युद्ध के लिए तैयार रहे एक-एक नागरिक: स्वीडन और फिनलैंड में हलचल, जो 200 साल से नहीं हुआ वो अब होगा?

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अब तक 5 बार ही ऐसी पुस्तिका प्रकाशित की गई है और ये इनका अपडेटेड वर्जन है।

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स्वीडन बाँट रहा पुस्तिका, फिनलैंड ने बनाई वेबसाइट - युद्ध की तैयारी शुरू (फोटो साभार: बिजनेस टुडे)

एक तरफ दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध को देख रही है, वहीं हाल ही में अर्मेनिया-अजरबैजान के बीच सशस्त्र युद्ध हुआ, वहीं इजरायल और हमास के बीच का खूनी संघर्ष भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं अब स्वीडन और फिनलैंड ने अपने-अपने नागरिकों को युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए कह दिया है। जहाँ स्वीडन में नागरिकों के बीच लाखों ऐसे पर्चे बाँटे जा रहे हैं, इनमें उन्हें नागरिकों को सलाह दी गई है कि संभावित युद्ध से निपटने के लिए वो कैसे तैयार हों। उधर फिनलैंड ने भी एक नई वेबसाइट लॉन्च की है। ये दोनों देश नॉर्डिक क्षेत्र में आते हैं, यानी उत्तरी यूरोप और उत्तरी अटलांटिक में स्थित देश।

NATO में शामिल होंगे स्वीडन और फिनलैंड

ये दोनों ही देश अब तक सैन्य मामलों में गुटनिरपेक्ष थे, लेकिन अब उन्होंने अमेरिका के नेतृत्व वाले NATO में शामिल होने का फ़ैसला लिया है। रूस पर यूक्रेन के हमले के 1 साल बीतने के बाद इन देशों ने डर कर ये निर्णय लिया है। स्वीडन ने कहा कि हम सबको विभिन्न प्रकार के संकटों और संभावित युद्ध की तैयारी के लिए अपनी क्षमता मजबूत करने की ज़रूरत है। जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है, तभी से स्वीडन ने अपने नागरिकों को कह दिया था कि वो मानसिक रूप से युद्ध की तैयारी करें, संसाधनों से लैस रहें।

शीत युद्ध के बाद स्वीडन ने अपने सैन्य बजट में भारी कटौती की थी और अंतरराष्ट्रीय शांति अभियानों में ही संसाधन व ऊर्जा खर्च किया था। लेकिन, 2014 में जब रूस ने क्रीमिया पर कब्ज़ा किया तब से इसने अपनी नीतियों में बदलाव लाना शुरू कर दिया। तभी से स्वीडन ने सीमित सैन्य भर्तियाँ फिर से शुरू कर दीं, रक्षा क्षेत्र में खर्च बढ़ा दिया और बाल्टिक सागर के गोटलैंड द्वीप पर एक सैन्य टुकड़ी फिर से तैनात कर दी। इसने बम शेल्टरों की व्यवस्था की, ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया, पानी की पर्याप्त सप्लाई बढ़ा दी, नागरिक सुरक्षा मंत्री का पद सृजित किया और अफवाहों से लड़ने के लिए एक साइकोलॉजिकल डिफेन्स एजेंसी का गठन किया।

32 पन्नों की एक पुस्तिका तैयार की गई है, जिसका शीर्षक है – “अगर संकट या युद्ध आए तो”। इसमें युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं और साइबर व आतंकी हमलों से निपटने के बारे में बताया गया है। 2 सप्ताह में इसे 52 लाख घरों में भेजा जा चुका है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अब तक 5 बार ही ऐसी पुस्तिका प्रकाशित की गई है और ये इनका अपडेटेड वर्जन है। हालाँकि, इसमें रूस, यूक्रेन या किसी अन्य देश का नाम नहीं है। सिविल डिफेंस मंत्री कार्ल-ऑस्कर साइमन बोहलिन ने जनवरी 2024 में ही कहा था कि स्वीडन में युद्ध छिड़ सकता है।

स्वीडन की पुस्तिका, फिनलैंड की वेबसाइट: लक्ष्य एक

इसके कुछ ही दिनों बाद स्वीडन के सेनाध्यक्ष जनरल पेर माइकेल बायडेन ने भी दोहराया था कि देश को मानसिक रूप से युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। पिछले 200 वर्षों से स्वीडन किसी भी युद्ध का हिस्सा नहीं बना है। नई पुस्तिका में कहा गया है कि सैन्य ख़तरा बढ़ता जा रहा है, हमें सबसे बुरी स्थिति के लिए खुद को तैयार करना होगा – स्वीडन पर सशस्त्र हमला। नागरिकों को कहा गया है कि वो अपने घर में बगीचे बना कर फल-सब्जी उगाएँ, खाने-पीने का राशन इकट्ठा कर के रखें और घर में कैश ज़रूर रखें।

उधर फिनलैंड ने एक वेबसाइट बना कर युद्ध के लिए तैयारियों का वर्णन किया है। फिनलैंड की रूस के साथ 1340 किलोमीटर की सीमा है। यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद फिनलैंड ने रूस के साथ अपनी 200 किलोमीटर की सीमा पर कँटीले तार की बाउंड्री बनाने का फ़ैसला लिया। 2026 में ये परियोजना पूरी होगी। रूस के साथ लगती अपनी 8 सीमाओं को भी इसने बंद कर दिया। इसका कारण ये था कि कई शरणार्थी फिनलैंड में घुसने लगे थे। उसने इस रूस द्वारा प्रायोजित एक प्रकार का हमला करार दिया था।

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