‘द्विपक्षीय सबंधों पर कोई चर्चा नहीं होगी’: पाकिस्तान जा रहे विदेश मंत्री S जयशंकर की दो टूक

बोले - आतंकवाद को जड़ से खत्म करने पर होगी चर्चा

S जयशंकर, विदेश मंत्री

पाकिस्तान में द्विपक्षीय संबंधों पर वार्ता नहीं करेंगे S जयशंकर, आतंकवाद पर चर्चा

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 15- 16 अक्टूबर को पाकिस्तान जाएंगे। वो इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पाकिस्तान ने 29 अगस्त को SCO मीटिंग के लिए आमंत्रित किया था।

भारत और पाकिस्तान के रिश्ते लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं। इस स्थिति में जब शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भाग लेने के लिए भारत के विदेश मंत्री S जयशंकर पाकिस्तान जा रहे हैं, तो इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि क्या दोनों देशों के बीच कोई चर्चा होगी। लेकिन एस जयशंकर ने बयान देकर स्पष्ट कर दिया है कि SCO बैठक में भारत-पाक रिश्तों पर कोई चर्चा नहीं होगी और इस बैठक का उद्देश्य क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बात करना है, न कि द्विपक्षीय संबंधों पर।

SCO बैठक का उद्देश्य

SCO एक बहुपक्षीय संगठन है जिसमें चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान और मध्य एशिया के चार अन्य देश (कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, और उज्बेकिस्तान) सदस्य हैं। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना है। SCO की बैठकों में सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होती है।

SCO के इसी उद्देश्य के तहत एस जयशंकर पाकिस्तान दौरे पर जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि इस बैठक में भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय मुद्दों पर कोई बातचीत नहीं होगी।

SCO जैसे बहुपक्षीय मंच पर भी भारत आतंकवाद का मुद्दा उठाता आया है, और इस बार भी जयशंकर का मुख्य जोर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने पर रहेगा। भारत के लिए यह जरूरी है कि क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाए और आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाया जाए।

इसके अलावा, SCO के तहत आर्थिक सहयोग और व्यापार को बढ़ावा देना भी एक प्रमुख एजेंडा है। भारत चाहता है कि सदस्य देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया जाए और कनेक्टिविटी बढ़ाई जाए ताकि क्षेत्र में समृद्धि और स्थिरता लाई जा सके। जयशंकर के मुताबिक, भारत के लिए यह बैठक खासतौर पर इस दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है कि यह उसे अन्य सदस्य देशों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने का मौका देगा।

जहां तक चीन का सवाल है, भारत और चीन के बीच भी सीमा विवाद और तनावपूर्ण रिश्तों की वजह से कोई द्विपक्षीय वार्ता की संभावना नहीं है। हालांकि दोनों देश SCO के सदस्य हैं, लेकिन जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि SCO की बैठक का उद्देश्य बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना है, न कि द्विपक्षीय विवादों को सुलझाना।

SCO की बैठक में भारत की प्राथमिकताएँ स्पष्ट हैं—आतंकवाद का विरोध, क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना, और आर्थिक सहयोग को मजबूत करना। जयशंकर ने बताया कि भारत का जोर इस बात पर रहेगा कि सदस्य देश मिलकर क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के लिए काम करें। आतंकवाद के मुद्दे पर भारत पहले भी SCO के मंच पर जोर देता रहा है, और इस बार भी यह प्रमुख एजेंडे में शामिल रहेगा।

एस जयशंकर का SCO बैठक में भाग लेना भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत करने का एक अहम मौका है। हालांकि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर कोई चर्चा नहीं होगी, लेकिन यह बैठक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगी।

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