जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के हजारों कार्यकर्ता उनकी रिहाई की मांग को लेकर राजधानी इस्लामाबाद की सीमा में दाखिल हो गए हैं। इमरान के समर्थकों द्वारा ‘करो या मरो’ के उद्देश्य के साथ शुरू किए गए इस प्रदर्शन का लक्ष्य इस्लामाबाद के डी-चौक पर पहुंचकर प्रदर्शन करना है। पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा है कि पीटीआई के कार्यकर्ताओं को डी-चौक पर प्रदर्शन नहीं करने दिया जाएगा और अगर उन्होंने रेड लाइन को पार करने की कोशिश की तो सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।
पीटीआई कार्यकर्ताओं के देश भर से इस्लामाबाद की ओर कूच करने की वजह से पाकिस्तान में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। कई जगहों पर हिंसा होने की भी खबरें लगातार सामने आ रही हैं। ARY न्यूज ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस हिंसक विरोध प्रदर्शन में अब तक 25 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है और 100 से ज्यादा घायल हो गए हैं।
हालात इस कदर बेकाबू होते जा रहे हैं कि इस्लामाबाद प्रशासन ने पाकिस्तान के संविधान अनुच्छेद 245 के तहत कानून-व्यवस्था को बहाल करने के लिए सेना को बुलाया है। साथ ही, सेना को प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं। यह प्रदर्शन 24 नवंबर को किया जाना था लेकिन प्रशासन द्वारा लगाई गईं अलग-अलग तरह की रोक के चलते इसका समय बढ़ता ही जा रहा है। एक और जहां प्रशासन इस प्रदर्शन को टालकर इसे खत्म करना चाहता है तो वहीं दूसरी ओर इमरान के समर्थकों का कहना है कि वे किसी भी जल्दी में नहीं हैं।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के नेतृत्व यह प्रदर्शन किया जा रहा है। जेल में बंद इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी और पीटीआई के अन्य शीर्ष नेता भी अली अमीन गंडापुर के साथ हैं। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 1,200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है और 200 से अधिक इमरान समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है।
इमरान के आदेश पर प्रदर्शन
इमरान खान ने अदियाला जेल से इसे लेकर एक संदेश भी जारी किया है। 22 नवंबर को इमरान खान के ‘X’ अकाउंट पर उनका यह संदेश जारी किया गया था। इमरान ने कहा, “24 नवंबर गुलामी से मुक्ति का दिन है। पाकिस्तान में कानून, संविधान और मानवाधिकारों का शासन निलंबित है जिससे राष्ट्र को विरोध करने और बलिदान देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।” उन्होंने कहा, “मेरी सरकार को साजिशों के माध्यम से गिराया गया था जिसे जनरल बाजवा ने रचा था। मैंने चीफ जस्टिस और जनरल तारिक खान के जरिए इनकी जांच करवाने की कोशिश की लेकिन जनरल बाजवा ने ऐसा नहीं होने दिया।” इमरान ने अपने समर्थकों को संदेश देते हुए कहा, “देश को 24 नवंबर के विरोध प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ईश्वर की इच्छा से आप विजयी होंगे।”
“November 24th is the day to break free from slavery. The rule of law, constitution, and human rights are suspended in Pakistan, forcing the nation to come out to protest and make sacrifices. The nation must decide whether to wear the yoke of slavery like Bahadur Shah Zafar or to…
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) November 22, 2024
पाकिस्तान को गंभीर आर्थिक नुकसान
यह प्रदर्शन ना केवल पाकिस्तान की कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बना हुआ है बल्कि इससे देश के सामने गंभीर आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि इस लॉकडाउन और प्रदर्शन से रोजाना 190 अरब पाकिस्तानी रुपये से अधिक का वित्तीय नुकसान हो रहा है। उन्होंने ऐसे प्रदर्शनों से होने वाले गंभीर आर्थिक प्रभावों के लेकर चेताते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को ठीक रखने के लिए देश में राजनीतिक स्थिरता जरूरी है। उन्होंने समझाया कि ऐसे प्रदर्शनों से होने वाली बाधाओं के कारण टैक्स इकट्ठा करने में रुकावट, व्यापारों में बाधा और निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ता है।
इमरान खान को सत्ता से हटाए जाने के बाद से उन पर कई केस चल रहे हैं। इसी साल जनवरी में इस्लामाबाद की एक अदालत ने इमरान को तोशाखाना मामले में 14 साल की सजा सुनाई थी। इस देशव्यापी प्रदर्शन के बाद ना सिर्फ पाकिस्तान की सरकार बल्कि सेना भी सकते में आ गई है। इमरान खान से बातचीत करने की कोशिश की जा रही है। इमरान को जेल से छुड़ाने के लिए अब उनके समर्थकों ने ‘जान देने’ तक का एलान कर दिया है। यह संकट पाकिस्तान की सरकार के लिए कितना बड़ा हो सकता है आने वाले समय में इसका स्पष्टता का अनुमान सामने आएगा लेकिन हालात ऐसे हैं कि यह शहबाज की सरकार के लिए भी संकट बन सकता है।