मीडिया चैनल CNN एक बार फिर झूठ फैलाता पकड़ा गया है। CNN ने यह झूठ, एक कैदी को लेकर फैलाया था। दरअसल, सीरिया के राष्ट्रपति बशर-अल-असद को इसी साल 8 दिसंबर को देश छोड़कर भागना पड़ा था। इस दौरान सरकार की कैद से सैकड़ों कैदी छुड़ाए गए थे। इन्हीं में से एक कैदी की रिहाई का वीडियो CNN ने जारी किया था। हालांकि अब कहा जा रहा है कि यह पूरा मामला ही फर्जी था और जिसे कैदी बताया जा रहा था वह सीरियाई खुफिया एजेंसी में अधिकारी था।
क्या है मामला:
CNN ने टीवी पर कैदियों की रिहाई का वीडियो जारी किया था। इसमें एक कैदी से जुड़े वीडियो को लेकर कहा था कि उसकी पत्रकार क्लेरिसा वार्ड अमेरिकी पत्रकार ऑस्टिन टाइस की तलाश में सीरिया गई हुई हैं। ऑस्टिन साल 2012 में सीरिया में हुए गृह युद्ध को कवर करने पहुंचे थे। इसके बाद से वह लापता हैं।
CNN की पत्रकार क्लेरिसा वार्ड, ऑस्टिन को तलाश करते हुए सीरिया की राजधानी दमिश्क की जेल पहुंची थी। इस दौरान वीडियो में एक कमरा दिखाया गया था, जिसमें ताला लगा हुआ था। इसके बाद वहां खड़ा गार्ड ताले को तोड़ देता है। ताला तोड़ने के बाद उस कमरे में एक कैदी दिखाई देता है जो अपना नाम अदेल गुरबल बताता है।
इसके बाद पत्रकार व अन्य लोग उसे बताते हैं कि असद सरकार गिर गई है तो वह बहुत अधिक खुश हो जाता है। इसके बाद वह कहता है कि उसे 3 महीने पहले गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से वह जेल में बंद था।
CNN के वीडियो को लेकर पहले ही शुरू हो गया था विवाद
सीरिया के कैदी को लेकर CNN द्वारा जारी किए गए वीडियो के सामने आने के बाद ही सोशल मीडिया यूजर्स सवाल खड़े कर रहे थे। लोगों का कहना था कि अगर 3 महीने से कोई व्यक्ति जेल में बंद है तो फिर उसके कपड़े इतने साफ कैसे हो सकते हैं? वहीं कुछ लोगों का कहना था कि अगर कोई व्यक्ति 1 घण्टे अंधेरे में रह ले और फिर उजाले में जाए तो उसे देखने में प्रॉब्लम होगी। लेकिन यह व्यक्ति जो 3 महीने से अंधेरे कमरे में कैद है, वह कमरे से बाहर यानी उजाले में आने के बाद भी ठीक ढंग से कैसे देख पा रहा है?
सीएनएन को ऐसे ही कई अन्य सवालों का सामना करना पड़ रहा था।
Groomed beard, healthy looking, had no problem adjusting to daylight and did I mention his clothes were clean! 🤔
— ISawTheLightMAGA🇺🇸 (@JettPlain9) December 12, 2024
कुछ लोगों ने कैदी के साफ नाखूनों को लेकर भी सवाल खड़े किए थे।
So fake. Look at the manicured nails. pic.twitter.com/d66VGWz36r
— Polish Connection (@PoleConnection) December 12, 2024
वहीं कुछ यूजर्स ने तो यहां तक कह दिया कि हॉलीवुड भी इस तरह की एक्टिंग वाली फिल्म नहीं बना सकता।
Hollywood couldn’t have staged that better
— David Cheetham (@Dcheeth2) December 12, 2024
फैक्ट-चेक में खुल गई CNN की पोल
सीएनएन के वीडियो को लेकर पहले ही सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा था। इसके बाद, सीरियाई फैक्ट-चेकर ‘वेरीफाई-एसवाई’ के खुलासे के बाद मामला एक दम साफ हो गया। ‘वेरीफाई-एसवाई’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जिस कैदी को अदेल गुरबल के रूप में दिखाया गया है उसका असली नाम सलामा मोहम्मद सलामा है और उसे अबू हमजा के नाम से भी जाना जाता है। इतना ही नहीं फैक्ट-चेक में सामने आया कि यह कोई सामान्य कैदी नहीं बल्कि सीरियाई सरकार की खुफिया एजेंसी में लेफ्टिनेंट के पद पर था।
इतना ही नहीं उस पर चेक पॉइंट्स पर जबरन वसूली और लोगों को परेशान करने के भी आरोप हैं। हालांकि वह जेल कब पहुंचा या उसे कब गिरफ्तार किया गया। इसको लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि हो सकता है कि सलामा को कभी गिरफ्तार ही न किया गया हो और सीएनएन ने TRP के लिए यह सब कहानी रची हो।
गौरतलब है कि CNN की जिस पत्रकार क्लेरिसा वार्ड ने सीरिया के कैदी की फर्जी खबर दिखाई थी। वह पहले भी झूठी कहानियां रचते हुए पकड़ी गई थी। इसी साल इजराइल और हमास के बीच युद्ध के दौरान 7 अक्टूबर को वह वीडियो बनाते समय जमीन पर गिर गई थीं। पत्रकार क्लेरिसा वार्ड यह दिखाने की कोशिश कर रहीं थीं कि रॉकेट से हो रहे हमले के बीच भी वह रिपोर्टिंग कर रही हैं। हालांकि बाद में सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल करते हुए यह कहा गया था कि जिस स्थान से वह वीडियो बना रहीं थीं उसके आसपास कहीं भी रॉकेट या बम से हमला नहीं हुआ।