मुंबई: बटेंगे तो कटेंगे… यह एक ऐसा नारा है, जो लगातार चुनावी रैलियों और राजनेताओं के बीच चर्चा में है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी शुरुआत आगरा से की थी। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी योगी ने रैलियों में इसका जिक्र किया। अब झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी यह नारा सुर्खियां बन रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसको लेकर योगी आदित्यनाथ पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उधर महाराष्ट्र के डेप्युटी सीएम और बीजेपी की सहयोगी एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी इस नारे का विरोध किया। अब देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार को बटेंगे तो कटेंगे का अर्थ समझाया है।
अजित पवार ने क्या कहा?
योगी आदित्यनाथ लगातार महाराष्ट्र में चुनावी मंचों से बटेंगे तो कटेंगे नारे का इस्तेमाल कर रहे हैं। अजित पवार की एनसीपी, बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति की सहयोगी है। अजित पवार को योगी का यह नारा पसंद नहीं आ रहा है। अजित पवार ने कहा, ‘महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहू महाराज और महात्मा ज्योतिबा फुले का है। आप महाराष्ट्र की तुलना बाकी राज्यों से नहीं कर सकते हैं। शिवाजी महाराज की शिक्षा समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की थी। महाराष्ट्र के लोगों को यह पसंद नहीं है। जब दूसरे राज्यों से लोग यहां आते हैं तो वे अपने लोगों को ध्यान में रखते हुए बयान देते हैं। महाराष्ट्र ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया। यहां के सभी चुनावों का यह इतिहास रहा है।‘ अजित पवार ने योगी के नारे का विरोध करते हुए कहा, ‘मैं उस बयान के समर्थन में नहीं हूं। इस तरह के बयान महाराष्ट्र में नहीं चलते हैं। ये सब यूपी या झारखंड में या कहीं और चलता होगा लेकिन यहां पर नहीं चलता है।‘
The remark 'Batenge to Katenge' is inappropriate. Using such words holds no significance in Maharashtra
— Ajit Pawar #MaharashtraElection2024pic.twitter.com/SywdEOt5YV
— Desh Ka Verdict (@DeshKaVerdict) November 12, 2024
फडणवीस बोले- इस वजह से समझ नहीं पाए अजित पवार
अब महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार को समझाने की कोशिश की है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘अजित पवार दशकों तक ऐसी विचारधाराओं के साथ रहे हैं, जो सेक्युलर और हिंदू विरोधी हैं। खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वालों में कोई वास्तविक धर्मनिरेपेक्षता नहीं है। वे ऐसे लोगों के साथ रहे हैं, जिनके लिए हिंदुत्व का विरोध करना ही धर्मनिरपेक्षता है। जनता का मूड समझने में उन्हें थोड़ा वक्त लगेगा। ये लोग (अजित पवार) या तो जनता की भावना को समझ नहीं पाए या बोलते समय शायद कुछ और कहना चाहते थे।‘
#WATCH | On Deputy CM Ajit Pawar's remark "there is no place for UP CM Yogi Adityanath's 'batenge toh katenge' slogan", Maharashtra Deputy CM Devendra Fadnavis says "…For decades, Ajit Pawar stayed with such ideologies which are secular and anti-Hindu. There is no real… pic.twitter.com/yFhOdyPwjj
— ANI (@ANI) November 15, 2024
खरगे और योगी में जुबानी जंग
मल्लिकार्जुन खरगे ने बटेंगे तो कटेंगे पर योगी के बयान को टेररिस्ट जैसा बताया था। इसके बाद योगी ने महाराष्ट्र के अचलपुर की रैली में खरगे पर पलटवार किया था। एक बार फिर बटेंगे तो कटेंगे का जिक्र करते हुए योगी ने कहा था, ‘लगातार तीन दिन से कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी की बात को देखकर के लगता है कि वे मुझ पर बहुत नाराज हो गए हैं। वे लाल-पीले बने जा रहे हैं मुझ पर। खरगे जी मैं एक योगी हूं और एक योगी के लिए देश पहले होता है। यही अंतर है एक योगी में और आप में कि मेरे लिए देश पहले हैं, क्योंकि मेरे नेता मोदीजी ने हमें यही बताया है कि पहले हर काम देश के नाम। लेकिन आपके लिए कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति पहले है। यही कारण है कि आप सच्चाई न बोल पा रहे हैं न समझ पा रहे हैं। खरगे जी का गांव बारावती हैदराबाद के निजाम के अधीन आने वाला एक गांव था। जिस निजाम के रजाकारों ने निर्ममता के साथ हैदराबाद रियासत के अंदर हिंदुओं का कत्लेआम किया था। गांव के गांव जलाए गए थे। आपकी पूज्य माताजी, बहन और परिवार को जलाया था। उस सच्चाई को आज खरगे जी स्वीकार नहीं करना चाहते। वोट बैंक की खातिर अपने परिवार के बलिदान को ये भूल गए हैं। ‘
योगी ने आगे कहा, ‘इनके लिए सत्ता महत्वपूर्ण है देश महत्वपूर्ण नहीं। निजाम का दुस्साहस इसलिए हुआ था। जूनागढ़ का नवाब इसलिए हेकड़ी दिखा रहा था। लोकसभा चुनाव में आपके इस लोकसभा क्षेत्र में जो तांडव हो रहा था, इसलिए हो रहा था, क्योंकि आप बंटे थे। यह देश इसलिए बंटा था, क्योंकि आप बंटे थे। हिंदुओं का कत्लेआम इसलिए हो रहा था, हिंदू इसलिए काटे जा रहे थे, क्योंकि हिंदू बंटे थे। इसीलिए मैं कहने के लिए आया हूं- बंटिए मत। बंटे थे तो कटे थे, एक हैं तो सेफ हैं।‘
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान
महाराष्ट्र में चुनाव की तारीख करीब आ रही है। राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान है। वहीं चुनाव का नतीजा 23 नवंबर को आएगा। इसी दिन झारखंड विधानसभा चुनाव का रिजल्ट भी घोषित होगा। इसके साथ ही यूपी में विधानसभा की 9 सीटों पर भी उपचुनाव हो रहा है। यहां भी 20 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे।