हेमंत सोरेन के पीए के घर IT का छापा, 9 ठिकानों पर कार्रवाई; जमीन घोटाले में 5 महीने जेल में थे झारखंड के CM

जमीन घोटाले में 149 दिन जेल में रह चुके हैं हेमंत सोरेन

झारखंड हेमंत सोरेन छापा

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पर्सनल सचिव सुनील श्रीवास्तव के घर समेत 9 ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है। झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच हुई इस कार्रवाई से झामुमो कैंप में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि यह कार्रवाई किस मामले में चल रही है यह अब तक सामने नहीं आया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आयकर विभाग ने शनिवार (9 नवंबर, 2024) सुबह करीब 8:30 पर झारखंड की राजधानी रांची के अशोक नगर स्थित सुनील श्रीवास्तव के घर पर छापेमारी की। यही नहीं, आयकर विभाग की अलग-अलग टीमें सीआरपीएफ जवानों के साथ सुनील श्रीवास्तव के घर के अलावा जमशेदपुर समेत कई अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर रहीं हैं। इसमें अब तक 9 ठिकानों पर कार्रवाई होने की बात कही जा रही है। इसमें सुनील की पत्नी व उनके पारिवारिक सदस्यों के घर भी शामिल हैं। सियासी गलियारे में ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि आयकर विभाग की यह कर्रवाई जमीन, कोयला या फिर मनरेगा में हुए कथित घोटालों को लेकर की गई है।

 

सुनील श्रीवास्तव लंबे समय से सीएम हेमंत सोरेन के साथ रह रहे हैं। हेमंत सोरेन के पर्सनल सचिव के तौर पर काम करने से पहले वह सरकारी इंजीनियर थे। लेकिन फिर नौकरी छोड़ी और हेमंत सोरेन के सहयोगी के तौर पर काम करने लगे। फिलहाल, सुनील श्रीवास्तव हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति के सदस्य हैं। इसके अलावा, पार्टी के स्टार प्रचारक के साथ ही झामुमो के सभी बड़े नेताओं से भी उनके संबंध रहे हैं।

झारखंड में हुआ घोटालों का खेल

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस हफ्ते की शुरुआत में झारखंड हाई कोर्ट में 140 पन्नों की एक याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में ED ने कोर्ट से कहा है कि सितंबर 2022 से सितंबर 2024 के बीच, झारखंड सरकार को ‘घोटालों’ से जुड़े कई दस्तावेज दिए गए थे। इनमें कम से कम 5 बड़े घोटालों से जुड़े हुए सबूत शामिल हैं।

इन घोटालों में नकली स्टांप बनाने से लेकर कोयला और उद्यम मंत्रालय से जुड़े आवंटन में हुए भ्रष्टाचार, अवैध रेत खनन, मनरेगा, ग्रामीण विकास तथा जमीन घोटाले जैसे बड़े घोटाले शामिल हैं। जमीन घोटाले में तो खुद सीएम हेमंत सोरेन 5 महीने जेल में रह चुके हैं और फिलहाल जमानत बाहर हैं। उल्लेखनीय है कि झारखंड हाई कोर्ट में दायर याचिका में ईडी ने कहा है कि सबूत देने के बाद भी झारखंड सरकार ने न तो कोई कार्रवाई की और न ही नई एफआईआर दर्ज की। इसके चलते जांच में समस्या हुई और भ्रष्टाचारी तंत्र आगे बढ़ता चला गया।

जमीन घोटाले में 149 दिन जेल में रहे हेमंत सोरेन

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने सीएम रहते अपने पद का दुरपयोग कर करोड़ों रुपए की जमीन पर कब्जा किया है। ईडी का आरोप है कि हेमंत सोरेन ने रांची में सेना की जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त की। इसके अलावा, जनजातियों की जमीन पर भी कब्जा करने का आरोप है। इस मामले में रांची नगर निगम ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इस FIR के हिसाब से ईडी ने अपनी जांच शुरू की थी। कई समन भेजने के बाद भी जब सोरेन पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए थे, तब ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

इसके अलावा ईडी झारखंड में हुए अवैध खनन के मामले की भी जांच कर रही है। ईडी को संदेह है कि अवैध खनन से कमाए गए करीब 100 करोड़ रुपए को हवाला के जरिए झारखंड से बाहर अन्य राज्यों में भेजा गया है। इस मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार और साहिबगंज जिले के अधिकारियों के घर समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी। कहा जा रहा है कि खनन घोटाला करीब 100 करोड़ रुपए का है।

इसके अलावा झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुखमंत्री बाबू लाल मरांडी हेमंत सोरेन सरकार पर 550 करोड़ के मनरेगा घोटाला तथा 1500 करोड़ के उद्योगों आवंटन व कोयला का आरोप लगाते रहे हैं। मरांडी का आरोप है कि हेमंत सोरेन की सरकार में कम से कम 10 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है।

 

वहीं, ईडी की इस कार्रवाई पर भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा है, “यह मोदी का नया भारत है, चाहे आप कितने भी बड़े पद पर हों, अगर आपके खिलाफ कोई सबूत है, तो एजेंसियां ​​कार्रवाई करती हैं और यह चुनाव का समय है, इसलिए सभी एजेंसियां ​​हाई अलर्ट पर हैं। चुनाव में किसी भी हालत में पैसे का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए और जहां भी एजेंसियों को सबूत मिलते हैं, वे कार्रवाई करती हैं।”

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