महाराष्ट्र चुनाव: पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर हमला, सिर में लगी चोट, कार का शीशा टूटा

महाविकास अघाड़ी सरकार में अनिल देशमुख महाराष्ट्र के गृह मंत्री थे।

हमले में अनिल देशमुख के सिर में लगी चोट

नागपुर: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव प्रचार के आख़िरी दिन पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी (शरद चंद्र पवार) के नेता अनिल देशमुख पर हमला हुआ है। इस हमले में उनके सिर में चोट लगी है। बताया जा रहा है नागपुर के पास कुछ अज्ञात लोगों ने उनकी कार पर हमला किया, जिसमें वह जख्मी हुए हैं। देशमुख प्रचार समाप्त करने के बाद अपने घर लौट रहे थे। इस हमले में उनकी कार का शीशा भी टूट गया है। सोशल मीडिया पर हमले की कई तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें उनके सिर से खून बह रहा है।

कार पर पथराव, खिड़की का शीशा भी टूटा

अनिल देशमुख काटोल के नरखेड़ से चुनावी सभा करने के बाद कटोल सिटी की ओर आ रहे थे। इसी दौरान जलालखेड़ा रोड पर अज्ञात असामाजिक तत्वों ने उनकी गाड़ी पर पथराव किया। पथराव में अनिल देशमुख के सिर में चोट आई। उन्हें इलाज के लिए काटोल के अस्पताल लाया गया। एक पत्थर उनकी कार की विंडशील्ड पर आकर गिरा, जिससे खिड़की का शीशा टूट गया। पुलिस घटना की जांच कर रही है और हमलावरों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।

देशमुख पर कायरतापूर्ण हमला: एनसीपी शरद पवार

एनसीपी (शरद चंद्र पवार) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके इस घटना की निंदा की है। एनसीपी (शरद पवार) का कहना है, ‘प्रदेश में कानून-व्यवस्था ढह गई है। लोकतंत्र को नष्ट किया जा रहा है। इसका उदाहरण आज चुनाव प्रचार संपन्न होने के बाद घर लौटते समय राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर हुए कायरतापूर्ण हमले से सामने आया है।’

पार्टी ने कहा है कि इस घटना की एनसीपी (शरद चंद्र पवार) की ओर से सार्वजनिक रूप से निंदा की जाती है। एनसपी (SCP) नेता अनिल देशमुख ने आरोप लगाया है कि काटोल विधानसभा क्षेत्र के काटोल जलालखेड़ा रोड पर कुछ लोगों ने उनकी कार पर पथराव किया। इस घटना में उन्हें चोटें आईं हैं और उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया जा रहा है। अनिल देशमुख के बेटे सलिल, काटोल विधानसभा सीट से NCP शरद पवार के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

कौन हैं अनिल देशमुख?

अनिल देशमुख को शरद पवार के करीबी लोगों में गिना जाता है। विदर्भ क्षेत्र से संबंध रखने वाले देशमुख नागपुर जिले के कटोल इलाके के निवासी हैं। 1995 में अनिल देशमुख ने काटोल से निर्दलीय चुनाव लड़कर पहली जीत हासिल की थी। इसके बाद 1999, 2004, 2009 और 2019 में भी वह काटोल विधानसभा से निर्वाचित हुए। 2004 में कांग्रेस-एनसीपी की गठबंधन सरकार में वह पीडब्ल्यूडी मंत्री थे। वहीं 2009 से 2014 के बीच वह एक बार फिर मंत्री रहे। 2019 में महाविकास अघाड़ी की सरकार में उनको गृह मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। मुंबई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख के खिलाफ सचिन वझे समेत अन्य पुलिस अधिकारियों के जरिए 100 करोड़ रुपये की हफ्ता वसूली का आरोप लगाया था। इस मामले में अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई और ईडी दोनों ने जांच की। परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद अनिल देशमुख को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस मामले में 2 नवंबर 2021 को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में उनको गिरफ्तार किया था। 11 महीने जेल में रहने के बाद देशमुख को बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी।

महाराष्ट्र में 20 को चुनाव, 23 को नतीजों का एलान

महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं। सभी सीटों पर एक चरण में 20 नवंबर को मतदान है। चुनाव का नतीजा 23 नवंबर को आएगा। इसी दिन झारखंड विधानसभा चुनाव का परिणाम भी घोषित होगा। महाराष्ट्र में मुकाबला महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच है। महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल हैं। वहीं महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार) हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105, शिवसेना ने 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं। जून 2022 में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना से बगावत करते हुए बीजेपी के साथ नई सरकार बनाई। शिवसेना का नाम और पुराना चुनाव निशान धनुष बाण शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पास है। जुलाई 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत करते हुए महायुति के साथ दोस्ती कर ली। शिंदे की सरकार में उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया।

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