महाकुंभ 2025: मेला क्षेत्र के लिए पहली बार स्पेशल नेविगेशन, Google Map श्रद्धालुओं को दिखाएगा राह

प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन 14 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक होगा।

महाकुंभ का पहला शाही स्नान 14 जनवरी 2025 को

प्रयागराज: तीर्थराज प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं। सनातन संस्कृति के इस भव्य आयोजन में 50 करोड़ लोगों के जुटने का अनुमान है। ऐसे में फुलप्रूफ चाक-चौबंद व्यवस्था के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने महाप्लान बनाया है। महाकुंभ-2025 की सुरक्षा व्यवस्था में 60 हजार पुलिसकर्मियों की मेला क्षेत्र में तैनाती की जाएगी। 16 देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों को महाकुंभ का निमंत्रण भेजा जा चुका है। अखाड़ों के साधु-संतों की आवाजाही भी प्रयागराज में होने लगी है। इस बीच गूगल ने महाकुंभ मेला क्षेत्र को अपने नेविगेशन मैप में इंटीग्रेट करने का फैसला लिया है। इसका फायदा यह होगा कि श्रद्धालु महत्वपूर्ण जगहों और साधु-संतों के शिविरों की लोकेशन आसानी से ट्राक कर सकेंगे। इसके लिए गूगल ने अपनी पॉलिसी में बदलाव भी किया है।

महाकुंभ के लिए स्पेशल नेविगेशन बनाएगा गूगल

महाकुंभ की दिव्यता और आलौकिकता की छंटा अब गूगल पर भी निखरेगी। गूगल ने नेविगेशन के लिए किसी अस्थाई शहर को जोड़ने का निर्णय लिया है। महाकुंभ मेला प्राधिकरण और गूगल के बीच इस सिलसिले में एक एमओयू (सहमति पत्र) भी हुआ है। इसके तहत गूगल महाकुंभ के लिए विशेष नेविगेशन तैयार करेगा। इसकी सहायता से श्रद्धालु मेला क्षेत्र में तमाम स्थलों, मंदिरों, साधु-संतों के अखाड़ों और शिविरों को ट्रैक कर सकेंगे। नवंबर के आखिर या दिसंबर की शुरुआत में गूगल इस विशेष नेविगेशन की शुरुआत कर सकता है। हाल ही में गूगल ने अपने नेविगेशन सिस्टम में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को भी जोड़ा है। कंपनी ऐप के अंदर स्पेशल AI फीचर्स लाई है, जो पसंद के मुताबिक आपको सुझाव देगी। आस-पास में चल रही किसी खास गतिविधि की जानकारी मैप में मिल सकेगी।

पहली बार किसी अस्थायी शहर के लिए गूगल की सुविधा

किसी जगह पर ले जाने वाले रास्ते की पूरी जानकारी को कंप्यूटर या मोबाइल की भाषा में नेविगेशन कहा जाता है। पहले लोग कागज के नक्शे से या लोगों से पूछते हुए अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचते थे। वर्तमान समय में गूगल के जरिए यह काम बहुत आसान हो गया है। गूगल का नेविगेटर आपको जगह का नक्शा तो बताता ही है, साथ-साथ कहां पर मुड़ना है और कहां यू टर्न लेना है, ये सारी जानकारी देता है। आम तौर पर गूगल किसी बसे-बसाए शहर का नेविगेशन देता है। ऐसा पहली बार है, जब उसने किसी अस्थायी शहर के लिए यह सुविधा देने पर सहमति दी है।

गूगल ने अपनी पॉलिसी बदली

अपर मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी का कहना है, ‘दुनिया में बड़े पैमाने पर लोगों का समागम होता है, लेकिन गूगल ने कभी किसी अस्थायी कार्यक्रम के लिए नेविगेशन की इजाजत नहीं दी है। पहली बार है कि महाकुंभ की भव्यता और यहां जुटने वाले जनसमूह को देखते हुए गूगल ने अपनी पॉलिसी में बदलाव करते हुए महाकुंभ मेला क्षेत्र को नेविगेशन मैप में जोड़ा है।‘ तकरीबन 45 से 50 करोड़ देसी-विदेशी श्रद्धालुओं और सैलानियों को इस तकनीक का लाभ मिलेगा।

सीएम योगी ने लॉन्च किया था लोगो-ऐप

महाकुंभ मेला 14 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्र के दौरान 6 अक्टूबर को महाकुंभ 2025 का लोगो, ऐप और वेबसाइट लॉन्च की थी। कुंभ के लोगो में समृद्धि के प्रतीक अमृत कलश को दिखाया गया है। लोगो में दो साधुओं को अभिवादन की मुद्रा में दिखाया गया है। संगम नगरी के प्रमुख धार्मिक स्थलों को भी इस लोगो में लिया गया है। यह सनातन धर्म की परंपराओं का प्रतीक है।

यातायात संभालने के लिए खास इंतजाम

महाकुंभ के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। डीजीपी मुख्यालय से अलग-अलग जिलों के पुलिसकर्मियों की कुंभ मेला क्षेत्र में तैनाती को लेकर तैयारियां चल रही हैं। पहले चरण में नागरिक पुलिस से 10 प्रतिशत पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। दूसरे चरण में नागरिक पुलिस के 40 प्रतिशत और तीसरे चरण में 50 प्रतिशत पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी। पीएसी, एसडीआरएफ और जीआरपी के पुलिसकर्मियों की मेले में ड्यूटी लगाई जाएगी। यातायात के लिए महाकुंभ मेला क्षेत्र में 14 इंस्पेक्टर, 60 सब इंस्पेक्टर, 100 हेड कॉन्स्टेबल और 400 कॉन्स्टेबल मोर्चा संभालेंगे।

महाकुंभ में 3 शाही स्नान

कुंभ मेले को यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के तौर पर मान्यता दी है। इसके साथ ही यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने श्रद्धालुओं को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रमुख रास्तों पर होटल, ढाबे और रेस्तरां में परिवर्तन के लिए सब्सिडी का ऐलान किया है। महाकुंभ के मुख्य स्नान को शाही स्नान के नाम से जाना जाता है। पहला शाही स्नान मकर संक्रांति (14 जनवरी), दूसरा शाही स्नान मौनी अमावस्या (29 जनवरी) और तीसरा शाही स्नान बसंत पंचमी (3 फरवरी) को होगा।

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