16 साल से कम उम्र के बच्चों ने सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाया तो प्लैटफॉर्म पर ₹2.75 अरब का जुर्माना; ऑस्ट्रेलिया लाया बिल

आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। बच्चे, युवा और बड़े—सभी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, सोशल मीडिया के उपयोग के साथ कई सकारात्मक पहलू जुड़े हैं लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी बढ़ते जा रहे हैं, खासकर बच्चों के लिए। इन चिंताओं को देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों पर सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव दिया है जिसके लिए संसद में एक बिल पेश किया गया है।

क्या है नया कानून?

ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने यह निर्णय बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के उद्देश्य से लिया है। गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के संसद के निचले सदन में एक विधेयक पेश किया गया है। जिसके तहत 16 साल से कम उम्र के बच्चे पर सोशल मीडिया ऐप के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव लाया गया है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा है, यह पाबंदी X, स्नैपचैट, टिक टॉक, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे ऐप्स को लेकर होगी। इस तरह की पाबंदी के लिए ऑस्ट्रेलिया का नया कानून एक फ्रेमवर्क मुहैया कराएगा। 17 पन्नों के इस दस्तावेज को अगले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया सीनेट में पेश किया जा सकता है।

प्लैटफॉर्म्स पर ₹2.75 अरब का जुर्माना

ऑस्ट्रेलिया की संचार मंत्री माइकल रोलैंड ने संसद में इस बिल को पेश किया है। रोलैंड ने संसद में कहा कि यह विधेयक समाज में एक नया मानक स्थापित करने का प्रयास है। उन्होंने सोशल मीडिया के कई हानिकारक प्रभावों का हवाला देते हुए इस बिल को लाए जाने की तात्कालिकता पर जोर दिया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि आयु के सत्यापन के लिए जुटाए गए व्यक्तिगत डेटा को उद्देश्य पूरा होने के बाद नष्ट कर दिया जाएगा। रोलैंड ने कहा कि अगर फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लैटफॉर्म्स इन नियमों का पालन नहीं कर पाए और बच्चे उनमें अकाउंट बना पाते हैं तो प्लैटफॉर्म्स पर 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (2.75 अरब रुपए) तक का जुर्माना लग सकता है।

बिल का मकसद क्या है

ऑस्ट्रेलिया की सरकार की रिसर्च में सामने आया है कि देश में 14 से 17 वर्ष की आयु के लगभग दो-तिहाई आस्ट्रेलियाई ऑनलाइन हानिकारक सामग्री के संपर्क में आए हैं जिनमें नशीली दवाओं के दुरुपयोग, खुद को नुकसान पहुंचाने या असुरक्षित खाने की आदतों को बढ़ावा देने वाली सामग्री शामिल है। बच्चों पर सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को लेकर कई रिपोर्ट सामने आई हैं। जिनसे यह साबित हुआ है कि सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है। जिनमें अवसाद और चिंता, साइबर बुलिंग और अनुचित सामग्री तक पहुंच जैसी चीजें शामिल हैं। इन चिंताओं को दूर करने और बच्चों को एक सुरक्षित ऑनलाइन माहौल प्रदान करने के लिए ऑस्ट्रेलिया सरकार ने यह कदम उठाया है।

ऑस्ट्रेलिया की सरकार के इस फैसले को अभिभावकों ने स्वागत किया है। हालांकि, कुछ जानकार इस फैसले पर सवाल भी खड़े कर रहे हैं। उनका कहना है कि क्या बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखा जाना चाहिए और क्या ऐसा करने से रोका जाना संभव है।

Exit mobile version