अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को हुए एक आत्मघाती धमाके में तालिबानी सरकार के शरणार्थी मामलों के मंत्री खलील-उर-रहमान हक्कानी की मौत हो गई है। इस हमले में कुल 7 लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि घायलों की संख्या की पुष्टि नहीं की जा सकी है। तालिबान के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि खलील हक्कानी को इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ने मार डाला था। हालांकि, समूह ने तुरंत इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली थी। 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद खलील हक्कानी, तालिबान की अंतरिम सरकार में मंत्री बना था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलावर एक गेस्ट के वेश में मंत्रालय की बिल्डिंग में घुसा था और जब खलील हक्कानी कागजी कार्रवाई कर रहे थे तभी उसने बम विस्फोट कर दिया।
कौन था खलील हक्कानी?
1966 में अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत के गार्द-ए-रावा जिले में जन्मे खलील हक्कानी को हक्कानी नेटवर्क की प्रमुख हस्तियों में से एक माना जाता है। वह इस नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी का भाई और तालिबान के मौजूदा गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी का चाचा था। खलील हक्कानी ने सोवियत संघ के खिलाफ चले युद्ध में हिस्सा लिया था और अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की स्थापना की शुरुआत में उसे शरणार्थियों और अन्य देशों से लौट रहे अफगानिस्तानियों का जिम्मा दिया गया था।
हक्कानी ने 2001 में एक इंटरव्यू में बताया था कि अमेरिका ने उनके घर पर बमबारी की थी और इसमें कई लोग मारे गए थे। हक्कानी ने कहा था कि वह काबुल से भागने में सफल रहा और बाद में उसे अमेरिका और पाकिस्तान के एक संयुक्त ऑपरेशन में गिरफ्तार किया गया था। हक्कानी को 4 वर्ष की कैद के बाद 350 पाकिस्तानी सैनिकों के बदले रिहा किया गया था।
अमेरिका ने रखा था $50 लाख का इनाम
अमेरिका ने खलील हक्कानी के सिर पर 5 मिलियन डॉलर्स यानी लगभग 42 करोड़ रुपये का इनाम रखा था। हक्कानी नेटवर्क को अमेरिका में ‘विदेशी आतंकवादी संगठन’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। अमेरिका की रिवॉर्ड्स फॉर जस्टिस वेबसाइट के मुताबिक, खलील तालिबान की ओर से धन जुटाने की गतिविधियों में संलग्न है और 2010 की शुरुआत में उसने अफगानिस्तान के लोगर प्रांत में तालिबान की सेल्स को फंड्स मुहैया कराया था। खलील ने अल-कायदा के लिए भी किया है और अल-कायदा के आतंकवादी अभियानों से जुड़ा रहा है। अमेरिकी राजकोष विभाग ने फरवरी 2011 में खलील हक्कानी को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी के तौर पर नामित किया था।