भारत को खंडित कर ईसाई मुल्क बनाना चाहते हैं मिजोरम के CM? अमेरिका में बयान का वीडियो, बांग्लादेश में तख्तापलट से कनेक्शन

मिजोरम के मुख्यमंत्री पीयू लालदुहोमा के बयान के पीछे अमेरिका का हाथ होने का संदेह

मिजोरम मुख्यमंत्री पीयू लालदुहोमा

भारत को खंडित कर ईसाई मुल्क बनाना चाहते हैं मिजोरम के CM?

मिजोरम के मुख्यमंत्री पीयू लालदुहोमा ने चिन, कुकी और जो ईसाई जनजातियों से एकजुट होने तथा एक अलग देश की बात कही है। उनके इस बयान की भारत से लेकर बांग्लादेश और म्यांमार तक में चर्चा हो रही है। इस चर्चा का कारण यह है कि चिन, कुकी और जो जनजातियां पूर्वोत्तर भारत के अलावा बांग्लादेश और म्यांमार में रहती हैं। चूंकि सीएम लालदुहोमा ने अमेरिका में दिए इस बयान में एक अलग देश की बात की है। इससे सवाल यह उठता है कि क्या अमेरिका भारत, बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ हिस्सों को अलग कर एक ईसाई देश बनाने की प्लानिंग कर रहा है?

मीडिया रिपोर्ट्स में मिजोरम के मुख्यमंत्री पीयू लालदुहोमा का वायरल वीडियो गत 4 सितंबर का बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि सीएम लालदुहोमा ने यह बयान अमेरिका के इंडियानापोलिस में दिया था। उन्होंने कहा था, “हम एक लोग हैं, हम भाई बहन हैं और बंटने का जोखिम नहीं उठा सकते। ईश्वर ने हमें एक बनाया और हम राष्ट्रीयता को हासिल करने के लिए एक नेतृत्व के तहत आगे आएंगे। किसी देश की सीमाएं हो सकती हैं लेकिन एक सच्चा राष्ट्र सीमा से रहित होता है। हमें तीन देशों की तीन सरकारों द्वारा अन्यायपूर्वक तरीके से विभाजित किया गया है। हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते।”

पीयू लालदुहोमा ने ईसाई जनजातियों को एक होने और अलग देश की बात कर अपनी अलगाववादी विचारधारा स्पष्ट कर दी है। बेशक किसी जनजाति या जाति का एक होना गलत नहीं है। लेकिन तीन देशों का जिक्र कर अलग देश की बात करना तीनों देशों में अस्थिरता पैदा करने के लिए काफी है। यही नहीं, तीनों ईसाई जनजातियां चिन, कुकी और जो मणिपुर व मिजोरम में भी रहती हैं। वहीं मणिपुर लंबे समय तक हिंसा ग्रस्त रहा है। ऐसे में इस तरह के बयान एक बार फिर जातीय हिंसा को बढ़ावा दे सकते हैं।

शेख हसीना ने पहले ही किया था आगाह

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इसी साल मई में कहा था कि ईस्ट तिमोर की तरह बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ हिस्सों को लेकर बंगाल की खाड़ी में एक बेस बनाकर ईसाई देश बनाने की तैयारी की जा रही है। साथ ही कहा था कि ‘श्वेत व्यक्ति’ ने उन्हें कहा है अगर वह खास देश को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने की अनुमति दे दें तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। इस दौरान शेख हसीना ने किसी देश या व्यक्ति का नाम लेने की बजाय सिर्फ ‘श्वेत व्यक्ति’ कहा था। हालांकि उन्होंने ईस्ट तिमोर का जिक्र कर एक तरह से अमेरिका की ओर इशारा कर दिया था। दरअसल, ईस्ट तिमोर साल 2002 में ही देश बना है और यहां अमेरिका की मौजूदगी से दुनिया वाकिफ है। साथ ही अमेरिका ईस्ट तिमोर में अरबों डॉलर खर्च कर रहा है।

इसके बाद जब बांग्लादेश में हिंसा के चलते शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा था, तब शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने तख्तापलट के पीछे अमेरिका का हाथ बताया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका मजबूत सरकार नहीं चाहता। वह बांग्लादेश में कमजोर सरकार चाहता है, एक ऐसी सरकार जिसे वह नियंत्रित कर सके।लेकिन अमेरिका शेख हसीना को नियंत्रित नही कर पाया।

शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद जिस तरह से मोहम्मद यूनुस को कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया, उससे इस बात का शक जताया जा रहा था कि इन सबके पीछे अमेरिका का ही हाथ है। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बाद मोहम्मद यूनुस का अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन से मिलकर उनेक गले लगने से शक काफी हद यकीन में बदल गया था।

तीन देशों को बांटने की साजिश रच रहा अमेरिका?

चूंकि मिजोरम के मुख्यमंत्री पीयू लालदुहोमा ने ईसाइयों का अलग देश बनाने का बयान अमेरिका में दिया है। ऐसे में इस बात का संदेह जताया जा रहा है कि इसके पीछे अमेरिका और उसकी खुफिया एजेंसी CIA का हाथ हो सकता है। यह हर कोई जानता है कि अमेरिका एशिया और उसमें भी खासतौर से दक्षिण एशिया में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। दक्षिण एशिया में फिलहाल भारत का दबदबा है। इसके अलावा अमेरिका ईसाई बाहुल्य देश है। ऐसे में उसकी मंशा ईसाइयों को एकजुट कर नया देश बनाने की भी सकती है। यही नहीं, बांग्लादेश में जो हुआ, वह पूरी दुनिया ने देखा है, किस तरह से चंद युवाओं के आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया और फिर सत्ता पलट कर रख दी। इसके अलावा भारत में हिंसा और दंगे भड़काने के लिए जॉर्स सोरॉस जैसे वामपंथी भी पानी की तरह पैसा बहाने के लिए तैयार बैठे हैं। ऐसे में मिजोरम के मुख्यमंत्री पीयू लालदुहोमा के इस बयान के बाद सरकार और देश की खुफिया एजेंसियों को भी सतर्क होने की आवश्यकता है।

इस मामले में, वरिष्ठ पत्रकार, पूर्व राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता बलबीर पुंज ने एक्स पर एक पोस्ट लिख लिखा है। उन्होंने कहा है, “क्या कोई ऐसा व्यक्ति जिसने भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली हो, वह इस तरह से बोल सकता है, जिससे भारत के टुकड़े होने का संकेत मिलता हो? क्या मिजोरम काउंसिल ऑफ चर्चेस और भारत भर के अन्य चर्च निकाय लालदुहोमा के सांप्रदायिक, विभाजनकारी और राष्ट्र-विरोधी रुख का समर्थन करते हैं? क्या लालदुहोमा अपने लिए बोल रहे हैं? या उन बाहरी शक्तियों के लिए जो दक्षिण एशिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य को नया आकार देना चाहते हैं?”

वहीं, एनडीटीवी ने अपनी एक रिपोर्ट में मिजोरम सरकार के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा का जो बयान वायरल हो रहा है उस में कुछ भी विवादित नहीं है, क्योंकि लालदुहोमा ने भारत में रहने वाली ईसाई जनजातियों को एकजुट होने के लिए कहा था। सूत्रों का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री ने अपने बयान की शुरुआत में कहा था कि वह विदेश मंत्रालय से अनुमति लेने के बाद अमेरिका आए हैं और उन्होंने अपने यात्रा कार्यक्रम की जानकारी मंत्रालय को दी है।

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