महाराष्ट्र में उलेमा बोर्ड की वोट के बदले 10% मुस्लिम आरक्षण और RSS पर बैन जैसी 17 मांगें; BJP ने कहा- कांग्रेस ने मान लीं

महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 38 सीटों पर मुसलमान आबादी करीब 20% है

महाराष्ट्र में मुस्लिम आरक्षण और RSS पर बैन की मांग के लेकर बीजेपी-कांग्रेस में तकरार

महाराष्ट्र में मुस्लिम आरक्षण और RSS पर बैन की मांग के लेकर बीजेपी-कांग्रेस में तकरार

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए जल्द मतदान होना है और उससे पहले दोनों गठबंधनों ने चुनाव में जीत के लिए पूरा दम लगा दिया है। इस बीच ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड  के 17 सूत्री मांगों वाले एक लेटर को लेकर राजनीति गर्मा गई है। ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड महाराष्ट्र ने विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाडी को समर्थन देने के लिए 17 सूत्री मांगे रखी हैं। बोर्ड ने इन मांगों को मानने के लिए कांग्रेस नेता नाना पटोले, शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे और NCP (शरदचंद्र पवार) नेता शरद पवार को यह पत्र भेजा है। इस पर बीजेपी ने दावा किया है कि कांग्रेस ने उनकी मांग ली हैं और नाना पटोले ने इसे लेकर उलेमा बोर्ड को एक लेटर भी लिखा है।

क्या हैं ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की 17 मांगे?

उलेमा बोर्ड की चिट्ठी को सुप्रीम बॉडी के चेयरमैन नायाब अंसारी, बोर्ड के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष मौलवी उस्मान शेख और बोर्ड के राज्य सचिव शहाबुद्दिन सौदागर की ओर से MVA के नेताओं को लिखा गया है। उलेमा बोर्ड ने जो मांगे की हैं उन्हें लेकर विवाद शुरु हो गया है। उलेमा बोर्ड ने चिट्ठी के जरिए मांग की है कि अगर महाराष्ट्र में MVA की सरकार बनती है तो वे वक्फ बिल का विरोध करें और नौकरी और शिक्षा में 10% मुस्लिम आरक्षण दिया जाए। बोर्ड ने मांग की है कि मौलाना सलमान अजहरी को जेल से बाहर निकालने के लिए MVA सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखने, मस्जिदों के इमाम और मौलाना को सरकार हर महीने 15000 रुपये देने, पुलिस भर्ती में मुस्लिम युवाओं को प्राथमिकता देने, रामगिरी महाराज और नितेश राणे को जेल में डालने और RSS पर प्रतिबंध लगाए जाने जैसी 17 मांगे की हैं।

कांग्रेस ने दिया समर्थन?

इस पत्र के वायरल होने के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले का एक पत्र वायरल हो गया जिसमें दावा किया गया है कि पटोले ने बोर्ड की इन मांगों को समर्थन दे दिया है। पटोले के पत्र में दावा किया गया है कि सरकार के गठन के बाद बोर्ड की मांगों को पूरा करने के लिए निश्चित रूप से कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, महाराष्ट्र कांग्रेस ने ‘X’ पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया कि यह लेटर फर्जी है। महाराष्ट्र कांग्रेस ने कहा कि हार सामने देखकर भ्रष्ट गठबंधन ने फर्जी तस्वीरें बनाकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश शुरू कर दी है।

कांग्रेस के इस दावे के बाद बीजेपी ने ‘X’ पर एक पोस्ट शेयर किया और उलेमा बोर्ड की सुप्रीम बॉडी के चेयरमैन नायाब अंसारी के हवाले से इस पत्र को सही बताया है। बीजेपी ने जो पोस्ट शेयर किया उसमें नायाब अंसारी की एक फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट है, नायाब ने अपनी पोस्ट में लिखा है, “ऑल इंडिया उलमा बोर्ड महाराष्ट्र ने विधानसभा चुनाव 2024 में सर्वसम्मति से कांग्रेस को समर्थन देने का निर्णय लिया है। नाना पटोले ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है और नायब अंसारी को मुस्लिम मुद्दों से संबंधित मांगों को स्वीकार करने का लिखित आश्वासन दिया है।”

बीजेपी द्वारा शेयर किए गए पोस्ट में उलेमा बोर्ड के सदस्य नाना पटोले को मांगों वाला पत्र सौंपते दिख रहे हैं। बीजेपी ने लिखा, “सच को छिपाने के लिए हजार झूठ बोलने पड़ते हैं और कांग्रेस वैसा ही कर रही है। कांग्रेस ने उलेमा बोर्ड की 17 असामाजिक मांगों को मान लिया है। दरअसल, यह महाराष्ट्र में अराजकता फैलाने की साजिश है। उनकी इस खतरनाक योजना को महाराष्ट्र की जनता ने पहचान लिया है। महाराष्ट्र की जनता इस चुनाव में इसका जवाब जरूर देगी।”

यह देश के विघटन का चार्टर है: BJP

इस पत्र को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की है। रविशंकर प्रसाद ने इन मांगों का कड़ा विरोध करते हुए इसे देश के विघटन का चार्टर बताया है। प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी वोट के लिए देश को तोड़ रही है और ये लोग संविधान पर ज्ञान देने चल देते हैं। उन्होंने कहा, “क्या कांग्रेस RSS पर बैन लगाना चाहती है, खुलकर बताए हम जानना चाहते हैं। आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है और देश सेवा के मुद्दे पर स्वयंसेवक अपने जीवन को न्यौछावर करते हैं।” उन्होंने उद्धव ठाकरे की शिव सेना को अवसरवादी सेना बताते हुए कहा कि शरद पवार वरिष्ठ नेता हैं और वे कांग्रेस को समझाएं कि यह नहीं हो सकता है। बकौल प्रसाद, यह OCB, SC व ST के आरक्षण पर हकमारी करने की कोशिश है।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 38 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुसलमान करीब 20% हैं और इनमें 9 सीटों पर मुस्लिम आबादी 40% से अधिक है। महाराष्ट्र में मुस्लिम आबादी करीब 1.3 करोड़ है जो कि प्रदेश की कुल 11.24 करोड़ आबादी का 11.56% है।

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