‘राजनयिकों को डराने की कोशिशें भी भयावह, कमजोर नहीं पड़ेगा भारत’… हिंदू मंदिर पर हमले के बाद मोदी की कनाडा को खरी-खरी

कनाडा के ब्रैंपटन में हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तान समर्थक गुंडों ने हमला किया था।

ब्रैंपटन में हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी गुंडों ने किया था हमला

नई दिल्ली: भारत और कनाडा के संबंध बुरे दौर से गुजर रहे हैं। इस बीच ब्रैंम्पटन के एक हिंदू मंदिर में खालिस्तान समर्थकों की भीड़ ने कायराना हमला किया। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पीएम मोदी ने कनाडा से साफ शब्दों में कहा है कि ऐसी घटनाओं से भारत का संकल्प डिग नहीं सकता। पीएम मोदी ने इशारों में कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार को नसीहत भी दी है। पीएम मोदी ने भारतीय राजनयिकों को कनाडा में डराने की कोशिशों का भी अपने पोस्ट में जिक्र किया है।

कनाडा से कानून का शासन बनाए रखने की उम्मीद: पीएम

पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से कनाडा को संबोधित करते हुए लिखा, ‘मैं कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं। हिंसा की ऐसी घटनाएं भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर पाएंगी। हम कनाडा सरकार से न्याय सुनिश्चित करने और कानून के शासन को बनाए रखने की उम्मीद करते हैं।‘

ब्रैंपटन के मंदिर में हिंदू श्रद्धालुओं से मारपीट

खालिस्तानी झंडे लेकर आए गुंडों ने लाठी-डंडों से मंदिर में मौजूद हिन्दू श्रद्धालुओं से मारपीट की। सबसे चिंता करने वाली बात यह है कि जब मौके पर कनाडाई पुलिस पहुंची तो उसने कार्रवाई उन उपद्रवी खालिस्तानियों पर नहीं, बल्कि हिन्दुओं पर ही कर दी। कुछ हिंदू श्रद्धालुओं को गिरफ्तार भी किया गया। इसके बाद कनाडा में हिंदू सभा मंदिर के बाहर हिंदू समुदाय के लोग जुटे। हिंदू समुदाय ने कहा कि अब वो समय आ गया है, जब हमें अपने बारे में नहीं बल्कि अपनी आने वाली संततियों के बारे में सोचना है। इस दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा ‘बटेंगे तो कटेंगे’ भी दोहराया गया।

भारतीय राजनयिक ने खुद पर हमले का किया था जिक्र

पीएम मोदी ने एक्स पर अपने पोस्ट में राजनयिकों को डराने की कोशिशों का जिक्र किया है। हाल ही में कनाडा में भारत के मुख्य राजनयिक रहे संजय वर्मा ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में इसका खुलासा किया था। खालिस्तानी आतंकियों द्वारा किए गए हमले पर बात करते हुए संजय वर्मा ने कहा कि खालिस्तानी आतंकियों ने उन पर दो बार हमला किया। लेकिन दोनों ही बार वह बाल-बाल बच गए। संजय वर्मा ने कहा कि वह अल्बर्टा के एक शहर में थे। जहां भारतीय समुदाय ने रात्रि भोज और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया था। यह एक व्यापारिक कार्यक्रम था जो एक कन्वेंशन हॉल में आयोजित किया जा रहा था। कार्यक्रम स्थल के बाहर 150 खालिस्तानी समर्थक प्रदर्शन कर रहे थे।

तलवार शरीर के दो इंच करीब आ गई थी: संजय वर्मा

ANI के साथ हुई इस बातचीत में संजय वर्मा ने आगे कहा कि खालिस्तानियों ने कन्वेंशन हॉल के एंट्रेस गेट को ब्लॉक कर रखा था। रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) और स्थानीय पुलिस भी वहां मौजूद थी। दोनों पुलिस ने भी शायद यह नहीं सोचा होगा कि ऐसा कुछ हो सकता है। संजय वर्मा ने कहा कि जब वह अपनी पत्नी के साथ कन्वेंशन हॉल में दाखिल हुए तो एक कृपाण नहीं बल्कि एक तलवार उनके शरीर के करीब दो से ढाई इंच तक आ गई थी।

‘घटना के बाद पुलिस पूछताछ के बारे में नहीं दी गई जानकारी’

संजय वर्मा ने इंटरव्यू में आगे कहा, ‘मुझे कृपाण और तलवार में अंतर पता है। हमारे देश में सिख देशभक्त हैं और मैंने उन्हें देखा है। मेरे साथ दो अन्य राजदूत भी थे। हमें रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) की सुरक्षा पहले ही दी गई थी। मुझे लगता है कि उन्हें हमले का पहले ही अंदेशा था। हमले के तुरंत बाद हमें वहां से हटा दिया गया तथा घटना के बाद पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई।’

कनाडा के नेताओं ने खालिस्तानियों का नाम नहीं लिया

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, नेता प्रतिपक्ष पियरे मार्सेल पोलीवरे और ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने बैंपटन के हिंदू मंदिर में हुए हमले की निंदा करने का दिखावा किया है। इन नेताओं में से किसी के अंदर उन ताकतों का नाम लेने की हिम्मत नहीं हुई, जिन्होंने इस कायराना हमले को अंजाम दिया। कनाडा के सत्ताधीशों में इतना साहस नहीं हुआ कि कट्टरपंथियों या खालिस्तानियों का जिक्र तक कर दें। कनाडा में 8 लाख से भी ज्यादा सिख समुदाय के लोग रहते हैं। कुल आबादी में उनकी हिस्सेदारी करीब 2% है। राजनीति में भी प्रभावी होने की वजह से जस्टिन ट्रूडो की सरकार इस वोट बैंक की नाराजगी मोल लेना नहीं चाहती।

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने एक्स पर लिखा, ‘ब्रैम्पटन में आज हिन्दू सभा मंदिर पर हुई हिंसा अस्वीकार्य है। कनाडा के हर नागरिक को अधिकार है कि वो अपनी धार्मिक आस्था का आजादी और पूरी सुरक्षा के साथ पालन करे। इस घटना की जांच और समुदाय की सुरक्षा के लिए त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए पील क्षेत्र की पुलिस को धन्यवाद।’

महिलाओं औैर बच्चों पर भी खालिस्तानी गुंडों का हमला

‘हिंदू कैनेडियन फाउंडेशन’ ने जानकारी दी है कि ब्रैंपटन के मंदिर में घुसे हिंसक तत्वों ने महिलाओं और बच्चों को भी नहीं छोड़ा। संगठन का कहना है कि हिंदुओं ने मदद के लिए पुलिस को बुलाया, लेकिन पुलिस भी उलटा पीड़ित हिंदुओं को ही पीटने लगी। भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह मदद की। पूरी दुनिया में संपूर्ण हिंदू समाज और हिंदू संस्कृति से प्रभावित लोगों ने दीपावली का त्योहार मनाया। प्रकाश के इस पर्व के बीच इस तरह से खालिस्तानी तत्वों का हमला कट्टरपंथी सोच को उजागर करता है। कनाडा के नेता प्रतिपक्ष पियरे पोलीवरे ने तो गुरुवार (24 अक्टूबर, 2024) को दीवाली को लेकर होने वाले एक कार्यक्रम से खुद को अलग कर लिया था। खालिस्तानियों को अब दिवाली से भी समस्या होने लगी है। इतिहास गवाह रहा है कि गुरुओं के समय से ही सिख समाज दीपावली का पर्व मनाता रहा है।

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