तिरुपति लड्डू विवाद के बाद तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट ने बड़ा कदम उठाया है। अब तिरुपति मंदिर के अंदर काम करने वाले सभी कर्मचारी हिंदू होंगे। हाल ही में तिरुपति के प्रसादम लड्डू में मिलावट का मामला सामने आया था। इसके बाद टीटीडी बोर्ड ने यह फैसला लिया है। टीटीडी बोर्ड के नए अध्यक्ष बीआर नायडू ने कहा है कि भगवान वेंकटेश्वर के निवास तिरुपति में काम करने वाले सभी लोग हिंदू होने चाहिए। नायडू ने कहा कि दूसरे धर्मों के कर्मचारियों के बारे में क्या फैसला लिया जाए, इस बारे में आंध्र प्रदेश सरकार से बात की जाएगी। उन्हें दूसरे सरकारी विभागों में भेजा जा सकता है या एक विकल्प स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी वीआरएस हो सकता है।
‘तिरुपति मंदिर में काम करने वाला हिंदू ही हो’
तिरुमला के अन्नमय्या भवन में टीटीडी बोर्ड के अध्यक्ष बीआर नायडू की अध्यक्षता में ट्रस्ट बोर्ड की बैठक हुई। लड्डू प्रसादम बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट का विवाद सामने आने के बाद बोर्ड की यह पहली बैठक थी। टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड ने वहां काम करने वाले गैर हिंदुओं की सेवा समाप्त करने और उन्हें आंध्र सरकार को सौंपने की घोषणा की है। टीटीडी बोर्ड के अध्यक्ष बीआर नायडू ने कहा, ‘मेरी पहली कोशिश होगी कि तिरुपति मंदिर में काम करने वाला हर व्यक्ति हिंदू हो। पिछली वाईएसआर कांग्रेस की सरकार में तिरुमला में कई अनियमितताएं हुईं। मंदिर की पवित्रता बरकरार रहनी चाहिए।‘
The newly formed #TTDevasthanams Board's maiden meeting under the Chairmanship of #BRNaidu at #Tirumala, #Tirupati on Monday, Nov 18.#TTDBoard decisions:
• #TTD will offer VRS to Non-Hindu staff or surrender them to AP govt
•No political statements in Tirumala and action… pic.twitter.com/Ph3St3x8EC
— Surya Reddy (@jsuryareddy) November 18, 2024
गैर हिंदुओं का ट्रांसफर या वीआरएस दी जाए: टीटीडी
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम में काम करने वाले गैर हिंदुओं पर उन्होंने कहा, ‘इस संबंध में उचित फैसला लेने के लिए हम राज्य सरकार को खत लिखेंगे। टीटीडी एक हिंदू धार्मिक संस्था है और बोर्ड को लगा कि उसे मंदिर में काम करने के लिए गैर हिंदुओं को नियुक्त नहीं करना चाहिए। हम राज्य सरकार को उन्हें अन्य विभागों में शामिल करने या वीआरएस दिए जाने के लिए लिखेंगे।‘
तिरुमला में नेताओं की बयानबाजी पर प्रतिबंध
प्रसादम के घी में मिलावट का विवाद सामने आने के बाद अब टीटीडी ने एक समिति बनाने का भी फैसला लिया है। यह समिति समय-समय पर लड्डू और अन्य प्रसादम बनाने के लिए उपयोग में आने वाले घी की क्वालिटी पर नजर रखेगी। इसके साथ ही टीटीडी ने तिरुमला में नेताओं की बयानबाजी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। अन्न प्रसादम परिसर में रोजाना के मेन्यू में एक और स्वादिष्ट व्यंजन पेश करने का निर्णय हुआ। यहां भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को मुफ्त भोजन दिया जाता है।
टीटीडी के फैसले का स्वागत: किशन रेड्डी
तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने फैसले का स्वागत किया है। किशन रेड्डी ने कहा, ‘टीटीडी के इस फैसले का स्वागत है कि केवल हिंदुओं को भगवान के पास रहना चाहिए। पिछले कई दिनों से इसकी मांग हो रही थी। गैर-हिंदुओं को भगवान के निकट नहीं रहना चाहिए। हम उन लोगों को नौकरी से नहीं निकालेंगे, बल्कि उन्हें कहीं और नौकरी पर रखेंगे। मैं टीटीडी बोर्ड द्वारा लिए गए फैसले का स्वागत करता हूं। मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं।’
#WATCH दिल्ली: तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, "टीटीडी के इस फैसले का स्वागत है कि केवल हिंदुओं को 'भगवान' के पास रहना चाहिए। पिछले कई दिनों से इसकी मांग हो रही थी। गैर-हिन्दुओं को भगवान के निकट नहीं रहना चाहिए। हम उन लोगों को नौकरी से नहीं… pic.twitter.com/ECjGinVxak
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 19, 2024
क्या है तिरुपति प्रसादम विवाद
9 जुलाई को तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट ने प्रसाद के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी का सैंपल गुजरात की एनडीडीबी CALF लिमिटेड को भेजा। 16 जुलाई की रिपोर्ट में घी में मिलावट की बात सामने आई। इसके बाद 23 जुलाई को फिर सैंपल भेजे गए। 18 सितंबर को आई रिपोर्ट के बाद आंध्र के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार पर पर सवाल खड़े किए। लैब रिपोर्ट में मछली का तेल, सूअर फैट और बीफ फैट मिलाए जाने की पुष्टि हुई। टीटीडी (तिरुमला तिरुपति देवस्थानम) के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव ने 23 जुलाई को मीडिया से बातचीत में कहा कि घी में वनस्पति तेल की मिलावट हुई है। वहीं 19 सितंबर को उन्होंने कहा कि घी में एनिमल फैट की मौजूदगी है। लैब रिपोर्ट के मुताबिक एस वैल्यू के आधार पर घी के सैंपल सभी पांच पैमानों पर फेल रहे। रिपोर्ट में एनिमल फैट और वनस्पति तेल दोनों की मिलावट की बात सामने आई।
टीटीडी के ईसाई अध्यक्ष पर हुआ था विवाद
10 अगस्त 2023 को भुमना करुणाकर रेड्डी ने टीटीडी ट्रस्ट के अध्यक्ष का पद संभाला था। करुणाकर रेड्डी के ईसाई होने की वजह से यह नियुक्ति विवादों में आ गई थी। तत्कालीन सीएम जगन मोहन रेड्डी ने ही उनकी नियुक्ति की थी। टीडीपी ने उस समय भी आरोप लगाया था कि करुणाकर रेड्डी की हिंदू धर्म में आस्था नहीं है। उनका ईसाई धर्म से संबंध है और उनकी बेटी की शादी भी ईसाई रिवाज से हुई थी। तब करुणाकर रेड्डी ने सफाई में कहा था कि उनका परिवार ईसाई धर्म का पालन करता है, लेकिन वे हिंदू धर्म को मानते हैं। जगन मोहन रेड्डी के पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी भी जब आंध्र के सीएम थे तो 2006 से 2008 के बीच करुणाकर को टीटीडी का अध्यक्ष बनाया गया था। टीडीपी ने यह भी आरोप लगाया था कि टीटीडी अध्यक्ष के अपने पहले कार्यकाल में करुणाकर ने घोषणा की थी कि तिरुमला में सात नहीं बल्कि पांच पहाड़ियां हैं। हिंदू संगठनों के विरोध के बाद उन्हें पीछे हटना पड़ा था।
2.8 लाख लड्डू का रोज निर्माण, प्रसादम का महत्व
श्री वेंकटेश्वर मंदिर में चढ़ाए जाने वाले लड्डू की विशेष धार्मिक मान्यता है। यह वेंकटेश्वर के लिए पवित्र प्रसाद माना जाता है। भगवान के आशीर्वाद और दैवीय कृपा का इसे प्रतीक माना जाता है। विशिष्ट निर्माण विधि और ऐतिहासिक परंपरा की वजह से यह लड्डू अद्वितीय है। बेसन और कच्चे मैटेरियल को ऑटोमेटिक मशीनों में डालकर लड्डू बनाने की शुरुआत होती है। मशीन में सामग्री मिक्स होने के बाद इसमें गरम घी और मेवा मिलाया जाता है। लड्डू को आकार देने के लिए इसे दूसरी मशीन में डाल दिया जाता है। इसमें काजू, किशमिश, मिश्री और चीनी समेत कई सामग्री मिलाई जाती है। अनुमान है कि रोज दो लाख 80 हजार लड्डू इस तरह बनाए जाते हैं। इसमें करीब 10 टन बेसन भी इस्तेमाल होता है।