प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिंदुस्तान टाइम्स के 100 वर्ष पूरे होने को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने 100 वर्ष पूरा होने को लेकर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया है। इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद से लेकर टॉयलेट बनवाने जैसे कई विषयों पर विस्तार से बातचीत की है।
पीएम मोदी के भाषण की मुख्य बातें-
आतंकवाद – पीएम मोदी ने हिन्दुस्तान टाइम्स समिट प्रदर्शनी में मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों की तस्वीरें देखीं। पीएम ने अपने संबोधन में पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उस पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा, “एग्जीबिशन के दौरान 26/11 के मुंबई हमले की रिपोर्ट्स पर भी मेरी नजर गई। ये वो समय था जब पड़ोसी देश की आतंकवादी हरकतों की वजह से हमारे लोग अपने घर और शहरों में भी असुरक्षित रहते थे। लेकिन अब स्थितियां बदल गई हैं, अब वहां के आतंकवादी ही अपने घर में सुरक्षित नहीं है।”
आपातकाल – पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान आजादी के समय अंग्रेजों की मानसिकता और देश में आपातकाल लगाए जाने को लेकर चर्चा की। पीएम ने कहा, “भारत के सामान्य नागरिक के इस सामर्थ्य को पहचानने में बड़े-बड़े जानकारों से अक्सर गलतियां हुई है। अंग्रेज जब भारत छोड़कर जा रहे थे तो यह कहा गया कि यह देश बिखर जाएगा, टूट जाएगा, इसका कोई भविष्य नहीं है।” उन्होंने कहा, “जब इमरजेंसी लगी तो कुछ लोगों ने मान लिया था कि अब तो इमरजेंसी हमेशा ही लगी रहेगी, अब लोकतंत्र गया। कुछ लोगों ने, कुछ संस्थानों ने इमरजेंसी थोपने वालों की ही शरण ले ली थी। लेकिन तब भी भारत का नागरिक उठ खड़ा हुआ, और इमरजेंसी को उखाड़ फेंकने में बहुत ज्यादा समय नहीं लगा था।”
वोट बैंक पॉलिटिक्स – पीएम मोदी ने इस दौरान पुरानी सरकारों पर वोट बैंक पॉलिटिक्स करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले सरकारें चुनाव जीतने के लिए वोट बैंक बनाती थीं और उस वोट बैंक को खुश करने के लिए ही योजनाएं बनती थी। उन्होंने कहा, “हमने सरकार का एक उद्देश्य तय किया है जो वोट बैंक पॉलिटिक्स से हजारों मील दूर है। हमारा उद्देश्य नया भारत बनाने का है, भारत को विकसित बनाने का है।”
रिस्क टेकिंग कल्चर – पीएम मोदी ने इस दौरान भारत के लोगों में बढ़ते रिस्क टेकिंग के कल्चर को लेकर कहा कि आजादी के बाद नागरिकों को सरकारों ने रिस्क लेने का हौसला नहीं दिया जिससे कई पीढ़ियां दो कदम पीछे खींचने में गुजर गईं। उन्होंने कहा, “कभी एक कंपनी शुरू करना रिस्क माना जाता था, 10 साल पहले तक मुश्किल से किसी स्टार्टअप का नाम सुनते थे। आज देश में रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स की संख्या सवा लाख से ज्यादा हो गई है। जब देश के गरीब और मिडिल क्लास के लोग रिस्क लेना शुरू कर दें तब बदलाव सही मायने में दिखने लगता है।”
टॉयलेट और गैस सिलिंडर से बदलाव– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संबोधन के दौरान बताया कि टॉयलेट बनने और घरों में एलपीजी गैस सिलेंडर पहुंचने से लोगों के जीवन में बदलाव आया है। पीएम ने बताया कि टॉयलेट निर्माण के दौरान ना केवल इकोनॉमी को गति मिली बल्कि लोगों का जीवन आसान हुआ और उनमें सम्मान और स्वाभिमान का एक भाव पैदा हुआ। साथ ही, पीएम ने कहा कि पहले गैस का चूल्हा होना बड़े रुतबे की बात थी और साल में 6 या 9 सिलिंडर देने को लेकर बहस होती थी। उन्होंने कहा, “हमने हर घर गैस के चूल्हे का कनेक्शन पहुंचाने को प्राथमिकता बनाया। 2014 में देश में 14 करोड़ गैस कनेक्शन थे, आज 30 करोड़ से ज्यादा हैं।”
3 गुना बजट, लोगों को बचत– पीएम मोदी ने बताया कि 2014 में हमारा केंद्रीय बजट 16 लाख करोड़ रुपए के आसपास था जो आज बढ़कर 48 लाख करोड़ रुपए हो गया है और सरकार पब्लिक पर खर्च बढ़ाने के साथ ही पब्लिक का पैसा बचा भी रही है। उन्होंने कहा, “डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से जो लीकेज रूकी है, उससे देश के 3.5 लाख करोड़ रुपए बचे हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज से गरीबों के 1.10 लाख करोड़ रुपए बचे हैं।” उन्होंने कहा, “यूनिसेफ का कहना है कि जिस परिवार के पास अपना टॉयलेट है, उसके भी करीब 70 हजार रुपए बच रहे हैं। 12 करोड़ लोगों के घर पहली बार नल से जल आया है। साफ पानी मिलने से ऐसे परिवारों को हर साल 80 हजार रुपये से ज्यादा की बचत हुई है।”
21वीं सदी भारत की होगी– पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान ’21वीं सदी भारत की होगी’ के विचार पर बल दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा करने के लिए हमें तेजी से काम करने होंगे और हम उस दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम विकास की इस गति को बरकरार रखेंगे। बहुत जल्द हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनेंगे।”