उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद (Sambhal Jama Masjid) के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट ने संभल ट्रायल कोर्ट को इस मामले में फिलहाल कोई एक्शन ना लेने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक कि सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सूचीबद्ध नहीं हो जाती तब तक कोई एक्शन ना लिया जाए।
CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ संभल जामा मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका पर जिसमें सुनावई कर रही थी जिसमें ट्रायल कोर्ट के मस्जिद का सर्वे करने के निर्देश को चुनौती दी गई थी। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एडवोकेट कमिश्नर की सर्वे की रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में रखा जाए और उसे बीच में नहीं खोला जाना चाहिए। सीजेआई ने संभल में शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, “हम नहीं चाहते कि कुछ भी हो.. .हमें बिल्कुल, पूरी तरह से तटस्थ रहना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि कुछ भी गलत न हो।”
मस्जिद समिति के वकील हुजेफा अहमदी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा दिया गया आदेश ‘बहुत बड़ा नुकसान’ कर सकता है। अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, “देश भर में ऐसे 10 मामले लंबित हैं और इनकी प्रक्रिया यह है कि पहले ही सर्वेक्षक नियुक्त कर दिया जाता है…इसे रोको जाए।” हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने अदालत को बताया कि ट्रायल कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी 2025 को होना है। सीजेआई ने इस पर कहा, “हाईकोर्ट की अनुमति के बिना इस मामले में कोई भी कदम नहीं उठाया जाएगा। ट्रायल कोर्ट 8 जनवरी तक मामले में कोई कार्यवाही नहीं करेगा।”
मस्जिद कमिटी के वकील अहमदी ने अनुरोध किया कि एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट को दाखिल करने से रोक दिया जाए। इस पर सीजेआई ने कहा कि कमिश्नर को रिपोर्ट दाखिल करने से नहीं रोका जा सकता। हालांकि, उन्होंने कहा कि एडवोकेट कमिश्नर द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में रखी जाएगी और इसे खोला नहीं जाएगा।
मुस्लिम पक्ष के वकील ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद मस्जिद कमिटी के वकील शकील अहमद वसीम ने बताया, “हमने इस मामले से जुड़े दस्तावेज़ों की मांग की थी, अदालत ने इसके लिए आदेश दे दिए हैं।” उन्होंने कहा, “एएसआई की सर्वे टीम ने रिपोर्ट पेश नहीं की है, उन्होंने रिपोर्ट पेश करने के लिए और समय मांगा है. इस पर हमने आपत्ति दायर की है।”
#WATCH | Sambhal, UP | Lawyer representing Shahi Jama Masjid Committee, Shakeel Ahmad Wasim says, “We appeared before the court on behalf of the mosque and requested copies of the documents related to the case be given to us and the court ordered the same. The survey report was… pic.twitter.com/O7JUMg5l7G
— ANI (@ANI) November 29, 2024
क्या बोले हिंदू पक्ष के वकील?
मामले पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया, “सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई कि वहां पर शांति और सद्भाव बरकरार रहे।” उन्होंने कहा, “SC ने मस्जिद कमेटी से कहा कि आप इस ऑर्डर को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। सुप्रीम ने कहा है कि 3 दिन के अंदर अगर आप हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हैं तो मामला हाई कोर्ट में लिस्ट किया जाए।”
#WATCH दिल्ली: अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया, “सुप्रीम कोर्ट ने सबसे पहले चिंता जताई की वहां पर शांति और सद्भाव बरकरार रहे। सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से कहा कि आप इस ऑर्डर को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। सुप्रीम ने ये भी कहा है कि 3 दिन के अंदर अगर आप हाई कोर्ट में… https://t.co/hwzDG0H0aF pic.twitter.com/rG0QmStoDx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 29, 2024
गौरतलब है कि संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां पहले ‘हरिहर मंदिर’ था जिसे तोड़कर यहां मस्जिद का निर्माण कराया गया था। इसको लेकर हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट सर्वे की मांग के साथ स्थानीय कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसके बाद में कोर्ट ने सर्वे का आदेश जारी किया था। मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे का विरोध किया था और इससे इलाके में तनाव पैदा हो गया था। एएसआई की एक टीम ने 24 दिसंबर को मस्जिद का दौरा किया था जिसके बाद यहां पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई थी। इस झड़प के दौरान कुछ लोगों की मौत भी हुई थी और कई लोग घायल हो गए थे जिसके बाद से इलाके में लगातार तनाव बना हुआ है।