‘महा’प्लान: ‘संविधान’ या कांग्रेस की कोरी लाल किताब? राहुल को उन्हीं के हथियार से मात देने में जुटी बीजेपी

नागपुर में राहुल गांधी ने संविधान सम्मेलन आयोजित किया था। इस दौरान बांटी गई बुकलेट पर विवाद छिड़ा हुआ है।

पीएम मोदी ने संविधान की 'कोरी किताब' पर राहुल और कांग्रेस को घेरा

याद कीजिए लोकसभा का चुनाव। कांग्रेस की हर रैली में एक समानता देखने को मिलती थी। राहुल गांधी के हाथ में संविधान की लाल किताब। इसे वह रैली के मंचों से लहराया करते थे। कहते थे कि बीजेपी संविधान बदलना चाहती है। जिसे राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में हथियार बनाया था, अब बीजेपी ने उसी हथियार से कांग्रेस की काट निकाली है। क्या जिस संविधान की किताब को राहुल गांधी लहराते हैं, वह अंदर से कोरी है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने एक के बाद एक संविधान की इसी किताब का जिक्र करते हुए राहुल को घेरा है। साफ है कि महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव में बीजेपी संविधान को एक बड़ा मुद्दा बना रही है। पीएम मोदी और अमित शाह के भाषणों से यह बात और स्पष्ट हो गई है।

मोदी के भाषण में संविधान-लाल किताब का जिक्र

महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने संविधान की उसी किताब पर राहुल गांधी को घेरा, जिसे वह रैलियों और मंचों में लहराते फिरते हैं। पीएम मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस ने फर्जीवाड़े में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कांग्रेस के लोग संविधान के नाम पर अपनी एक अलग लाल किताब बंटवा रहे हैं। कांग्रेस की लाल किताब पर ऊपर तो लिखा है- भारत का संविधान! लेकिन लोगों ने जब भीतर से खोला तो पता चला कि लाल किताब कोरी है। संविधान के नाम पर लाल किताब छपवाना, उसमें से संविधान के शब्दों को हटाना। ये संविधान को खत्म करने की कांग्रेस की पुरानी सोच का नमूना है। ये कांग्रेस वाले देश में बाबा साहेब का नहीं, बल्कि अपना अलग ही संविधान चलाना चाहते हैं। कांग्रेस और उनके साथियों को बाबा साहब के संविधान से नफरत है।’

कश्मीर में कांग्रेस ने 2 संविधान चलाए: मोदी

संविधान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर कश्मीर में 370 का दुरुपयोग करने और दो संविधान चलाने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने कहा, ‘आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहेब के संविधान के साथ सबसे पहला विश्वासघात कश्मीर में किया था। पूरे देश ने बाबा साहेब के संविधान को स्वीकार किया। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने आर्टिकल 370 के जरिए कश्मीर में अलग विधान चलाया। कश्मीर में हमारे तिरंगे की जगह अलग झंडा चलाया। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के दलितों को उनके कोई अधिकार नहीं दिए। कश्मीर इतने दशकों तक आतंकवाद की आग में जलता रहा, वहां अलगाववाद फलता-फूलता रहा। देश को पता भी नहीं चलने दिया कि इस देश में 75 साल तक 2 संविधान चले।‘

शाह ने संविधान पर राहुल को घेरा

यानी बीजेपी की रणनीति पर संविधान के जरिए ही कांग्रेस और राहुल गांधी को चौतरफा घेरने की है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली से भी मिला, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी पर संविधान का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया। अकोला की रैली में अमित शाह ने कहा, ‘मैं आपको बताने आया हूं, ये हाथ में संविधान पकड़कर लहराते हैं। दो दिन पहले इनकी पोल खुल गई। किसी के हाथ में जो संविधान ये लहराते हैं, इसका कॉपी आया। ऊपर तो भारत का संविधान लिखा था, अंदर सारे के सारे पन्ने कोरे थे। अंदर कुछ नहीं था। अरे राहुल बाबा संविधान का तो मखौल मत उड़ाओ। संविधान आस्था का सवाल होता है। विश्वास का सवाल होता है। आपने नकली संविधान लहराकर बाबासाहेब आंबेडकर और संविधान सभा का अपमान किया है। ये कांग्रेस पार्टी संविधान को मजाक बनाकर रख दी है।‘

राहुल ने कोरे पन्नों वाली संविधान की बुकलेट बांटी?

6 नवंबर को नागपुर के सुरेश भट सभागार में कांग्रेस ने संविधान सम्मेलन किया। यह कार्यक्रम कांग्रेस के गले की हड्डी बन गया है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राहुल गांधी ही थे। इस आयोजन के दौरान राहुल ने संविधान की जो लाल किताब लोगों के बीच बांटी, जिसके ऊपर Constitution of India लिखा था। यह आयोजन तब विवादों में घिर गया, जब एक वीडियो में संविधान की जो बुकलेट बांटी गई, उसके अंदर कोरे पन्ने दिखे। बीजेपी ने इसको महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में मुद्दा बना दिया है। पार्टी ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कहा कि संविधान की शुरुआत का जिक्र करने के बाद बाकी पन्नों को सादा छोड़ देना संविधान का अपमान है।

लोकसभा में राहुल ने खूब लहराई थी संविधान की किताब

लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी संविधान की बुकलेट लेकर रैलियों में घूमते थे। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से नैरिटेव चलाया गया कि संविधान खतरे में है और बीजेपी की 400 सीटें आ गईं तो वह संविधान बदल देगी। इस भ्रामक नैरेटिव का कांग्रेस को कुछ फायदा भी मिल गया और लोकसभा में उसकी सीटें बढ़कर 99 तक पहुंच गईं। खास तौर से उत्तर प्रदेश में सपा के साथ कांग्रेस के अलायंस को बढ़त मिल गई। ऐसे में कांग्रेस के रणनीतिकार सोचने लगे कि इसका लाभ विधानसभा चुनावों में भी मिल सकता है। महाराष्ट्र में अपने अभियान की शुरुआत करते हुए राहुल गांधी उस दीक्षाभूमि पर गए थे, जहां बाबा साहेब आंबेडकर ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया था। इसके बाद नागपुर में ही उन्होंने संविधान सम्मेलन किया।

बीजेपी ने संविधान को ही मुद्दा बना दिया

राहुल गांधी का संविधान सम्मेलन ही अब पार्टी के लिए एक तरह से बैकफायर कर गया है। बीजेपी इस कार्यक्रम के वीडियो और संविधान की फर्जी बुकलेट बांटने का आरोप लगाकर राहुल गांधी और कांग्रेस के नैरेटिव को फेल करने में जुटी है। अब बीजेपी ने लाल किताब के जरिए कांग्रेस पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस कह रही है कि नोटपैड जैसी दिखने वाली किताब के कवर पर Constitution of India  लिखा हुआ था, अंदर के पहले पेज पर प्रिंबल (प्रस्तावना) था और बाकी पेज सादे थे। बीजेपी ने कहा है कि संविधान का आवरण लगाकर उसे नोटपैड की तरह उपयोग करना संविधान का अपमान करना है। केवल कवर पेज दिखाना और जनता को भ्रमित करना नकली कहानी का हिस्सा है। साफ है कि जहां 2024 में कांग्रेस संविधान की पिच का भ्रमजाल बनाकर बैटिंग कर रही थी, वहीं महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में उसके लिए संविधान पर ही पार्टी का बचाव करना  पड़ रहा है।

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