‘CID- 2 की स्क्रिप्ट पहले ही लीक’: सुक्खू सरकार पर मीम्स की बाढ़, सीएम के समोसे पर चुटकी ले रहे लोग

हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू एक इवेंट में गए थे। वहां सीएम के लिए आया समोसा उनके सुरक्षाकर्मियों में सर्व हो गया।

सीएम के लिए आए समोसे सुरक्षाकर्मियों को सर्व हो गए थे

साल था 2014। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। तारीख- 31 जनवरी 2014। आजम खां की सात भैंसें चोरी हो जाती हैं और यूपी पुलिस खोजने निकल पड़ती है। 24 घंटे के अंदर पुलिस भैंसें बरामद कर लेती है, हालांकि इस कवायद के दौरान पुलिस की काफी किरकिरी होती है। सवाल उठे कि अखिलेश यादव के राज में जिस पुलिस को अपराधियों से निपटने में पसीने छूट जाते हैं, वह एक कद्दावर मंत्री की भैंस ढूंढने के लिए बेहद संजीदा है। अब हिमाचल प्रदेश की सीआईडी को कुछ ऐसी ही कशमकश से जूझना पड़ रहा है।  जेहन में ख्याल आता है कि सीआईडी-2 का ट्रेलर तो हाल में आया था, कहीं सीआईडी-2 की स्क्रिप्ट तो पहले ही लीक नहीं हो गई? छह साल बाद यह सस्पेंस, थ्रिलर टेलीविजन शो फिर पर्दे पर वापस आ रहा है। उधर हिमाचल में सुक्खू सरकार की सीआईडी समोसे के सस्पेंस से पर्दा उठाने में जुटी है।

समोसा गलत पेट में जा रहा था

हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है और सीएम हैं सुखविंदर सिंह सुक्खू। यहां सीएम का समोसा सोशल मीडिया पर चर्चा में बना हुआ है। सीआईडी जांच कर रही है कि सीएम का समोसा कैसे उनके पास तक नहीं पहुंच सका? इसको लेकर सोशल मीडिया पर मीम्स भी शेयर हो रहे हैं। कई यूजर सुक्खू सरकार पर सवाल उठाते हुए चुटकी ले रहे हैं। दैनिक भास्कर के पत्रकार मुकेश माथुर ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘हिमाचल में CM के लिए लाए गए समोसे खा गया स्टाफ, CID को जांच। बस इसी गंभीरता की जरूरत थी गवर्नेंस में। हिमाचल की माली हालत भी इसी नजरिए से सुधरेगी। समोसा गलत पेट में जा रहा था इसलिए घाटा हो रहा था।‘

समोसे की CID जांच और कर्ज 76 हजार करोड़

इंडिया टुडे के पत्रकार शिव अरूर ने एक्स पोस्ट में हिमाचल के कर्ज का जिक्र करते हुए लिखा, ‘हिमाचल में सीएम सुक्खू के गायब समोसे की सीआईडी जांच- एक ऐसा राज्य जिसका 2023 में कर्ज 76,651 करोड़ रुपये पहुंच गया।‘

बीजेपी बोली- हिमाचल कांग्रेस SID

हिमाचल प्रदेश बीजेपी ने भी सुक्खू सरकार के कदम पर चुटकी ली है। अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से हिमाचल बीजेपी ने लिखा, ‘ क्या आप जानते हैं? सुक्खू जी के व्यवस्था परिवर्तन में एक नया डिपार्टमेंट खुला है।‘ इस पोस्ट को एक तस्वीर के साथ शेयर किया गया है, जिसमें वर्ल्ड की बेस्ट एजेंसी हेडिंग के साथ इजरायल की मोसाद और भारत की रॉ (R&AW) का जिक्र है। वहीं सबसे नीचे तंज कसते हुए लिखा है, ‘हिमाचल प्रदेश कांग्रेस- SID (समोसा इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट)।‘

सुक्खू बोले- समोसा नहीं मिसबिहैवियर की जांच

हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मीडिया ने जब इस मुद्दे पर सवाल पूछा, तो उन्होंने कहा, ‘सीआईडी मिसबिहैवियर यानी दुर्व्यवहार की जांच कर रही है, खबर आप समोसे की चला रहे हैं।‘ दरअसल हिमाचल के सीएम सुक्खू 21 अक्टूबर को एक इवेंट में सीआईडी मुख्यालय गए थे। यहां उनके लिए तीन बॉक्सेज में समोसे और केक बाहर से मंगाए गए थे। लेकिन ये स्नैक्स सीएम की बजाए सुरक्षाकर्मियों को परोस दिए गए। इसके बाद सीआईडी जांच बिठा दी गई।

सीएम सुक्खू को शर्म आनी चाहिए

सुक्खू के बयान पर सवाल उठ रहे हैं। जितेंद्र प्रताप सिंह ने एक्स पर लिखा, ‘हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को शर्म आनी चाहिए कि वह कैमरे पर झूठ बोल रहे हैं कि समोसे वाला मामला ऐसा कुछ नहीं है। कोई जांच के आदेश नहीं दिए गए हैं। यह सीआईडी क्राइम की जांच रिपोर्ट है। तीन पन्ने पर विस्तार से जांच रिपोर्ट है और अभी भी जांच चल रही है। साफ-साफ लिखा है कि रेडिसन से तीन गत्ते समोसे और केक सिर्फ मुख्यमंत्री के खाने के लिए मंगाए  गए थे तो वह स्टाफ ने क्यों खाए? और जिन-जिन स्टाफ ने खाए उनका सबका बयान दर्ज किया जा रहा है। सभी स्टाफ के बयान को कलम बंद किया जा रहा है और एक मजिस्ट्रेट के सामने बयान लिया जा रहा है। सोचिए भारत के भाजपा शासित राज्य यहां तक की डीएमके शासित राज्य तमिलनाडु अपने-अपने राज्य में उद्योगपतियों को आकर्षित करने के लिए निवेश बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। और आज कांग्रेस कुछ राज्य में सत्ता में है। कर्नाटक का मुख्यमंत्री हर रोज कोर्ट-कचहरी थाने का चक्कर लगा रहा है। प्लॉट का घोटाला कर दिया और हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री इस बात पर गुस्सा हो गया कि उसने जो समोसा अपने लिए मंगाया था, वह समोसा उसके स्टाफ ने क्यों खा लिया और उसने पूरे राज्य की पुलिस सीआईडी IB को इस पर जांच पर लगा दिया।‘

हिमाचल सीआईडी ने क्या दी सफाई?

हिमाचल प्रदेश सीआईडी के डीजी संजीव रंजन ओझा का कहना है, ‘ये सीआईडी का आंतरिक मामला है। सीएम साहब हमारे चीफ गेस्ट थे। हमने साइबर क्राइम विंग का डेटा सेंटर का उद्घाटन सीएम साहब द्वारा करवाया। सब कार्य संपन्न होने के बाद हम लोग अपने दफ्तर में थे और बड़े अच्छे से सब कुछ संपन्न हुआ। सीएम साहब ने हमारी बातें बड़े ध्यान से सुनीं और हमारे जो प्रपोजल्स (प्रस्ताव) थे, उसको भी बहुत पॉजिटिवली लिया। जब ये सफल आयोजन हो गया, तो हम ऑफिसर्स आपस में बैठकर चाय पी रहे थे। ये चर्चा हुई और किसी ने कहा कि ये भी (समोसा) मंगाया गया था, वह गया कहां? तो हमने कहा कि पता करो क्या हुआ? बस इतनी सी बात थी। इतनी सी बात है- पता करो क्या हुआ और उसके बाद न हमने किसी को नोटिस दिया न किसी से स्पष्टीकरण मांगा। मगर ये बात मीडिया में अचानक आ गई और इतना बड़ा इश्यू बन गया और इसको पॉलिटिसाइज (राजनीतिकरण) किया जा रहा है। ये सीआईडी का इंटरनल मैटर है, इसको यहीं पर समाप्त किया जाए।‘

टॉयलेट टैक्स के बाद समोसा कांड से फजीहत

सीआईडी की लीक हुई जांच रिपोर्ट में लिखा है, ‘यह कृत्य सरकार और सीआईडी विरोधी है। जांच रिपोर्ट में नामित सभी लोगों ने सीआईडी विरोधी और सरकार विरोधी तरीके से काम किया है। इस वजह से ये चीजें वीवीआईपी को नहीं दी जा सकीं।‘ जाहिर है इस मामले ने पहले ही कई मोर्चों पर घिरी सुक्खू सरकार के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी। टॉयलेट टैक्स के नोटिफिकेशन पर हिमाचल की कांग्रेस सरकार को किरकिरी झेलनी पड़ी थी। वहीं राज्य पर कर्ज का बोझ पहले ही सुक्खू सरकार के लिए सिरदर्द बना हुआ है। ऐसे में समोसा कांड कांग्रेस और सीएम सुक्खू की फजीहत करा रहा है।

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