शादी के 44 साल बाद तलाक, जमीन बेच बीवी को देने पड़े ₹3 करोड़: हरियाणा के किसान को कोर्ट से भी नहीं मिली राहत

तलाक के लिए 3 करोड़ देने वाला दंपत्ति हरियाणा का है। दोनों का विवाह साल 1980 में हुआ था।

हरियाणा तलाक 3 करोड़

तलाक के लिए जमीन-फसल-गहने बेचकर चुकाए ₹3 करोड़ (प्रतीकात्मक चित्र-Ai)

तलाक को लेकर पत्नी द्वारा 3 करोड़ रुपए की डिमांड के चलते आत्महत्या करने वाले अतुल सुभाष का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है। इस बीच तलाक के लिए जमीन, फसल और गहने बेचकर 3 करोड़ रुपए देने का मामला सामने आया है। घटना हरियाणा की है, जहां 70 वर्षीय किसान ने अपनी 73 साल की पत्नी को शादी के 44 साल बाद तलाक दिया है। इसके लिए दोनों ने 18 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी।

रिपोर्ट्स के अनुसार, हरियाणा के करनाल जिले में रहने वाले दंपत्ति का विवाह साल 1980 में हुआ था। इस विवाह से उन्हें दो बेटियां और एक बेटा हुआ। 26 साल तक साथ रहने के बाद साल 2006 में दोनों ने अलग होने का फैसला किया। बुजुर्ग पति का आरोप है कि उसकी पत्नी मानसिक रूप से प्रताड़ित करती थी। इससे तंग आकर ही उन्होंने अपनी पत्नी से अलग होने का फैसला किया था।

इसके बाद 8 मई, 2006 से दोनों अलग रहने लगे और फिर तलाक के लिए कोर्ट में आवेदन भी कर दिया। 18 सालों से यह मामला कोर्ट में चल रहा था। इसके बाद अब जाकर दोनों ने शर्तों के साथ अलग होने पर सहमति जताई। इससे पहले, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 4 नवंबर को यह मामला मध्यस्थता केंद्र भेजा था। मध्यस्थता केंद्र में, पति-पत्नी और तीनों बच्चों की मौजूदगी में 3.07 करोड़ रुपये पर विवाह खत्म करने पर सहमति बनी।

चूंकि सेटलमेंट की रकम अधिक थी। ऐसे में बुजुर्ग पति ने पहले तो अपनी खेती वाली जमीन बेची। इससे उसे 2.16 करोड़ रुपए मिले, जिसका डिमांड ड्राफ्ट उसने पत्नी को दिया। इसके अलावा गन्ने और अन्य फसलें बेचकर 50 लाख रुपए कैश दिए। बाकी के बचे पैसे गहने बेचकर चुकाए हैं।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस जसजीत सिंह की बेंच ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि महिला को दिया जा रहा 3.07 करोड़ रुपए स्थायी गुजारा भत्ता है। इसके बाद बुजुर्ग पति के मरने के बाद भी पत्नी या उसके बच्चे संपत्ति पर किसी प्रकार दावा नहीं कर सकते।

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