बिहार के युवा खिलाड़ी वैभव सूर्यवंशी को आईपीएल के ऑक्शन में राजस्थान रॉयल्स ने ₹1.10 करोड़ मे खरीद लिया है। उनको लेकर इस नीलामी से पहले भी चर्चाएं जोरों पर थीं। अब इन चर्चाओं ने विवाद का रूप भी ले लिया है। जिस दिन वैभव को आईपीएल का कॉन्ट्रैक्ट मिला उस दिन उनकी उम्र 13 साल और 243 दिन थी। इसके साथ ही वह इस लीग में साइन होने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए थे। इसके साथ ही इंटरनेट पर वैभव की उम्र को लेकर विवाद शुरू हो गया है। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा की वैभव की उम्र 15 वर्ष है ना की 13 वर्ष है।
‘कुछ दिन पहले डोरेमोन देखते थे वैभव’
वैभव की उम्र को लेकर विवाद पर उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने आलोचकों को करारा जवाब दिया है। संजीव सूर्यवंशी ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि वैभव का साढ़े 8 साल थी उम्र में BCCI द्वारा बोन टेस्ट भी लिया गया था और वह पहले ही भारत की अंडर-19 टीम के लिए खेल चुका और अब हमें ऐसा कोई डर नहीं है। संजीव ने कहा, “मेरे बेटे ने बहुत मेहनत की है और अगर जरूरत पड़ी तो बेटा फिर से जांच करवाने को तैयार है। बेटा विवाद से दूर रहकर अब सिर्फ क्रिकेट खेलना चाहता है।” बकौल संजीव, कुछ समय पहले तक वैभव डोरेमोन देखा करता था लेकिन अब उसका पहला प्यार क्रिकेट बन गया है।
IPL के लिए राजस्थान ने कैसा चुना?
वैभव को आईपीएल के लिए राजस्थान रॉयल्स द्वारा चुने जाने पर भी उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने बातचीत की है। संजीव ने कहा, “राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को ट्रायल के लिए नागपुर में बुलाया था।” उनके पिता ने कहा है कि टीम के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने एक मैच की स्थिति बताई जहां उन्हें एक ओवर में 17 रन बनाने थे। संजीव के मुताबिक, “हमारे बेटे (वैभव) ने 3 छक्के मारे, ट्रायल्स में 8 छक्के और 4 चौके मारे थे।”
कौन हैं वैभव सूर्यवंशी?
बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले वैभव सूर्यवंशी ने 2023-24 रणजी ट्रॉफी सीजन में मुंबई के खिलाफ सिर्फ 12 साल और 284 दिन की उम्र में डेब्यू कर रिकॉर्ड बनाया था। उनके नाम अभी 5 फर्स्ट-क्लास मैचों में 100 रन हैं और वह एक विकेट भी ले चुके हैं। उन्होंने सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024 में राजस्थान के खिलाफ अपना टी20 डेब्यू किया था और उन्होंने इस मैच में 13 रन बनाए थे। सूर्यवंशी ने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यूथ टेस्ट सीरीज के दौरान केवल 62 गेंदों पर 104 रन बनाए थे। वह प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के 170 साल के इतिहास में 13 साल और 188 दिन की उम्र में सबसे कम उम्र के शतकवीर भी बने थे।