा।